Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा मजदूर कार्यकर्ता समिति के कलादास डेहरिया ने NIA की छापेमारी पर कहा- मुझे जबरन फंसाया जा रहा
Chhattisgarh News: दुर्ग जिले के जामुल स्थित लेबर केम्प मैं 25 जुलाई को एनआईए की टीम ने रेला एनजीओ से जुड़े मामले को लेकर कलादास डेहरिया के घर छापा मार कार्रवाई की थी, आज छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा मजदूर कार्यकर्ता समिति के द्वारा निजी होटल में पत्रकारवार्ता किया गया. पत्रकारवार्ता में कलादास डेहरिया ने कहा कि मुझे जबरन फंसाया जा रहा है. मैं एक कलाकार हूं हर जगह जाकर अपना कला प्रस्तुत करता हूं कोई भी मुझसे आकर मिलता है, वह नक्सली है या मुझे नहीं पता,एनआईए के द्वारा कोई भी कार्यवाही के लिए मैं तैयार हूं.
मुझे जबरन फंसाया जा रहा – कलादास डेहरिया
कलादास डेहरिया ने कहा कि वर्ष 2008-09 में मुझे और नाचा गम्मत टीम ने नशाखोरी के खिलाफ पूरे छत्तीसगढ़ में जन जागरण यात्रा निकाली थी, जिसके सम्मान में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कलादास डेहरिया के घर जाकर पुरस्कार दिया था. मुझे को फर्जी मामले में फंसाने की साजिश की जा रही हैं. आप सभी जानते हैं कि शहीद शंकर गुहा नियोगी ने इन मुद्दों को लेकर देशव्यापी आंदोलन चलाया था,जिससे हमारे देश की व्यवस्था और उद्योगपतियों को यह पसंद नहीं आया और 28 सितंबर 1991 को सोते समय उनकी हत्या कर दी गई. विश्व रंजन को सबसे पहले नक्सलवादी कहा गया था. शायद उसी तर्ज पर नियोगी के सिपाहियों को दबाने की साजिश मजबूती से चल रही है, जिसका एक हिस्सा हम सुधा भारद्वाज की गिरफ्तारी भी देख सकते हैं, जो मजदूरों, किसानों और आदिवासियों के लिए मुखर होकर आवाज उठाती रही हैं.
वे दलितों के लिए सड़क और कोर्ट दोनों जगह लड़ती रही हैं, और आज भी लड़ रही हैं, उन्होंने ने कहा कि जनता की आवाज उठाने वाले लोगों को चुपकरा दिया जाए ताकि देश के मजदूर वर्ग को राहत मिल सके. उन्हें वापस गुलामी में ले जाया जाए. जिसमें जनता को वही करना होगा जो नेता और उद्योगपति कहेंगे, यानी वे जनता को जानवर समझकर उसका इस्तेमाल करेंगे और वह सिर्फ वोटिंग मशीन बनकर रह जाएगी.
प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रखी अपनी बात
वहीं हाई कोर्ट वकील शालिनी का कहना है कि आज भी हमारा देश आजाद नहीं बल्कि गुलाम है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि आजादी की लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति देने वाले हजारों शहीदों के बलिदान के परिणामस्वरूप एक अच्छा संविधान और लोकतंत्र बना जिसमें हमें मौलिक अधिकारों के साथ निजता का अधिकार भी मिला। छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा मजदूर कार्यकर्ता समिति आप सभी से आह्वान करती है कि ऐसे जुल्म के खिलाफ आवाज उठाएं.