Chhattisgarh News: रायपुर के सरकारी अस्पताल में चार साल से मॉर्चरी में सड़ रही लाशें, नहीं हुआ अंतिम संस्कार, कोरोना की पहली लहर में हुई थी मौत

Chhattisgarh News: अस्पताल की पीआरओ शुभरा ठाकुर ने बताया कि अस्पताल मे कोरोना काल के भयावर मंजर के बीच किसी एक पक्ष को जिम्मेदार ठहरना सही नहीं है. लेकिन अगर पिछले 4 सालों पर इन लावसिश लाशों को लेकर पहल की गई होती तो शायद घर वाले आज सुकून से इनका अंतिम संस्कार कर लिए होते.
Chhattisgarh News

भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय

Chhattisgarh News: साल 2020 में कोरोना के समय इंसान, इंसान को छूने से डरता था. वहीं अगर अस्पताल में इलाज और इलाज के दौरान मौत हो गई तो अंतिम संस्कार किसी चुनौती से कम नजर नहीं आती थी. इसी दौरान कई ऐसे लोग भी थे जिन्हें अंतिम संस्कार भी नसीब नहीं हुआ. लेकिन 4 साल बीत जाने के बाद कोरोना काल के उस मंजर को याद दिलाता हुआ एक सनसनीखेज मामला छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े अस्पताल भीमराव अंबेडकर से सामने आया है.

तीनों लाशों की हुई पहचान

छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल डॉ भीमराव अंबेडकर अस्पताल में चार साल से मॉर्चरी में रखे तीन शव, कंकाल में बदल चुके हैं. ये तीनों लाशें लावारिश बताई जा रही थी. लेकिन विस्तार न्यूज तीनों लाशों के बारें में जानकारी दे रहा है. जिसमें पहला नाम दुकलहीन बाई है. जिनकी उम्र वर्तमान में 43 साल होंगी. उनकी मौत 21.05.21 को हुई थी. दूसरा नाम जबार सिंह है. कोविड से मौत के बाद उनकी लाश को हरिटेज हॉस्पिटल से चिकित्सालय के मॉर्चरी में भेजा गया था. वहीं तीसरा नाम पंकज है. राम कृष्ण केयर हॉस्पिटल में कोविड से मौत के बाद उनकी लाश को स्थानीय चिकित्सालय के मॉर्चरी में भेजा गया था.

ये भी पढ़ें – बस्तर मिशन पर बीजेपी, आज से चुनाव अभियान का करेगी शंखनाद, सीएम विष्णु देव साय जनसभा को करेंगे संबोधित

 

Chhattisgarh News
मृतकों का नाम

अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही आई सामने

घटना सुनने के बाद आप भी कह रहे होंगे क्या अस्पताल प्रबंधन के पास मानवता नहीं है, दरअसल कोरोना काल के दौरान प्रशासन ने एक आदेश जारी किया था. जिसके मुताबिक लावारिस मृत शवों का अंतिम संस्कार प्रशासन की अनुमति से हो. इस मामले को लेकर अस्पताल प्रबंधन का यह कहना है कि हमने कई बार पत्राचार किया है. इन तीन शवों के बारे में भी जानकारी दी गई है.

Chhattisgarh News
अस्पताल में पड़ी लाशें

अस्पताल की पीआरओ शुभरा ठाकुर ने दी जानकारी

अस्पताल की पीआरओ शुभरा ठाकुर ने बताया कि अस्पताल मे कोरोना काल के भयावर मंजर के बीच किसी एक पक्ष को जिम्मेदार ठहरना सही नहीं है. लेकिन अगर पिछले 4 सालों पर इन लावसिश लाशों को लेकर पहल की गई होती तो शायद घर वाले आज सुकून से इनका अंतिम संस्कार कर लिए होते.

ज़रूर पढ़ें