बीजापुर के जंगलों में गूंज रही गोलियों की आवाज़, चुन-चुन कर मारे जा रहे हैं नक्सली, ऑपरेशन ‘सांय-सांय’ से ‘लाल आतंक’ की टूटी कमर!

सुरक्षाबल अब नक्सलियों की जगह-जगह नाकेबंदी कर रहे हैं, और जंगलों में गश्त बढ़ा दी है. इसके अलावा, अब हवा से भी नक्सलियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है. ड्रोन और हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल भी किया जा रहा है, जिससे नक्सलियों के छिपने के ठिकानों का पता चलता है.
Bijapur Encounter

बीजापुर में मुठभेड़

Bijapur Encounter: अगर आप भी वही सोच रहे हैं कि ये ‘बीजापुर में मुठभेड़’ वाली खबर तो कितनी बार सुनी है, तो थोडा रुकिए! यह कहानी सिर्फ एक मुठभेड़ की नहीं है, बल्कि एक बड़े संघर्ष की है, जो छत्तीसगढ़ के घने जंगलों में हर दिन चल रहा है.

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में अब तक 22 नक्सली मारे गए हैं. इस घटना में एक जवान ने भी अपनी जान गंवाई है. वैसे यह कोई पहली बार नहीं हुआ है, इससे पहले भी छत्तीसगढ़ के जंगलों में ऐसे कई संघर्ष हो चुके हैं. बात करें पिछले साल से अब तक की, तो कुल मिलाकर 200 से ज़्यादा नक्सली ढेर हो चुके हैं.

2026 तक होगा नक्सलियों का खात्मा!

नक्सलियों के लिए जंगलें घर जैसी हैं. उनका आधार इन्हीं घने जंगलों में है, जहां वो छिपकर सुरक्षा बलों को झटका देने की कोशिश करते हैं. लेकिन, अब सुरक्षाबल इन जंगलों में घुसकर उनका मुकाबला कर रहे हैं. इस बार बीजापुर और दंतेवाड़ा के बीच के इलाके में हुआ संघर्ष भी खास था. सुरक्षाबल पूरी ताकत से नक्सलियों के खिलाफ मुकाबला कर रहे हैं. यहां गौर करने वाली बात ये है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी 2026 तक लाल आतंक पर अंतिम प्रहार की बात कह चुके हैं. इसी कड़ी में आए दिनों छत्तीसगढ़ के घने जंगलों में नक्सलियों से मुठभेड़ होती रहती है. पिछले साल से लेकर अब तक कुल 11 बड़े एनकाउंटर हुए हैं. हर बार, एक के बाद एक मुठभेड़ में नक्सली मारे जा रहे हैं, और सुरक्षाबल की रणनीतियां और भी तेज होती जा रही हैं.

11 बड़े नक्सली एनकाउंटर

20-21 जनवरी 2025

गरियाबंद

16 नक्सली ढेर

16 जनवरी 2025

बीजापुर

18 नक्सली ढेर

22 नवंबर 2024

सुकमा

10 नक्सली ढेर

4 अक्टूबर 2024

थुलथुली मुठभेड़

38 नक्सली ढेर

3 सितंबर 2024

दंतेवाड़ा

9 नक्सली ढेर

15 जून 2024

अबूझमाड़

8 नक्सली ढेर

23 मई 2024

अबूझमाड़

8 नक्सली ढेर

10 मई 2024

बीजापुर

12 नक्सली ढेर

29 अप्रैल 2024

नारायणपुर

10 नक्सली ढेर

16 अप्रैल 2024

कांकेर

29 नक्सली ढेर

12 अप्रैल 2024

बीजापुर

13 नक्सली ढेर

नक्सलियों को कैसे हराया जा रहा है?

दरअसल, सुरक्षाबल अब नक्सलियों की जगह-जगह नाकेबंदी कर रहे हैं, और जंगलों में गश्त बढ़ा दी है. इसके अलावा, अब हवा से भी नक्सलियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है. ड्रोन और हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल भी किया जा रहा है, जिससे नक्सलियों के छिपने के ठिकानों का पता चलता है.

लेकिन ये सिर्फ एक तरीका है. सरकार अब उन इलाकों में विकास कार्यों पर भी जोर दे रही है, जहां नक्सली एक्टिव रहते हैं. सड़कें, स्कूल, अस्पताल, और रोजगार के मौके, ये सब नक्सलियों का समर्थन घटाने में मदद कर रहे हैं. आदिवासी इलाकों में विकास से लोग नक्सलियों के प्रभाव से बाहर निकलने की कोशिश में हैं.

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नक्सलियों के खिलाफ लगातार ताकत बढ़ा रहे हैं सुरक्षाबल

सुरक्षाबल नक्सलियों के खिलाफ लगातार ताकत बढ़ा रहे हैं. और यही नहीं, वो पूरे इलाके में शांति और विकास के रास्ते खोलने के लिए भी कदम उठा रहे हैं. ये लड़ाई कोई आसान नहीं है, क्योंकि जब तक नक्सलियों के समर्थन वाले लोग अपने हालातों में बदलाव नहीं महसूस करते, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा.

जंगल में चल रही ये जंग सिर्फ गोलियों की नहीं है, बल्कि लोगों की आवाज़, उनके अधिकार और उनका विकास भी है. जैसे जैसे सुरक्षाबल की रणनीतियां और तेज़ होती जाएंगी, वैसे वैसे नक्सलियों का दबदबा कम होगा.

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