Chhattisgarh: राजनांदगांव में मत्स्य विभाग के सहायक संचालक के खिलाफ 2.16 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का मामला आया सामने, FIR दर्ज

Chhattisgarh News: राजनांदगांव में मत्स्य विभाग के सहायक संचालक गीतांजलि गजभिए के खिलाफ 2.16 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार के मामले में एफआईआर दर्ज कर लिया गया है. जिले के मछली विभाग में करोड़ों रुपए के मत्स्यपालन में किए गए हेराफेरी के मामले में जांच के बाद तत्कालीन सहायक संचालक गीतांजलि गजभिये और केज-बीज सप्लाई करने वाले तीन फर्मों के खिलाफ धोखाधड़ी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है.
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Chhattisgarh News: राजनांदगांव में मत्स्य विभाग के सहायक संचालक गीतांजलि गजभिए के खिलाफ 2.16 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार के मामले में एफआईआर दर्ज कर लिया गया है. जिले के मछली विभाग में करोड़ों रुपए के मत्स्यपालन में किए गए हेराफेरी के मामले में जांच के बाद तत्कालीन सहायक संचालक गीतांजलि गजभिये और केज-बीज सप्लाई करने वाली तीन फर्मों के खिलाफ धोखाधड़ी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. साल 2021-22 में हुए इस फर्जीवाड़े में महिला अफसर ने अपने रिश्तेदारों को फर्जी तरीके से हितग्राही बनाकर 2 करोड़ 16 लाख रुपए की गड़बड़ी की थी.

जानिए कैसे घोटाले का हुआ खुलासा?

पिछले महीने हितग्राहियों को योजनांतर्गत लिए गए ऋण के भुगतान के लिए जब नोटिस जारी हुआ, तब घोटाले का खुलासा हुआ. ऐसे कई हितग्राही थे, जिनकी जानकारी के बगैर फर्जी तरीके से मछलीपालन के लिए केज-बीज की खरीदी की गई थी. मिली जानकारी के मुताबिक तत्कालीन सहायक संचालक गीतांजलि गजभिये ने अपने कार्यकाल के दौरान योजना के तहत फर्जी ढंग से ऐसे हितग्राहियों के नाम केज खरीदी की थी, जिन्हें इनके बारे में कोई जानकारी नहीं थी. हितग्राहियों को मिलने वाली सब्सिडी राशि फर्जी दस्तावेजों के जरिये केज-बीज सप्लायरों के फर्मों को ट्रांसफर कर दिया गया। इस तरह 2 करोड़ 16 लाख रुपए का घोटाला किया गया. केज खरीदी के नाम पर हुए घोटाले के लिए विभाग में पदस्थ ड्राईवर और भृत्य की मां और बेटी को भी हितग्राही बनाया गया। सहायक संचालक ने अपनी सगी ननद हेमलता रामटेके और छुईखदान के भुवनलाल को भी लाभार्थी बना दिया.

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सीएसपी पुष्पेंद्र नायक ने दी जानकारी

जांच में सामने आया कि अलग-अलग समूह का प्रमुख बताकर दोनों को आर्थिक लाभ पहुंचाया गया. जबकि इनका समूह जांच में नहीं मिला. इस मामले का खुलासा होने के बाद लगातार प्रशासन पर जांच के लिए दबाव बना. संचालनालय की एक टीम ने पूरे मामले की जांच की है। टीम ने पाया कि लाभार्थियों को आर्थिक फायदा पहुंचाया गया है. इनके नाम पर बड़ी राशि निकाली गई है.

संचालनालय के जांच प्रतिवेदन के आधार पर विभाग ने कोतवाली थाना में धारा 420, 409, 120-बी के तहत अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। सहायक संचालक गीतांजलि गजभिये के अलावा बिलासपुर की सप्लायर कंपनी मेसर्स स्टॉर, फिगेश्वर की एसएस एक्वा कल्चर और रायपुर की एसएस एक्वा फीड कंपनी के खिलाफ सरकारी राशि में गबन, धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने के आरोप के तहत जुर्म दर्ज किया गया है. जिले के मौजूदा सहायक संचालक एसके साहू ने कोतवाली में मामला दर्ज करवाया है.

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