Chhattisgarh: स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने रायपुर के अस्पतालों का किया निरीक्षण, अव्यवस्था पर अधिकारियों को लगाई फटकार
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार आने के बाद लगातार स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार का काम किया जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल खुद प्रदेश भर के सरकारी अस्पतालों का निरीक्षण कर वहां के स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल जान रहे है. श्याम बिहारी जायसवाल मंत्री के बाद अब तक 4 बार प्रदेश के सबसे बड़े आंबेडकर अस्पताल का निरीक्षण कर चुके है.
अस्पताल में अव्यवस्था देखकर भड़के स्वास्थ्यमंत्री जायसवाल
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल गुरुवार सुबह 6:30 बजे जोगिंग के ड्रेस में अचानक रायपुर के अस्पतालों के निरीक्षण पर निकल गए. निरीक्षण की शुरुआत मेकाहारा अस्पताल से हुई. सबसे पहले स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल जब अस्पताल परिसर पहुंचे तब वहां हेल्प डेस्क पर कोई नहीं मिला. इस दौरान उन्होंने सिक्योरिटी कर्मी को बुलाकर फटकार लगाई और कोई भी हेल्प डेस्क पर न होने की वजह जानी. जिसके बाद वह मेडिसिन डिपार्टमेंट में पहुंचे जहां लोग बाहर फर्श में लेटे मिले. इस दौरान उन्होंने तमाम लोगों से बातचीत कर पूछ उनका हाल-चाल जाना कई लोगों ने समस्या बताई. उसका भी तुरंत निराकरण स्वास्थ्य मंत्री ने किया और अपने सहयोगी को तमाम लोगों के नंबर नोट करने को कहा. जब वह अस्पताल के कैजुअल्टी विभाग में पहुंचे तब स्थिति खराब मिला वहां पर एक डेड बॉडी को खुले में छोड़ दिया गया था. जिससे वह चिंतित नजर आए और अस्पताल अस्पताल प्रबंधन से जल्द उसे शिफ्ट करवाने या फिर फ्रीजर में रखने का आदेश दिया.
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अधिकारियों को लगाई फटकार
छत्तीसगढ़ सरकार कोलकाता में हुई घटना को लेकर चिंतित है. जिसके लिए स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल अस्पताल परिसर से निकलने के बाद सीधे हॉस्टल पहुंच गए. रास्ते में पुराने हॉस्टल की बिल्डिंग मिली जिसे कई सालों से नहीं गिराया गया था. तो त्वरित रूप से मंत्री ने ईई को आदेश कर पुरानी बिल्डिंग को गिराने को कहा. वही हॉस्टल के अंदर भी कई समस्याएं सामने आई जिसे उन्होंने जल्द प्रस्ताव बनाकर पीडब्ल्यूडी विभाग भेजने और काम शुरू करने को कहा. स्वास्थ्य मंत्री के त्वरित फैसले से अस्पताल के इंटर्न डॉक्टर खुश हो गए और स्वास्थ्य मंत्री का धन्यवाद देने लगे. वहीं डॉक्टरों की सुरक्षा को मंत्री ने आर्मी से रिटायर्ड अफसर को सुरक्षा के लिए नियुक्त करने का फैसला लिया.
स्वास्थ्य मंत्री के अचानक अस्पताल पहुंचने से निश्चित तौर पर स्वास्थ्य सुविधाएं सजग होगी क्योंकि डॉक्टर और अधिकारी या फिर सुरक्षा स्टाफ के बीच में एक डर रहेगा कि मंत्री कभी भी मिशन के लिए पहुंच जाते हैं.