Chhattisgarh: जानिए मनरेगा योजना से बने कुएं ने कैसे बदली बिलासपुर के ग्रामीणों की जिंदगी, दो फसल लेने से बढ़ी आमदनी

Chhattisgarh News: मनरेगा योजना से जिले के ग्रामीणों की जिंदगी संवर रही है रही है. मनरेगा के तहत कराए जा रहे कार्यों से ना केवल उन्हें रोजगार मिल रहा है, बल्कि इन कार्यों से उन्हें आजीविका का साधन भी मिल गया है. शासकीय योजनाओं से ग्रामीणों को समय-समय पर अवगत कराया जा रहा है. जिसका फायदा उठा कर उनके जीवन में बदलाव आ रहा है. 
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Chhattisgarh News: मनरेगा योजना से जिले के ग्रामीणों की जिंदगी संवर रही है रही है. मनरेगा के तहत कराए जा रहे कार्यों से ना केवल उन्हें रोजगार मिल रहा है, बल्कि इन कार्यों से उन्हें आजीविका का साधन भी मिल गया है. शासकीय योजनाओं से ग्रामीणों को समय-समय पर अवगत कराया जा रहा है. जिसका फायदा उठा कर उनके जीवन में बदलाव आ रहा है.

जिले से लगभग 60 कि.मी. दूर मस्तूरी ब्लॉक के ग्राम कुकुर्दीकला की निवासी कृष्णा बाई को भी मनरेगा के तहत लाभ मिला. हितग्राही कृष्णा बाई के पास सिंचाई का साधन नहीं होने से खेती करने में बड़ी परेशानी होती थी. उन्होंने बताया की उनके पास लगभग 2 एकड़ खेत है, लेकिन सिंचाई साधन न होने से उनको खेती करने में परेशानियों का सामना करना पड़ता था. हितग्राही को शासन द्वारा मनरेगा के तहत दिए जाने वाले योजना की जानकारी मिली. जिससे उन्होंने कूप निर्माण कार्य की आवश्यकता का प्रस्ताव रखा गया। कूप निर्माण का काम मनरेगा के तहत पंजीकृत श्रमिको के सहयोग से 512 दिन मानव दिवस सृजित कर पूर्ण कराया गया.

इस तरह 60-70 परिवारों को मिला उनका हक

इस कार्य में मनरेगा श्रमिकों को रोजगार का अवसर मिला जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ और आमदनी भी मिली. कुंआ बन जाने से हितग्राही को मनरेगा के तहत रोजगार मिला. पानी की पर्याप्त मात्रा मिलने से उनको खेती करने में अब कोई परेशानी नहीं होती है. खेतों में अब सिंचाई के पर्याप्त साधन होने से फसल की पैदावार बढ़ी. अब हितग्राही श्रीमती कृष्णा बाई खरीफ और रबी दोनों फसलों का उत्पादन अपने खेतों में करती है. हितग्राही को अब साल में 60-70 हजार रुपए का मुनाफा हो रहा है जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आया है. इसके अलावा 60 70 परिवारों को भी इसी तरह इसका लाभ मिलता आया है.

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इस तरह जिंदगी गुजार रहे हितग्राही परिवार

अब हितग्राही का परिवार सुखद जीवन जी रहा है और अधिक फसल उत्पादन से अपने आस-पास के लोगों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन रहे है. कृष्णा बाई ने सपरिवार शासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके इतने बड़े आर्थिक संकट में सरकार ने उन्हें सहारा दिया. अब वे शासन की योजनाओं की जानकारी अपने गांव के अन्य जरूरतमंद लोगों को भी दे रहीं है.

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