Bijapur: चिलचिलाती धूप-गर्मी में भी डटे जवान, नक्सलियों के गढ़ में लहराया तिरंगा, देखें Video

Bijapur: छत्तीसगढ़-तेलंगाना राज्य की सरहद पर स्थित कर्रेगुट्टा की पहाड़ी के एक हिस्से को जवानों ने फतह कर लिया है. कर्रेगगुट्टा की चोटी पर लहरा रहा ये तिरंगा सुरक्षा जवानों के उस हौसले को बता रहा है. जिस पर नक्सलवाद के खात्मे का भूत सवार है.
Bijapur

नक्सलियों के गढ़ में लहराया तिरंगा

Bijapur: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ सबसे बड़ा ऑपरेशन चलाया जा रहा है. करीब 10 हजार जवान कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों पर 2000 नक्सलियों को नेस्तनाबूत करने में जुटे हुए हैं. चिलचिलाती धूप, भीषण गर्मी और भूख-प्यास से परे ये जवान पिछले 10 दिनों से कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर डटे हुए हैं. पिछले 10 दिनों में ना तो जवानों को थकान महसूस हुआ ना ही चेहरे पर कोई सिकन दिखी. आज कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर जब जवानों ने तिरंगा लहराया देश वासियों का सीना गर्व से चौड़ा हो गया.

नक्सलियों के गढ़ में जवानों ने लहराया तिरंगा

छत्तीसगढ़-तेलंगाना राज्य की सरहद पर स्थित कर्रेगुट्टा की पहाड़ी के एक हिस्से को जवानों ने फतह कर लिया है. कर्रेगगुट्टा की चोटी पर लहरा रहा ये तिरंगा सुरक्षा जवानों के उस हौसले को बता रहा है. जिस पर नक्सलवाद के खात्मे का भूत सवार है. नक्सलियों के गढ़ कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर लहरा रहा तिरंगा इस बात का सबूत है कि नक्सल उन्मूलन को लेकर सरकार के साथ साथ जवान कितने प्रतिबद्ध हैं.

ये चोटी उस पहाड़ी ऋृंखला का हिस्सा है जिसपर नक्सलियों के बटालियन नंबर 1 के लड़ाकों सहित कई बड़े नक्सल लीडर्स की मौजूदगी है. 50 किलोमीटर लंबी इस पर्वत श्रृंखला को सुरक्षा जवान पिछले 10 दिनों से घेर कर बैठे हैं. मकसद सिर्फ एक ही है.

नक्सली कर रहे शांति वार्ता की बात

नक्सलियों के लाल आतंक को नेस्तेनाबूद करना जवानों का शौर्य इतना तेज है, कि इस दौरान माओवादियों ने तीन बार शांति वार्ता का प्रस्ताव रखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार को पत्र लिखकर ऑपरेशन रोकने की मांग की, लेकिन सरकार और सुरक्षा एजेंसियों ने इन अपीलों को खारिज कर दिया. बकायदा सीएम विष्णुदेव साय और गृहमंत्री ने शांति वार्ता के प्रस्ताव पर मंथन भी किया था. उन्होंने डीजीपी, आईजी और सुरक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर ऑपरेशन की रणनीति पर विचार-विमर्श किया. इस दौरान सरकार ने स्पष्ट किया कि चाहे कुछ भी हो जाए नक्सलवाद के खिलाफ ये अभियान निर्णायक होगा और इसे हरगिज नहीं रोका जाएगा.

ज़रूर पढ़ें