यूक्रेनी सेना ने इस हमले की पुष्टि की है, लेकिन इस बात की जानकारी नहीं दी कि मिसाइल ने किस विशेष लक्ष्य को निशाना बनाया और इसके कारण कितना नुकसान हुआ.
गहलोत ने पार्टी छोड़ने के पीछे की वजह को स्पष्ट करते हुए कहा कि AAP की विचारधारा समय के साथ बदल गई और उनके सिद्धांतों से भटकाव हुआ. उन्होंने विशेष रूप से “शीश महल” का जिक्र किया , जिसे उन्होंने पार्टी के मूल सिद्धांतों के खिलाफ बताया.
संबित पात्रा ने अमेरिकी जांच का हवाला देते हुए कहा, "अमेरिका में हुए एक जांच के दौरान जिन चार भारतीय राज्यों का नाम लिया गया था, उन चार राज्यों में उस समय कांग्रेस या उसके सहयोगी दलों की सरकारें थीं. ये राज्य थे - तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और छत्तीसगढ़."
अडानी ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन किया है और उन्हें पूरी तरह से आधारहीन बताया है. कंपनी ने अपनी सफाई में कहा है कि वे सभी कानूनी नियमों का पालन करते हुए काम कर रहे थे और उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है.
दोनों मामलों में यह साफ हो गया है कि सरकारें जब तक कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं करतीं, तब तक उन्हें बड़ी कानूनी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. बीकानेर हाउस और हिमाचल भवन की कुर्की के आदेश ने यह दिखा दिया है कि अगर बकाया राशि का भुगतान नहीं किया जाता, तो अदालत सख्त कदम उठा सकती है.
चुनावी माहौल में हर छोटी बात भी बड़े विवाद का रूप ले सकती है. आने वाले दिनों में इस विवाद का क्या असर होगा, यह देखना बाकी है, लेकिन फिलहाल तो महाराष्ट्र चुनाव में यह दोनों मुद्दे विपक्ष और महायुति के बीच सियासी मुकाबले को और भी तीव्र बना रहे हैं.
CG News: छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में करीब ढाई लाख किसान 400 करोड़ रुपए का धान बेचने वाले हैं और धान बेचकर किसान जहां बैंक का कर्ज चुकता करेंगे वहीं दूसरी तरफ किसान धान का पैसा ट्रेक्टर में भी इन्वेस्ट करेंगे.
बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने भी इस मुद्दे पर सपा पर जबरदस्त हमला बोला है. उन्होंने मृतका की मां का बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने सपा के समर्थकों को "लाल टोपी वाले गुंडे" बताया. अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि ये लोग फिर से मैनपुरी में एक आतंकित माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं और राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को कमजोर कर रहे हैं.
एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि आरोप लगाने वाला व्यक्ति पहले कई महीनों तक जेल में रहा है, और ऐसी स्थितियों में झूठे आरोप लगाना सिर्फ बीजेपी ही कर सकती है. उन्होंने बीजेपी के स्तर को लेकर भी कड़ी आलोचना की.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल पराली जलाने की घटनाएं पिछले साल की तुलना में कम हुई हैं. 15 सितंबर से 17 नवंबर 2024 तक पंजाब में केवल 8,404 पराली जलाने की घटनाएं रिपोर्ट की गईं, जो कि पिछले साल इस दौरान 33,082 थी.