युक्तियुक्तकरण में गड़बड़ी: कई स्कूलों में बच्चों को पढ़ाएंगे भूत, कागजों में ड्यूटी लेकिन हकीकत में उस नाम के शिक्षक ही नहीं

CG News: सरगुजा संभाग में युक्तियुक्त करण के नाम पर बड़े स्तर पर गड़बड़ी का खुलासा हो रहा है. यह गड़बड़ी संयुक्त संचालक शिक्षा के आदेश से साफ तौर पर जाहिर हो रहा है और इसकी वजह से शिक्षक बेहद परेशान हो रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं.
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आदेश की कॉपी

CG News: सरगुजा संभाग में युक्तियुक्त करण के नाम पर बड़े स्तर पर गड़बड़ी का खुलासा हो रहा है. यह गड़बड़ी संयुक्त संचालक शिक्षा के आदेश से साफ तौर पर जाहिर हो रहा है और इसकी वजह से शिक्षक बेहद परेशान हो रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं और आने वाली दिनों में कई स्कूलों में शिक्षकों की पद स्थापना और ज्वाइनिंग को लेकर बड़ा विवाद हो सकता है. क्योंकि जिन स्कूलों में पद रिक्त नहीं है वहां भी शिक्षकों का ट्रांसफर कर दिया गया है.

सरगुजा में युक्तियुक्तकरण में गड़बड़ी

सरगुजा जिले के उदयपुर ब्लाक स्थित पूर्व माध्यमिक शाला सलका से रामचरण सिदार नामक शिक्षक का ट्रांसफर शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला सोनगेरसा जिला जशपुर बगीचा क़र दिया गया है, जबकि रामचरण सिदार नामक शिक्षक पूर्व माध्यमिक शाला सलका में पदस्थ ही नहीं है ऐसे में आखिर किस शिक्षक का तबादला किया गया है यह सवालों के घेरे में है. इसी तरह शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला घासी वार्ड अंबिकापुर सरगुजा में शिक्षक एलबी रामदास प्रधान को पदस्थ बताया गया है और इनका ट्रांसफर पूर्व माध्यमिक शाला बालक बगीचा किया गया है जबकि घासीदास वार्ड के पूर्व माध्यमिक शाला में रामदास प्रधान नामक कोई शिक्षक नहीं हैं. इतना ही नहीं अंबिकापुर ब्लॉक के सुंदरपुर स्थित शासकीय हाई स्कूल में चंद्रशेखर तिवारी का ट्रांसफर बलरामपुर जिले के तातापानी स्थित शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में किया गया है लेकिन वहां पद ही खाली नहीं है.

कागजों में ड्यूटी लेकिन हकीकत में उस नाम के शिक्षक ही नहीं

आपको यहां हम तीन अलग-अलग इस तरीके की गड़बड़ी की कहानी बता रहे हैं, लेकिन ऐसे कई मामले हैं. जानकारी के मुताबिक करीब ऐसे 22 शिक्षक हैं जिन्हें ऐसे स्कूलों में युक्तियुक्त करण के बाद ट्रांसफर किया गया है जहां पद ही रिक्त नहीं है. यही वजह है कि शिक्षकों का संगठन लगातार नए सिरे से युक्तियुक्त करण की प्रक्रिया करने की मांग कर रहा है.

सबसे हैरानी की बात तो यह है कि यह गड़बड़ी बड़े स्तर पर हुई है और जिला सरगुजा के संयुक्त संचालक हेमंत उपाध्याय के हस्ताक्षर के बाद गड़बड़ी वाले आदेश जारी हुए हैं. वहीं इस पूरे मामले में संयुक्त संचालक हेमंत उपाध्याय का कहना है कि शिक्षकों के रिक्त पदों और पदस्थ शिक्षकों की सूची उन्हें जिला कार्यालय से प्राप्त हुआ था जिसके आधार पर उन्होंने आदेश जारी किया है. उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ स्कूलों में पद रिक्त नहीं होने के बाद भी युक्तियुक्त करण के बाद शिक्षकों का वहां ट्रांसफर हुआ है ऐसी शिकायत सामने आई है जिसे ठीक किया जाएगा.

लापरवाही बरतने पर BEO सस्पेंड

शालाओं एवं शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के दौरान गलत जानकारी एवं पदों में कुटरचना करने के आरोप में विकास खण्ड शिक्षाधिकारी, रामानुजनगर पंडित भारद्वाज को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. सरगुजा संभागायुक्त नरेन्द्र कुमार दुग्गा द्वारा जारी आदेशानुसार भारद्वाज ने वरिष्ठ कार्यालय को भ्रामक एवं तथ्यहीन जानकारी भेजी, जिससे युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में गंभीर त्रुटियां सामने आईं. शाउमा स्कूल भुवनेश्वरपुर में अंग्रेजी विषय के दो रिक्त पद गलत तरीके से दर्शाए गए, जबकि वहां पहले से चार व्याख्याता कार्यरत थे. परिणामस्वरूप, दो अतिरिक्त व्याख्याताओं की अनुचित पदस्थापना हुई. सरईपारा प्रायमरी स्कूल, जगतपुर एवं देवनगर में छात्र संख्या के अनुपात से अधिक शिक्षक पद दर्शाए गए, जिससे वहां भी अतिरिक्त शिक्षकों की नियुक्ति हुई. हाई स्कूल सुमेरपुर में कला संकाय के व्याख्याता राजेश कुमार जायसवाल को विज्ञान विषय का बताकर विज्ञान विषय का पद रिक्त दर्शाया गया, जिससे एक और अतिरिक्त पदस्थापना हुई.

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