अभी तक नुकसान की बात को खारिज करने वाले ईरान ने पहली बार ये कुबूल किया है कि अमेरिकी हमले में तीन परमाणु ठिकानों को भारी नुकसान हुआ है.
Axiom-4 Mission: Axiom-4 मिशन को कई बार स्थगित करना पद चूका था. 29 मई 2025 को मौसम और तकनीकी समस्याओं के कारण देरी हुई. हालांकि, अब यह मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च हो गया.
Israel Iran war: युद्ध शुरू होते ही मोसाद ने ईरान में आईआरजीसी कमांडर्स और न्यूक्लियर वैज्ञानिकों को टारगेट करना शुरू कर दिया.
Iran-Israel War: डोनाल्ड ट्रंप ने 24 जून को ऐलान किया कि ईरान और इजरायल के बीच 12 दिन तक चली जंग के बाद सीजफायर पर सहमति बन गई है.
इजरायल और ईरान के बीच यह जंग आज 10वें दिन में प्रवेश कर चुकी है. इन 10 दिनों में दोनों देशों को भारी नुकसान हुआ है, लेकिन कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं दिख रहा. इस संघर्ष ने तीसरे विश्व युद्ध की आशंकाओं को भी बढ़ा दिया है.
ईरान की सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती अपने देश के अंदर है. अगर ईरान अमेरिका के हमले का कोई कड़ा जवाब नहीं देता है, तो जनता में गुस्सा बढ़ सकता है और सरकार के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन या घरेलू विद्रोह हो सकता है.
Israel Iran War: अमेरिका ने ईरान के 3 न्यूक्लियर साइट्स पर बमबारी की है. इनमें फोर्दो, नतांज और एस्फहान शामिल हैं. इन तीनों ठिकानों में ईरान का सबसे सुरक्षित फोर्दो भी शामिल है.
ईरान रोज़ाना लगभग 33 लाख बैरल तेल निकालता है. भले ही ये सऊदी अरब या रूस जितना ज़्यादा न हो, लेकिन ये काफी है. सबसे बड़ी बात ये है कि ईरान एक बहुत ही खास समुद्री रास्ते पर कंट्रोल रखता है.
Israel-Iran War: अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर साइट्स फॉर्डो, नतांज और इस्फहान पर हमला किया. अमेरिका ने बंकर बस्टर बम इस्तेमाल किया. रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार ये जमीन के नीचे 200 फीट तक तबाही मचा सकते हैं
एनरिचमेंट प्लांट को तबाह करने में सिर्फ अमेरिका के GBU-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर बंकर-बस्टर बम और B-2 स्टेल्थ विमान सक्षम हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक अब इन्हीं विमानों से अमेरिका ने ईरान पर हमला किया है.