Chhattisgarh: वक्फ बोर्ड के बाद अब मिशन की जमीन पर सरकार वापस ले रही कब्जा, 6 दिन के भीतर खाली करने का मिला अल्टीमेटम
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में पहले वक्फ बोर्ड और अब मिशन की प्रॉपर्टी की लिज़ समाप्त हो जाने के बाद, छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के निर्देश पर उसे जिला प्रशासन वापस अपने कब्जे में ले रही है. ऐसी स्थिति में मिशन हॉस्पिटल और अस्पताल परिसर में रहने वाले सैकड़ो लोग अब बेघर हो गए हैं. महज 3 दिन के भीतर 60 साल से ज्यादा समय से निवासरत लोगों को अब अपना घर छोड़ना होगा..! ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन, नगर निगम और मिशन अस्पताल प्रबंधन की तरफ से दिए गए जवाब बेहद रोचक हैं.! वही बेघर हो रहे हैं गरीब ईसाई और अन्य धर्म को मानने वाले लोगों ने जिला प्रशासन के सामने रो-रो कर विनती की है ताकि, उन्हें तीन और दिन मिल सके और वे अपना सालों पुराना आशियाना छोड़ सके.
वक्फ बोर्ड के बाद अब मिशन की जमीन पर सरकार वापस ले रही कब्जा
बिलासपुर में राजस्व अभिलेख में वर्ष 1982 से लेकर अब तक निरंतर अपनी मौजूदगी दर्ज करने वाले जैकमैन मेमोरियल मिशन अस्पताल की सीट नंबर 14 प्लाट नंबर 20/1 और 21 में स्थित जमीन अब लीज की अवधि समाप्त होने पर राज्य सरकार वापस ले रही है. इसके लिए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने भी निर्देश दे दिए हैं. ऐसी स्थिति में मिशन अस्पताल प्रबंधन की तरफ से अपना जवाब जिला प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत कर दिया है और अब जल्द ही तकरीबन 14 एकड़ की जमीन मिशन अस्पताल और गिरजाघर से लेकर सर्वेंट क्वार्टर तक सब कुछ ईसाई मिशनरियों से छीन लिया जाएगा. ऐसे अचानक बेघर होने पर अस्पताल प्रबंधन और मिशन अस्पताल परिसर में रहने वाले इन लोगों ने जिला प्रशासनके सामने रोते बिलखते हुए फरियाद की है और उनसे कहा है कि, सरकार उनका आशियाना न छीने। लेकिन जिला प्रशासन और राजस्व के अधिकारियों ने इन गरीब मिशनरियों को महज तीन दिन की अतिरिक्त मोहलत दी है. ऐसी स्थिति में बेघर होने वाले इन गरीब ईसाई और उसमें काम करने वाले कर्मचारियों ने अस्पताल प्रबंधन के द्वारा अंधेरे में रखे जाने का गंभीर आरोप लगाया गया है.
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जिला प्रशासन ने 6 दिन के भीतर खाली करने का दिया अल्टीमेटम
इस पूरे मामले को लेकर जैकमैन मेमोरियल मिशन अस्पताल प्रबंधन के तरफ से डॉ रमन जोगी ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के निर्देश के बाद अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया है और उन्होंने कहा कि वे शासन प्रशासन के नियमों और निर्देशों का शत प्रतिशत पालन करने वाले हैं। यही वजह है कि, वे जल्द ही अपने पूरे मेडिकल स्टाफ और अन्य लोगों के साथ मिशन अस्पताल की ये जमीन खाली कर देंगे और इसका पूरा स्वामित्व जिला प्रशासन को सौंप देंगे. ईसाइयों के साथ उनके जमीन वापस लिए जाने वाले इस व्यवहार को लेकर अस्पताल प्रबंधन की तरफ से डॉक्टर रमन जोगी ने यह स्पष्ट कर दिया कि, किसी भी स्तर पर यह जायज़ प्रतीत नहीं होता , हालांकि उन्होंने मिशन की जमीन के लिज़ के नवीनीकरण के लिए आवेदन जरूर किया था, जिसे जिला प्रशासन ने जानबूझकर निरस्त कर दिया है. ऐसी स्थिति में भला उन्हें जमीन खाली करने के अलावा और कौन सा विकल्प दिया गया है..?