CG News: राज्योत्सव में लोगों को लुभा रहा विधानसभा के नए भवन का मॉडल, छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के स्वाद लेने लोगों की उमड़ी भीड़
CG News: नया रायपुर में निर्माणाधीन छत्तीसगढ़ के नए विधानसभा भवन का विहंगम दृश्य लोगों को रोमांचित कर रहा है. नया रायपुर के डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी उद्योग एवं व्यापार परिसर में आयोजित तीन दिवसीय राज्योत्सव में लोक निर्माण विभाग के स्टॉल में नए विधानसभा भवन और भिलाई के पॉवर हाउस में निर्मित फ्लाई ओवर के मॉडल को प्रदर्शित किया गया है.
राज्योत्सव में लोगों को लुभा रहा विधानसभा के नए भवन का मॉडल
स्टॉल में इन दोनों निर्माणों से संबंधित जानकारियां भी दर्शाई गई हैं. यहां हाल के वर्षों में लोक निर्माण विभाग द्वारा राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में निर्मित प्रमुख भवनों, सड़कों और पुलों को भी प्रदर्शित किया गया है. नया रायपुर में छत्तीसगढ़ विधानसभा का नया भवन 52 एकड़ में 273 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जा रहा है. इसके सदन में सदस्यों की बैठक क्षमता 200 होगी. नए विधानसभा भवन के एक विंग में विधानसभा सचिवालय, दूसरे में विधानसभा का सदन, सेंट्रल-हॉल, विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री का कार्यालय तथा तीसरे विंग में मंत्रियों के कार्यालय होंगे. यहां 500 दर्शक क्षमता का ऑडिटोरियम भी बनाया जाएगा. 700 कारों की पार्किंग क्षमता वाले परिसर में डेढ़-डेढ़ एकड़ को दो सरोवरों का निर्माण भी प्रस्तावित है. राज्योत्सव में इसके मॉडल को आकर्षक तरीके से प्रस्तुत किया गया है.
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राज्योत्सव स्थल पर लोक निर्माण विभाग के स्टॉल में प्रदर्शित पॉवर हाउस, भिलाई का फ्लाई ओवर राष्ट्रीय राजमार्ग-53 पर रायपुर-दुर्ग फोरलेन सड़क पर निर्मित है। 1660 मीटर लंबे और 16 मीटर ऊंचे इस फ्लाई-ओवर के नीचे भी एक फ्लाई ओवर गुजरता है जो भिलाई-नंदिनी मार्ग पर है। इस फ्लाई ओवर के पास तीन अलग-अलग ऊंचाईयों… एक सड़क और दो फ्लाई ओवर पर आवागमन देखा जा सकता है.
फूड कोर्ट में छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के स्वाद लेने लोगों की भीड़
वहीं दूसरे दिन फूड कोर्ट में पारंपरिक छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के स्वाद के लिए गढ़ कलेवा में लोगों की भीड़ देखते ही बन रही है. छत्तीसगढ़ केवल अपने सांस्कृतिक धरोहर के लिए ही नहीं जाना जाता है बल्कि यहां के बड़ा , फरा , चीला और भजिया जैसे छत्तीसगढ़ी व्यंजनों में जो स्वाद है , वह हर छत्तीसगढ़िया के मुंह में बसा हुआ है. उड़द दाल से बने बड़े व्यंजन का शादी-ब्याह और पितर में विशेष चलन है. चावल आटा से बना फरा दो तरह से बनता है पहला मीठा ,जिसमे फरा में गुड़ का घोल उपयोग होता है और दूसरा भाप में पकाया हुआ जिसको बघार लगाकर अधिक स्वादिष्ट किया जाता है.
चीले के दो रुप प्रचलन में है, मीठा और नमकीन
चावल के आटे में नमक डालने से नुनहा चीला बनता है एवं घोल में गुड़ डाल देने से गुरहा चीला. इन दोनों चीले का स्वाद हरी मिर्च और पताल की चटनी से बढ़ जाता है. उड़द की पीठी या बेसन दोनों से भजिया बनाने का रिवाज है. छत्तीसगढ़ी व्यंजन संतुलित, स्वास्थ्यवर्धक और स्वादिष्ट होते हैं. साथ ही पारंपरिकता की सौंधी महक इनको बेजोड़ बनाती है.