गंभीर मरीजों के लिए जीवन रक्षक केंद्र बना सिम्स का एनेस्थीसिया ICU, 414 मरीजों को मिला जीवनदान
CG News: बिलासपुर संभाग के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान सिम्स अस्पताल में एनेस्थीसिया विभाग के गहन चिकित्सा इकाई (AICU) ने बीते एक वर्ष में गंभीर मरीजों के इलाज में असाधारण सेवाएं दी हैं. इस अवधि में ICU में कुल 414 मरीजों को सफलतापूर्वक उपचार देकर स्वस्थ किया गया. इनमें से 281 मरीज गर्भवती महिलाएं थीं, जो कि जटिल परिस्थितियों में दूर-दराज से आई हुई थी.
AICU की टीम ने अत्यंत नाजुक मामलों को संभालते हुए जीवन रक्षक वेंटिलेटर, आपातकालीन ऑपरेशन तथा विशेष देखरेख की सुविधा दी. गर्भावस्था में अत्यधिक रक्तस्राव से ग्रसित 46 महिलाएं, बीपी बढ़ने से ‘इक्लेम्पीसा ’ जैसी जटिल स्थिति से पीड़ित 106 मरीज, खून की अत्यधिक कमी से पीड़ित 26 महिलाएं तथा ट्यूमर से पीड़ित 5 मरीज ICU में भर्ती किए गए.
सर्जरी विभाग द्वारा उपचार
इसके अलावा, सर्जरी विभाग के 58 गंभीर ऑपरेशन मरीज, 5 कैंसर मरीज, 18 जॉइंट रिप्लेसमेंट के बाद के मरीज, तथा सड़क दुर्घटनाओं से गंभीर रूप से घायल 19 मरीजों को भी ICU में विशेष देखरेख में रखा गया. ENT के 14 मरीज, न्यूरोसर्जरी के 5 मरीज, जिनका ऑपरेशन अत्यंत संवेदनशील था, उन्हें भी ICU में सतत निगरानी में रखा गया. इसके साथ ही पेन क्लिनिक के माध्यम से 9 मरीजों को लंबे समय से चले आ रहे दर्द से राहत दिलाई गई.
डॉ. मधुमिता मूर्ति (विभागाध्यक्ष, एनेस्थीसिया विभाग) के कुशल नेतृत्व में डॉक्टरों, नर्सों, जूनियर डॉक्टरों और स्टाफ ने अनुशासन, निष्ठा एवं सेवाभाव के साथ दिन-रात कार्य कर मरीजों को जीवनदान दिया.
ऐसे मिला नवजीवन
सूरज जाधव, 35 वर्ष, निवासी धमतरी, जो सिर में गंभीर चोट लगने के कारण वेंटिलेटर पर था, उसे रायपुर से सिम्स लाया गया. AICU में भर्ती कर उसकी गले की सर्जरी, सिर की हड्डी जोड़ने का जटिल ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया गया. 2 फरवरी 2025 को भर्ती हुए सूरज को ICU में पूर्ण देखरेख के साथ रखा गया और 6 जून 2025 को वह पूर्णतः स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो गया.
परिजनों ने जताया आभार
सूरज की बहन ने आभार जताते हुए कहा कि, “AICU की टीम और डॉक्टरों ने जिस समर्पण और संवेदना से इलाज किया, वह अविस्मरणीय है”