CG News: बस्तर दशहरा में निभाई गई कुटुम्ब जात्रा रस्म, देवी-देवताओं की हुई विदाई

CG News: बस्तर में 75 दिनों तक मनाये जाने वाले दशहरा पर्व की एक और महत्वपूर्ण रस्म कुटुम्ब जात्रा की रस्म की अदायगी की गई. इस रस्म मे बस्तर राजपरिवार और ग्रामीणो के अगुवाई मे बस्तर संभाग के ग्रामीण अंचलो से पर्व मे शामिल होने पंहुचे सभी ग्राम के देवी देवताओ को ससम्मान विदाई दी गई.
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कुटुंब जात्रा रस्म

CG News: बस्तर में 75 दिनों तक मनाये जाने वाले दशहरा पर्व की एक और महत्वपूर्ण रस्म कुटुम्ब जात्रा की रस्म की अदायगी की गई. इस रस्म मे बस्तर राजपरिवार और ग्रामीणो के अगुवाई मे बस्तर संभाग के ग्रामीण अंचलो से पर्व मे शामिल होने पंहुचे सभी ग्राम के देवी देवताओ को ससम्मान विदाई दी गई.

बस्तर दशहरा में हुई कुटुम्ब जात्रा रस्म, देवी-देवताओं को दी गई विदाई

शहर के गंगामुण्डा वार्ड स्थित पूजा स्थल पर श्रद्धालुओं ने अपनी-अपनी मन्नते पूरी होने पर बकरा, कबूतर, मुर्गा आदि की बलि देते है. साथ ही दशहरा समिति की ओर से सभी देवताओ के पुजारियों को रूसूम देकर ससम्मान विदा किया गया. इस वर्ष दशहरा में करीब 15 सौ गांव के देवी देवताओं की आगमन हुई थी. कई देवी इस वर्ष पहली बार पहुँची थी. बस्तर दशहरा पर्व में शामिल होने पहुंचे सभी ग्राम देवी देवताओं के छत्र व डोली को बस्तर राजपरिवार और दशहरा समिति द्वारा समम्मान विदाई दी गई.

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परंपरा के अनुसार दशहरा पर्व मे शामिल होने संभाग के सभी ग्राम देवी देवताओ को न्यौता दिया जाता है. जिसके बाद पर्व के समाप्ति पर कुटुम्ब जात्रा की रस्म अदायगी की जाती है. साथ ही मन्नते पूरी होने पर लोगो द्वारा बलि भी दी जाती है. देवी देवताओ के छत्र और डोली लेकर पंहुचे पुजारियो को बस्तर राजकुमार और दशहरा समिति द्वारा रूसूम भी दी जाती है. जिसमें कपड़ा, पैसे और मिठाइयां होती है. बस्तर मे रियासतकाल से चली आ रही यह पंरपरा आज भी बखूबी निभाई जाती है.

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