ज्योतिष के कहने पर 10 साल बाद युवक करने लगा सरनेम चेंज की मांग, हाई कोर्ट ने रद्द की याचिका
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट, बिलासपुर
Bilaspur: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में एक युवक ने अपनी 10वीं और 12वीं की मार्कशीट में सरनेम चेंज कराने की मांग करते हुए याचिका दायर की थी. इस मामले में सुनवाई के दौरान युवक ने बताया कि वह सिर्फ एक ज्योतिषि के कहने पर सरनेम चेंज कराना चाहता है. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने याचिका को रद्द कर दिया है. जानें पूरा मामला-
छत्तीसगढ़ कोर्ट ने रद्द की याचिका
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. याचिका में युवक ने 10 वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षा पास करने के 10 साल बाद सरनेम बदलने की मांग की थी. युवक अपने नाम में सरनेम पर सिदार से नायक कराना चाहता था.
ज्योतिष के कहने पर करना चाहता था बदलाव
याचिका की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट को पता चला कि युवक ने सिर्फ एक ज्योतिष के कहने पर सरनेम बदलने की मांग की है. इस पर हाई कोर्ट ने ज्योतिष की सलाह को कानूनी आधार मानने से इनकार कर दिया और याचिका को खारिज कर दिया है.
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बोर्ड परीक्षा के 10 साल बाद की सरनेम बदलने की मांग
भिलाई निवासी अमित सिंह सिदार ने सेक्टर-6 स्थित एमजीएम सीनियर सेकेंडरी स्कूल से 24 मई 2005 को 10वीं और 23 मई 2007 को 12वीं की परीक्षा पास की थी. अंक सूची में नाम अमित सिंह सिदार और पिना का नाम बसंत सिंह सिदार दर्ज है. 10 साल बाद 2016 में अमित और उसके पिता ने सरनेम बदलने के लिए ओडिशा के झारसुगुड़ा कोर्ट में हलफनामा दिया. इसके बाद ओडिशा कटक के राजपत्र में 18 मार्च 2016 और 26 अप्रैल 2016 को नए नाम प्रकाशित कराए. इसके बाद 4 नवंबर 2017 को अमित ने स्कूल के प्राचार्य को आवेदन देकर 10वीं और 12वीं की मार्कशीट में सरनेम बदलने की मांग की. प्राचार्य ने उसके आवेदन को CBSE बोर्ड को भेज दिया. 9 जनवरी 2018 से उसका आवेदन लंबित था. इस दौरान सीबीएसई बोर्ड ने उसके आवेदन पर सरनेम बदलने से इनकार कर दिया, जिस पर अमित ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.