Chhattisgarh: राजनांदगांव में नेशनल हाईवे पर सड़कों पर बैठे रहते हैं मवेशी, काऊकेचर से हो रहा पौधे ले जाने का काम
Chhattisgarh News: राजनांदगांव में सड़क पर बैठी गाय की वजह से आए दिन कई हादसे होते हैं. इसके बावजूद सड़क से मवेशियों को हटाने के लिए कोई कार्ययोजना दिखाई नहीं दे रही है. नगर निगम द्वारा सड़क पर बैठी गाय को उठाने के लिए काऊकेचर रखा गया है, लेकिन यह काऊकेचर पौधे ले जाने के काम आ रहा और सड़क के बीच गाय बैठी हुई है. जिससे मवेशियों के साथ वाहन चालकों की जान का खतरा भी बना हुआ.
काऊकेचर से पौधे ले जाने का हो रहा काम
गांव की सड़क पर गाय का मिलना आम बात है पर स्टेट हाईवे और नेशनल हाईवे पर मवेशियों का जमावड़ा हो तो व्यवस्था पर सवाल उठना लाज़मी भी है. सड़क पर बैठी मवेशियों की वजह से कई हादसे होते हैं. जिसमें वर्ष भर में ही दर्जनों लोगों की मौत हो जाती है. अधिकांश हादसे रात के वक्त होते हैं, जिसमें सड़क पर बैठी गाय दूर से नजर नहीं आती है, और दो पहिया वाहन चालक सीधे मवेशियों से टकरा जाते हैं. वहीं भारी वाहनों की टक्कर से मवेशियों की जान भी चली जाती है. शहर के रेलवे ओवर ब्रिज की ढलान पर ही मवेशियों के बैठै होने के चलते भी कई बार लोग गिरकर घायल होते हैं, तो वही नेशनल हाईवे पर भी बड़ी संख्या में मवेशी सड़क के बीचो-बीच बैठी नजर आती है. शहर के रेवाडीह चौक के समीप प्रतिदिन दर्जनों मवेशी सड़क पर बैठी रहती है. वहीं रात के वक्त भी इस क्षेत्र में मवेशियों का जमावड़ा देखा जाता है. जिसके चलते मेडिकल कॉलेज अस्पताल जाने वाले लोगों सहित नेशनल हाईवे से होकर गुजरने वालों के लिए सड़क पर बैठी मवेशी मुसीबत का सबब बनती है. इस मामले में नगर निगम आयुक्त का कहना है कि मवेशियों को पकड़ने कार्यवाही की जाती है, लेकिन कांजी हाऊस में भी जगह नहीं है.
मवेशियों को सड़क से हटाने के लिए नगर निगम नहीं कर रहा काम
नगर निगम द्वारा सड़क पर बैठी इन मवेशियों को सड़क से हटाने के लिए कुछ समय पूर्व अभियान चलाया गया था, लेकिन इसके बाद बीते लगभग 2 वर्षों से इस ओर कोई भी अभियान दिखाई नहीं दे रहा है. शहर में घूमने वाले आवारा मवेशियों की पहचान को लेकर मवेशियों के कान में टैगिंग भी नहीं किया गया है. टैगिंग सिस्टम के माध्यम से पशुपालक का नाम, मोबाइल नंबर, गाय की ब्रीड, कलर सहित अन्य जानकारी पता की जा सकती है. जिसके माध्यम से पशुपालकों को हिदायत देने के साथ ही उन पर दंडात्मक कार्रवाई हो सकती है, लेकिन यह योजना भी धरातल पर नहीं है जिसके चलते पशुपालक अपने मवेशी सड़क पर घूमने के लिए छोड़ देते हैं.