Chhattisgarh News: क्या मंत्री नहीं बनाए जाने से दुखी हैं अमर अग्रवाल? अब तक मंच पर नहीं दिखे चारों विधायक
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ की बिलासपुर विधानसभा सीटों पर बीजेपी के नेताओं ने अप्रत्याशित जीत हासिल की है। यहां की 6 में 4 सीटों पर भाजपा का कब्जा है। बिलासपुर बेलतरा, बिल्हा, और तखतपुर में भाजपा ने जीत का परचम लहराया है। इसके बावजूद बिलासपुर की सड़कों पर लोग भारतीय जनता पार्टी के विजय जुलूस को देखने तरस रहे हैं। जिले में भारतीय जनता पार्टी की जीत की सबसे ज्यादा चर्चा बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल की है।
बिलासपुर विधायक ने कांग्रेस के शैलेश पांडे को 30 हजार वोटो से हराया है। दिसंबर के पहले दिनों में आए इस आश्चर्यजनक परिणाम के बावजूद भाजपा की तरफ से न तो जीत के जलसे का आयोजन किया गया है और न ही खुशियां बांटने को लेकर कोई इंतजाम है। बड़ी बात यह है कि बिलासपुर से जीते इन चारों जीते नेताओं को किसी ने एक मंच पर भी नहीं देखा है।
इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब आम लोग भाजपा की जीत के बाद लोगों की भीड़ और सेलिब्रेशन देखने को बेताब हैं। सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है कि भारतीय जनता पार्टी के विधायक अमर अग्रवाल इस बात से दुखी हैं कि उन्हें मंत्री पद नहीं मिला है। उनके समर्थक जहां इसे बिलासपुर की उपेक्षा बता रहे वहीं कांग्रेस इस बात का मजा ले रही।
भाजपा को उम्मीद नहीं थी फिर भी जीते, इसलिए नहीं मना रहे जश्न
कांग्रेस के जिला अध्यक्ष विजय केशरवानी का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी के लोगों को इतनी बड़ी जीत की उम्मीद नहीं थी। माहौल के मुताबिक जिन सीटों पर कांग्रेसी एक एकतरफा जीत दर्ज कर रहे थे वहां भी हार मिली। यही परिणाम भाजपा के नेताओं को चौंकाने जैसा है। इसके चलते हुए चाह कर भी जीत का जश्न नहीं माना पा रहे।
बिलासपुर विधानसभा सीट से इतनी बड़ी जीत दर्ज करने के बाद भी बीजेपी के नेता क्षेत्र में सक्रिय नहीं दिख रहे। बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल ने जनता से एक निश्चित दूरी तय कर ली है। बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक भी उतने एक्टिव नहीं है जितने पहले हुआ करते थे। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि संगठन ने इन्हें जीत के बाद भी पद को लेकर उतनी तरजीह नहीं दी है जिसके चलते इन दोनों ही बड़े नेताओं ने खुद के लिए एक दायरा तय कर लिया है। कई लोग इन दोनों नेताओं से चाह कर भी मिल नहीं पा रहे हैं। अपनी समस्याएं या क्षेत्र की तकलीफें नहीं बता पा रहे हैं।
कहीं अरुण साव के डिप्टी सीएम बनने से तकलीफ तो नहीं?
बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व सांसद और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे अरुण साव को डिप्टी सीएम का जिम्मा सौंपा गया है। संगठन से इस पद की जिम्मेदारी मिलने के बाद डिप्टी सीएम साव लगातार लोगों की जन समस्याएं सुन रहे हैं। संगठन की तरफ से इस क्षेत्र में उन्हें ही आगे बढ़ाया गया है जिस बात की तकलीफें बड़े नेताओं को होने लगी है। यही वजह है कि वे अपने क्षेत्रों में जनता की समस्याओं को लेकर निष्क्रिय हैं।
बिलासपुर विधानसभा सीट से अमर अग्रवाल को मंत्री पद नहीं मिलने के मामले में वरिष्ठ पत्रकार राकेश दुबे का कहना है कि बीजेपी के पिछले कार्यकाल में अमर अग्रवाल को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई थी। वे आबकारी मंत्री रह चुके हैं। हेल्थ मिनिस्टर के अलावा कहीं और बड़ी जिम्मेदारियां भी उन्हें सौंपी जा चुकी है। अनुभव के आधार पर उन्हें कोई बड़ा पद दिया जा सकता था लेकिन फिलहाल कुछ नहीं दिया गया। इसीलिए उनका दुखी होना लाजिमी है।
बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल फिलहाल कुछ नहीं बोल रहे। विस्तार न्यूज़ ने जब उनसे बातचीत करने की कोशिश की तो उन्होंने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं थी। हालांकि एक बयान जरूर आया कि पार्टी जो फैसला करेगी वे मानेंगे।