Bihar Politics: ‘नीतीश पर निशाना, सम्राट को बनाया मोहरा…’, NDA को इस अंदाज में प्रशांत किशोर ने घेरा
Bihar Politics: बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. इससे पहले सियासी दलों के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है. इसी क्रम में जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सबको अपनी तरह पलटुराम बना दिया है, वो खुद तो डूबेंगे ही और भाजपा को भी पूरी तरह डूबा देंगे.
सम्राट चौधरी को लेकर ये बोले किशोर
प्रशांत किशोर ने कहा, “सम्राट चौधरी जैसे दस आदमी को नीतीश कुमार डुबाने की क्षमता रखते हैं, मुरेठा खुलवाया, इज्जत नीलाम करवाया, अब नीतीश कुमार भाजपा को ऐसा डुबाएंगे की सम्राट चौधरी में पार्टी को उठाने का दम नहीं बचेगा.” मालूम हो कि भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने महागठबंधन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि जिस दिन वो नीतीश कुमार को कुर्सी से हटाएंगे, उस दिन ही मुरेठा खोलेंगे. हालांकि, बाद में सीएम नीतीश महागठबंधन से नाता तोड़कर एनडीए में आ गए और सम्राट चौधरी को अपना उपमुख्यमंत्री बनाया. हाल ही में चौधरी ने अयोध्या में अपना मुरेठा खोला था.
ये भी पढ़ेंः MP में सीबीआई पर ब्रेक! पहली बार बीजेपी शासित राज्य में केंद्रीय एजेंसी को सरकार से लेनी होगी लिखित इजाज़त
नीतीश की अगुवाई में NDA लड़ेगी चुनाव
बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. एनडीए एक बार फिर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी. दरअसल, हाल ही में नई दिल्ली में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार ने राज्यसभा सांसद संजय झा को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया था. इस बैठक में संगठन से जुड़ा एक अहम प्रस्ताव भी पारित किया गया था, जिसमें कहा गया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राष्ट्रीय कार्यकारिणी अपनी पूरी आस्था जताएगी और 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव उनकी अगुवाई में लड़ेगी.
पिछले चुनाव में NDA-महागठबंधन में हुई थी कड़ी टक्कर
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए 125 सीटों के साथ सत्ता बचाने में कामयाब रहा था, लेकिन सबसे अधिक नुकसान उठाने वाली पार्टी सीएम नीतीश कुमार की जेडीयू रही थी. जहां जेडीयू 43 सीटों पर आ गई तो वहीं भाजपा 21 सीटों के फायदे के साथ 74 सीटों पर पहुंच गई थीं. वहीं, राजद सबसे बड़ा दल बनकर उभरा, जिसे 75 सीटें मिलीं. उसके नेतृत्व वाले महागठबंधन को 110 सीटें मिली थीं.