Chhattisgarh: बिलासपुर पुलिस का बड़ा एक्शन, चिट फंड कंपनी बनाकर 10 करोड़ की ठगी करने के मुख्य आरोपी को दबोचा
Chhattisgarh News: करियर ड्रीम एजुकेशनल एकेडमी नाम से चिटफंड कंपनी बनाकर लगभग 10 करोड़ रुपए की की गई है, ठगी करने वाले कंपनी के मुख्य सरगना को बिलासपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपी अरुण वर्मा पिता उमेंद सिंह वर्मा उम्र 34 वर्ष निवासी ग्राम टुंड्री, थाना बिलाईगढ, जिला सारंगढ़ का रहने वाला है जो नाम बदल-बदल कर कई जगह अलग-अलग स्थान पर रह रहा था. उसने लोगों को लालच देकर उनके पैसों का निवेश कराकर धोखाधड़ी किया गया है. आरोपी एवं उसके अन्य साथियों के विरुद्ध बिलासपुर जिले में 07 प्रकरण एवं सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले में 01 प्रकरण कुल 08 प्रकरण पंजीबद्ध है, सभी प्रकरणों में आरोपी विगत 6 वर्षों से फरार था, जिसे भोपाल से गिरफ्तार कर लाया गया है.
बिलासपुर पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार
पुलिस अधीक्षक बिलासपुर रजनेश सिंह के द्वारा बिलासपुर जिले में चिट फंड कंपनियों के विरुद्ध दर्ज लंबित प्रकरणों की समीक्षा कर लगातार कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं, एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अर्चना झा को चिट फंड प्रकरणों का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के मार्गदर्शन में चिटफंड संबंधी लंबित प्रकरणों में लगातार समीक्षा कर फरार आरोपियों को गिरफ्तार करने एवम संपत्ति चिन्हित कर कुर्क कराने की दिशा में कार्य किया जा रहा है. समीक्षा के दौरान पाया गया कि आरोपी अरुण कुमार वर्मा के विरुद्ध थाना सरकंडा में 04 प्रकरण थाना कोतवाली में 02 प्रकरण एवं थाना कोनी में 01 प्रकरण तथा थाना बिलाईगढ़, जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ में 01 कुल 08 प्रकरण दर्ज है, जो की वर्ष 2018 से ही परिवार सहित फरार है .
टीम द्वारा फरार आरोपी अरुण कुमार वर्मा के संबंध में लगातार एकत्रित कर रही थी आरोपी के घटना समय से लेकर आज दिनांक तक के संबंध में मिलने वाले हर जानकारी पर का बारीकी से विश्लेषण कर वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में कार्य किया जा रहा था इसी दौरान मिले तकनीकी विश्लेषण से जानकारी प्राप्त हुआ कि आरोपी अरुण कुमार वर्मा वर्तमान में जिला अलवर राजस्थान में रहता है एवं उसका परिवार भोपाल मध्य प्रदेश में रह रहा है, उपरोक्त सूचना से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराकर निर्देशानुसार उप निरीक्षक कृष्णा साहू, आरक्षक वीरेंद्र साहू व रंजीत खांडे को भोपाल भेजा गया, भोपाल पहुंचने पर पता चला की आरोपी भोपाल से इंदौर चला गया है, जिसके वापस आने का इंतजार किया गया और अंततः आरोपी को आयकर कॉलोनी भोपाल से उसके किराए के मकान से हिरासत में लेकर थाना लाया गया है.