CG Budget Session: महतारी वंदन योजना पर घिरी लक्ष्मी राजवाड़े, विपक्ष ने अपात्र को लाभ देने का लगाया आरोप, किया वॉकआउट
मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े और उमेश पटेल
CG Budget Session: छत्तीसगढ़ विधानसभा की छठवें दिन यानी की आज सरकार की फ्लैगशिप योजना महतारी वंदन योजना की गूंज रही. विपक्ष ने आरोप लगाया कि अपात्र हितग्राहियों को भी इसका लाभ दिया जा रहा है. वहीं वृद्धावस्था पेंशन के हितग्राहियों की राशि काटने पर विपक्ष ने आपत्ति जताते हुए उन्हें भी पूरी राशि देने की मांग की, जिसके लिए विभागीय मंत्री तैयार नहीं हुई. इससे नाराज होकर कांग्रेस सदस्यों ने सदन की कार्यवाही से वॉकआउट कर दिया.
अपात्र को मिल रहा महतारी वंदन योजना का लाभ – विपक्ष
विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही प्रश्नकाल में महतारी वंदन योजना को लेकर महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी घिर गई. विपक्ष के उमेश पटेल ने सवाल पूछा कि इस योजना के आवेदन कम क्यों हो गए ? इसके लिए पात्र अपात्र की क्या क्राइटेरिया है ? जिसमें महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी रजवाड़े ने बताया कि आयकर दाता न हो, उम्र 21 वर्ष से अधिक हो और विधवा या परित्यकता भी पात्र होंगे. उमेश पटेल ने कहा कि चुनावी घोषणा पत्र सभी महिलाओं को एक हजार देने का वादा किया गया था अब वृद्धावस्था पेंशन वाले हितग्राहियों की राशि 500 काटकर अंतर की राशि दी जा रही है. जिसमें विभागीय मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने आंकड़ों के जवाब दिया.
ये भी पढ़ें- सीडी कांड मामले में कोर्ट में पेश हुए भूपेश बघेल, झूठे केस में फंसाने का लगाया आरोप, जानें पूरा मामला
लक्ष्मी राजवाड़े ने दी लाभ लेने वालों की जानकारी
विपक्ष के सवालों के जवाब में मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने हितग्राहियों के संबंध में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस योजना के प्रथम पंजीयन के दौरान 70 लाख 27 हजार 154 हितग्राही थे. वर्तमान स्थिति में 69 लाख 63 हजार 621 हितग्राही लाभ ले रहे हैं. 63 हजार 533 हितग्राहियों की संख्या में कमी आई. मृत्यु, डबल पंजीयन, अपात्र होने की वजह से कमी आई. उन्होंने बताया कि फर्जी नाम से लाभ लेने का एक मामला बस्तर में प्राप्त हुआ है.
विपक्ष ने सदन से किया वॉकआउट
विपक्ष ने वृद्ध हितग्राहियों को इस योजना की पूरी राशि एक हजार देने की मांग की, जिसके लिए विभागीय मंत्री तैयार नहीं हुई, इससे नाराज होकर विपक्ष के सभी सदस्य खड़े होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सदन की कार्यवाही से बहिर्गमन कर दिया.