CG News: नौकरी लगाने के नाम पर ₹5 लाख की ठगी, High Court ने आरोपी की जमानत याचिका की खारिज
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट
CG News: हाईकोर्ट में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले आरोपी की जमानत चीफ जस्टिस की बेंच ने खारिज कर दी है. इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया है कि, लगातार हाईकोर्ट की वेबसाइट समेत जिला न्यायालय और अन्य समाचार माध्यमों में लोगों को इस प्रकार के दलाओं से सचेत किया जा रहा है, फिर भी आम जन इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. जस्टिस सिन्हा ने कहा है कि, इतने पवित्र संस्थान की छबि इस प्रकार के अपराधिक तत्व धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं. इस बारे में रजिस्ट्रार जनरल को तत्काल आवश्यक कार्रर्वाई करने का निर्देश दिया गया है.
हाई कोर्ट में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी
जय सिंह राजपूत ने ‘बीएनएसएस’ 2023 की धारा 483 के तहत यह प्रथम जमानत आवेदन प्रस्तुत किया है. इसके खिलाफ अपराध क्रमांक 415/2024 के तहत दीपका थाने जिला कोरबा में 7.दिसंबर 2024 को संजय दास ने लिखित शिकायत दर्ज करायी थी. इसके आधार पर आरोपी को गिरफ्तार किया गया है.
दरअसल शिकायतकर्ता दास की आरोपी जय सिंह की बहन सुमन सिंह राजपूत से स्कूल के दिनों से पहचान थी. फरवरी 2023, में सुमन ने उसे बिलासपुर उच्च न्यायालय में एक क्लर्क के रूप में सुरक्षित नौकरी दिलाने का दावा किया. दास ने अपने एक दोस्त अजय पाल से भी चर्चा की. सुमन और उसके भाई जय सिंह ने इसके लिए शिकायतकर्ता दास से से 4,50,000/- रु. और अजय पाल से 3,00,000/- रु क्लर्क पद के लिए देने की मांग की. उन्होंने एक व्हाट्सएप संदेश भी इन्हें दिखाया जिसमें कथित तौर पर उच्च न्यायालय ने दस्तावेज मांगे थे. इनमें आधार कार्ड, पैन कार्ड और राशन कार्ड शामिल थे । 1.03.2023 से 19.सितंबर 2023 के बीच शिकायतकर्ता व उसके साथी ने कराए गए विभिन्न मोबाइल नंबरों पर 3,67,500/- रु 1,34,500/- रु फ़ोनपे और रु. 13,000/- नकद, और कुल रु. 1,47,500/-. ट्रांसफर किये नौकरी की स्थिति के बारे में पूछता करने पर , आरोपी ने कहा कि देरी का कारण एक न्यायाधीश का स्थानांतरण है.
High Court ने आरोपी की जमानत याचिका खारिज की
फरवरी 2024 में, शिकायतकर्ता ने उच्च न्यायालय का दौरा कर पाया कि ऐसा कुछ भी नहीं है. ठगे जाने का एहसास होने पर इन लोगों नेथाने ,में शिकायत की. आरोप है कि सुमन सिंह राजपूत और उसके भाई, जय सिंह ने उससे और अजय पाल से कुल 5,15,000/- रुपये की धोखाधड़ी की है. चीफ जस्टिस ने मामले की सुनवाई करते हुए यह मुकदमा ही खारिज कर दिया और रजिस्ट्रार जनरल को आम लोगों के हित में ऐसे लोगों से बचने और भी अवश्यक कार्रर्वाई करने के निर्देश दिए हैं.