Chhattisgarh: बिलासपुर संभाग के सबसे बड़े अस्पताल सिम्स की हालत खराब, गर्मी से रोज लोग हो रहे बेहोश

Chhattisgarh News: इतने बड़े मेडिकल कॉलेज में थायराइड, बी 12, हीमोग्लोबिन समेत छह तरह की जांच बंद है जिनमें ब्लड शुगर जैसी चीज शामिल है। सबसे बड़ी समस्या यह है की सिम्स इसमें जिस जगह पर ब्लड सैंपल कलेक्शन सेंटर तैयार किया गया है वहां हर दिन 2 से 3 मरीज बेहोश हो रहे हैं। इसका कारण यह है कि यह जगह जांच केंद्र के लिए उपयुक्त नहीं है
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सिम्स में लड़की हुई बेहोश

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में संभाग के सबसे बड़े अस्पताल सिम्स की स्थिति बेहद खराब हो गई है. इतने बड़े मेडिकल कॉलेज में थायराइड, बी 12, हीमोग्लोबिन समेत छह तरह की जांच बंद है. जिनमें ब्लड शुगर जैसी चीज शामिल है. सबसे बड़ी समस्या यह है की सिम्स इसमें जिस जगह पर ब्लड सैंपल कलेक्शन सेंटर तैयार किया गया है. वहां हर दिन 2 से 3 मरीज बेहोश हो रहे हैं.

गर्मी से रोज बेहोश हो रहे मरीज

इसका कारण यह है कि यह जगह जांच केंद्र के लिए उपयुक्त नहीं है, फिर भी इसे सिम्स प्रबंधन ने ब्लड कलेक्शन सैंपल के तौर पर तैयार कर दिया है. यही कारण है कि गर्मी और उमस के चलते जिस भी मरीज के शरीर से ब्लड निकल जा रहा है. वह अचेत होकर एकाएक बेहोश हो रहा है. जिसे यहां मौजूद स्टाफ को पानी और जूस पिलाकर ठीक करना पड़ रहा है. मरीज के अलावा खुद स्टाफ यहां की समस्या बता रहे हैं और कहते हैं कि यहां रोज तीन से चार मरीज बेहोश हो रहे हैं. ऐसी स्थिति तब है जब सिम्स के निर्माण के नाम पर 6 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर दिए गए हैं इसके बावजूद यहां की व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है.

विस्तार न्यूज़ ने जब मौके का जायजा लिया तो उन्हें भी यह हैरान करने वाली चीज दिखाई दी. यहां मौजूद ब्लड बैंक के प्रभारी संतोष साहू ने बताया कि जैसे ही दो-चार मरीजों  के शरीर से ब्लड निकल जाता है, गर्मी और भभकी के चलते वह बेहोश हो जाते हैं, और इस मामले में कोई ध्यान देने को तैयार नहीं है.

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अस्पताल रहने के बावजूद पैथोलॉजी का सहारा

किसी भी मरीज का इलाज जांच रिपोर्ट के आधार पर किया जाता है, क्योंकि जब कोई  भी मरीज ट्रीटमेंट करने यहां पहुंचता है. सबसे पहले डॉक्टर उसकी जांच करता है और फिर ब्लड शुगर से लेकर थायराइड और b12 इसके अलावा हीमोग्लोबिन जैसी महत्वपूर्ण जांच की जाती है, लेकिन सिम्स में यह पिछले कई दिनों से बंद है. यही कारण है कि लोग सिम्स के आसपास बने पैथोलॉजी में जाकर जांच करवा रहे हैं, और पैसे देकर जांच करना उनकी मजबूरी बन गई है.

दूर से आए लोगों को हो रही परेशानी

सिम्स में बेलगहना कोटा मस्तूरी के अलावा दूर दूर से लोग इलाज कराने आते हैं. केंदा से आई मितानिन ने बताया कि वह 2 दिन से थायराइड जांच करवाने आ रही है, लेकिन यह जांच बंद होने के कारण उन्हें कई परेशानी का सामना करना पढ़ रहा है. 80 किलोमीटर दूर से आना जाना उनको काफी महंगा पड़ रहा है. कुल मिलाकर वह डॉक्टर से गुहार लगा रही है, यहां की व्यवस्था सुधारी जाए.

हाई कोर्ट की दखल के बावजूद डॉक्टर को डर नहीं

सिम्स की व्यवस्था पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है, और यहां सेक्रेटरी के अलावा सिम्स के दिन और अन्य अधिकारियों से मामले में पूछताछ की गई है. जिसकी सुनवाई हाई कोर्ट में जारी है लेकिन सिम्स की व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है, और मरीजों को यहां हर दिन बड़े पैमाने पर समस्या का सामना करना पड़ रहा है. डॉक्टर का कहना है कि यहां के प्रशासक ही इन सभी बातों के लिए जिम्मेदार है.

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