Chhattisgarh: नई नक्सलवादी आत्मसमर्पण नीति 2025 लागू, सरेंडर करने वाले नक्सलियों को छत्तीसगढ़ सरकार की बड़ी गारंटी

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ सरकार की नई नक्सलवादी आत्मसमर्पण नीति से सरेंडर करने वाले नक्सलियों के लिए विकास के द्वार खुलेंगे.
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फाइल इमेज

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में साय सरकार लगातार ‘लाल आतंक’ पर कड़ा प्रहार कर रही है. साथ ही नक्सलवाद के अंत के लिए नक्सलियों को सरेंडर करने की अपील भी कर रही है. साय सरकार ने प्रदेश में नक्सलवाद से प्रभावित क्षेत्रों के लिए एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाते हुए नक्सलवादी आत्मसमर्पण, पीड़ित राहत पुनर्वास नीति-2025 को लागू कर दिया है. इस नीति में आत्मसमर्पण करने वालों के लिए खास प्रावधान किए गए हैं. इस नीति के तहत न सिर्फ आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सुरक्षा दी जाती है, बल्कि उन्हें पुनर्वास, रोजगार, और सम्मानजनक जीवन की गारंटी भी दी गई है.

नई नक्सलवादी आत्मसमर्पण नीति 2025 लागू

अब वक्त है हथियार छोड़कर कलम, खेती और अपने रुचि के रोजगार व्यवसाय का प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनने का. छत्तीसगढ़ सरकार हर कदम पर साथ देने को तैयार है. छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी नई नक्सलवादी आत्मसमर्पण नीति 2025 लागू कर दी है, जिसके जरिए आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए ऐसी व्यवस्था की गई है कि वह सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें.

मुख्य धारा में लौटने का दरवाजा पूरी तरह खुला

इस नीति के जरिए राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि हिंसा के रास्ते पर चल रहे युवाओं के लिए अब समाज की मुख्य धारा में लौटने का दरवाजा पूरी तरह खुला है और वह भी सम्मान और भरोसे के साथ. CM विष्णु देव साय ने खुद आह्वान किया है कि जो भी युवा हिंसा का रास्ता छोड़कर विकास और शांति की राह पर लौटना चाहते हैं, राज्य सरकार उनका पूरा सहयोग करेगी.

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जानें नई नीति की खासियत

  • नई नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वालों को ट्रांजिट कैंप या पुनर्वास केंद्र में रखा जाएगा, जहां उन्हें उनकी रुचि के अनुसार किसी न किसी हुनर में प्रशिक्षित किया जाएगा.
  • तीन साल तक हर महीने 10,000 रुपए मानदेय भी दिया जाएगा.
  • आवास के लिए शहरी इलाके में प्लाट, ग्रामीण क्षेत्र में कृषि भूमि, स्वरोजगार और व्यवसाय से जुड़ने की योजनाएं भी उनके लिए उपलब्ध रहेंगी.
  • सबसे खास बात यह है कि आत्मसमर्पण के बाद पुनर्वास की पूरी प्रक्रिया 120 दिनों के भीतर पूरी की जाएगी, ताकि वे जल्द से जल्द समाज की मुख्यधारा में लौट सकें.

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यह नीति न केवल छत्तीसगढ़ में सक्रिय नक्सलियों पर लागू होगी, बल्कि अन्य राज्यों में सक्रिय नक्सलियों के लिए भी एक सुनहरा अवसर प्रदान करेगी, बशर्ते वे तय प्रक्रिया के तहत प्रमाणन और अनापत्ति प्राप्त करें.

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