CG News: फर्जी बाबा तरुण अग्रवाल का गोवा वाला आश्रम बंद, विदेशी फंडिंग की हो रही जांच, संदिग्धों की जांच में जुटी पुलिस
फर्जी बाबा तरुण अग्रवाल
Chhattisgarh: राजनांदगांव जिले की पवित्र नगरी डोंगरगढ़ में एक फर्जी बाबा गिरफ्तार हुआ है. जहां के प्रज्ञागिरी पहाड़ी के पास बाबा एक आश्रम की आड़ में गंदा काम कर रहा था. बाबा की पहचान कांती अग्रवाल उर्फ तरुण अग्रवाल के रूप में हुई है, जो गोवा में विदेशियों को योगा की ट्रेनिंग देता था. इस मामले ने पुलिस जांच कर रही है.
फर्जी बाबा तरुण अग्रवाल का गोवा वाला आश्रम बंद
दरअसल फर्जी योगी तरुण का गोवा आश्रम भी विवादों में आने के बाद बंद हो गया. वह लीज पर जिस रिसार्ट में क्रांति योगा आश्रम चला रहा था. उसमें दिसंबर 2024 से अप्रैल 2025 के बीच तालाबंदी हो गई. इसके बाद वह डोंगरगढ़ आ गया जहां विदेशी भी उससे मिलने आने लगे थे. धीरे-धीरे यहां चल रही गतिविधियां भी संदिग्ध होने लगी और 24 जून को कार्रवाई के बाद पुलिस ने इसे सील कर दिया है.
विदेशी फंडिंग की जांच में जुटी पुलिस
डोंगरगढ़ में 20 एकड़ की जमीन पर आयुर्वेदिक उपचार केंद्र खोलने का दावा करने वाले योगी तरुण के विदेशी कनेक्शन और उसके एनजीओ की जांच पड़ताल भी शुरु हो गई है. पुलिस को उसका आइफोन भी मिला है, लेकिन इसके लॉक होने के चलते छानबीन शुरु नहीं हो पाई है. हालांकि, पुलिस ने तरुण के काल डिटेल्स हासिल कर लिए हैं. इसके अलावा उसके एनजीओ और बैंक खातों की जानकारी भी पुलिस ने जुटा ली है. तरुण के पासपोर्ट की जानकारी भी सामने आई है जिसमें उसके कई देशों की यात्रा के साक्ष्य मिले हैं.
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जांच के दौरान ऐसे करीब 30 लोगों को चिह्नित किया गया है जो उसके साथ योगाश्रम के संचालन और दूसरी गतिविधियों में जुड़े हुए हैं. इनमें कुछ विदेशियों के भी शामिल होने की बात सामने आ रही है. अपने योगाश्रम के संचालन के लिए उसने प्रशिक्षक और अन्य स्टाफ के साथ ही आइटी टीम भी हायर कर रखी थी. पुलिस अधिकारी ने बताया कि इन सभी मामलों में पड़ताल की जा रही है.
रिमांड पर लेने की तैयारी में पुलिस
साक्ष्यों के आधार पर पुलिस की जांच आगे बढ़ रही है. आरोपित योगी तरुण की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उससे जुड़े रिकार्ड खंगालने शुरु किए. काल डिटेल रिकार्ड, एनजीओ रजिस्ट्रेशन, बैंक अकाउंटस की डिटेल और उसके संपर्कों की जानकारी जुटाने के बाद उसे पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड में लिए जाने की तैयारी है.
बड़े भाई विजय से भी हुई पूछताछ
डोंगरगढ़ में योगी तरुण का योगाश्रम तैयार करने में उसका बड़ा भाई विजय अग्रवाल भी मदद कर रहा था. उसने यहां के लिए एक इलेक्ट्रिशियन भी बाहर से बुलाया था. पुलिस ने विजय से भी पूछताछ की है. उसने बताया है कि, तरुण 10 साल से गोवा में योगाश्रम चला रहा था. इससे यह भी पुष्टि हुई है कि परिवार को उसके बारे में सारी जानकारी थी.
दो इंजीनियर तैयार कर रहे थे प्रोजेक्ट, गिरफ्तारी के बाद लौटे
योगी तरुण, डोंगरगढ़ में का आयुर्वेदिक उपचार केंद्र शुरु करने की तैयारी में था. इसके लिए उसने महाराष्ट्र की एजेंसी को प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए हायर भी किया था. दो इंजीनियर यहां रहकर इस पर काम भी कर रहे थे. लेकिन 24 जून को उसकी गिरफ्तारी के वे इंजीनियर भी लौट गए.
योगाश्रम बंद हुआ तो कुंभ पहुंचा, अप्रैल में आया डोंगरगढ़
गोवा में आश्रम कम रिजार्ट की लीज रद होने के बाद दिसंबर 2024 में 22-23 तारीख को योगी तरुण गोवा से निकल गया. इसके बाद वह प्रयागराज में महाकुंभ में शामिल हुआ. यहां से वह बनारस गया और कुछ दिन वहीं रहा. अप्रैल में उसके डोंगरगढ़ आने की जानकारी दी जा रही है.