Chhattisgarh: सेवा सहकारी समिति मर्यादित सोमनी केंद्र के अफसरों ने अनपढ़ खाताधारकों के फर्जी साइन कर निकाले 79.11 लाख रुपए

Chhattisgarh News: जिला सहकारी बैंक दुर्ग की भिलाई-3 शाखा के अंतर्गत सोमनी गांव में खोले गए सेवा सहकारी समिति में खाताधारकों के खाते से फर्जी हस्ताक्षर कर 79.11 लाख रुपए निकाल लिए गए हैं. कोई खाताधारक अनपढ़ है तो किसी को सिर्फ अक्षर ज्ञान है. उनके नाम से अंग्रेजी में हस्ताक्षर कर रकम निकाली गई है. इसमें एक खाताधारक की मौत हो चुकी है.
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Chhattisgarh News: जिला सहकारी बैंक दुर्ग की भिलाई-3 शाखा के अंतर्गत सोमनी गांव में खोले गए सेवा सहकारी समिति में खाताधारकों के खाते से फर्जी हस्ताक्षर कर 79.11 लाख रुपए निकाल लिए गए हैं. कोई खाताधारक अनपढ़ है तो किसी को सिर्फ अक्षर ज्ञान है. उनके नाम से अंग्रेजी में हस्ताक्षर कर रकम निकाली गई है. इसमें एक खाताधारक की मौत हो चुकी है. पहले मेहनत की रकम डूबी और अब कर्ज लेने से दोहरी मार पड़ रही है. जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित दुर्ग का मुख्यालय काफी दूर होने की वजह से भिलाई-3 में वर्ष 2009 में इसकी शाखा खोली गई. शाखा कारोबार बढ़ाने के उद्देश्य से वर्ष 2011 में सोमनी में सेवा सहकारी समिति के नाम से एक सोसायटी बनाई गई. शासन के नियमानुसार कर्मचारियों की नियुक्ति कर ग्रामीणों के खाता खोलकर उनसे पैसे जमा कराए गए. फिर 2016 से यहां गड़बड़ी की जाने लगी. खाताधारकों के खाते से 79 लाख, 11 हजार 263 रुपए निकाले गए.

पेशे से खेती किसानी का काम करने वाले अशोक वर्मा ने बताया कि मैं सोमनी के सेवा सहकारी समिति बैंक में पैसा जमा किया था यह पैसा मैं खेती की शादी के समय और खाद खरीदने के लिए जमा किया था लेकिन जब मैं बैंक से पैसा निकालने गया तो मुझे पता चला कि मेरे खाते से पैसे निकल गए हैं, मैंने बैंक के अधिकारियों से बात की तो उन्होंने कहा कि तुमने पैसा निकाल लिया है और जब मैंने इसकी जाँच की तो विड्रोल फार्म में हिंदी में मेरा साइन किया हुआ था मैंने बैंक के अधिकारियों से कहा कि अरे मैं तो अंग्रेजी में साइन करता हूं और यहां तो हिंदी में साइन है मैंने पैसे नहीं निकले हैं मेरा पैसा कहां गया?

फर्जी साइन कर आधिकारियों ने निकाले पैसे

तेजा भाई अपने भाई के घर रहती है उसके भाई ने उनको ₹50000 दिए थे और कहा था कि तुम तीनों बहन आपस में बाट लेना मेरी बहाने दूर रहती है इसलिए मैंने इस पैसे को सेवा सहकारी बैंक में जमा कर दी, और सोचा जब बहने आएंगे तो वहां से निकाल कर मैं उन्हें पैसे दे दूंगी लेकिन जब मैं पैसे निकाले बैंक गई तो मुझे पता चला कि मेरे खाते से पैसे निकल गए थे मैंने बैंक के अधिकारियों से बात की उन्होंने कहा कि तुमने पैसे निकाल लिए हैं तो मैंने कहा मैं तो पैसा निकालने कभी आई ही नहीं हूँ उन्होंने मेरा विड्रोल फॉर्म दिखाया तो मैंने देखा कि उसमें अंग्रेजी में साइन किया गया था जबकि मुझे अंग्रेजी नहीं आती मैं हिंदी में साइन करती हूँ…

खाताधारक की मौत के बाद भी उसके खाते से निकाल लिए पैसे

सोमनी निवासी राधेलाल वर्मा ने समिति में राशि जमा की थी. इसके निधन के बाद उसके खाते से फर्जी हस्ताक्षर कर रकम निकाली गई. उनकी पत्नी का कहना है कि हमने मेरे पति का मौत का सर्टिफिकेट भी बैंक में दिया लेकिन उसके बाद भी उनके खाते से पैसे निकाल लिया गया, और मुझे पता नहीं है कि उनके खाते से पैसे निकल गई.

कर्ज लेने के लिए मजबूर किसान

सोमानी गांव के रहने वाली राधाबाई का कहना है कि उन्होंने सोमानी की सेवा सहकारी बैंक में डेढ़ लाख रुपए जमा किए थे वह पेशे से खेती किसानी का काम करते हैं और खाद बीज खरीदने के लिए बैंक में पैसा जमा किए थे. लेकिन जब हम खाद बीज खरीदने के लिए बैंक से पैसा निकालने गए तो पता चला कि हमारे खाते से पैसा निकल गया है राधा बाई का कहना है कि हम कभी पैसा निकालने बैंक गए ही नहीं हमारा पैसा कैसे निकाल लिया गया हम लोगों का फर्जी साइन करके पैसा निकाला गया है अब हम लोगो को खेती किसानी करने के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है कर्ज लेकर खेती करने को मजबूर है.

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धोखाधड़ी के कई मामले आए सामने

संतोषी साहू ने बताया कि पाई-पाई इकट्ठा कर एक लाख रुपए समिति में जमा की थी. इन दिनों तबीयत ठीक नहीं रहती. इलाज कराने में दिक्कत हो रही है. क्या करूं कुछ समझ में नहीं आ रहा. कर्ज लेना पड़ सकता है. मैं पैसे के लिए दर-दर भटक रहे हो मेरा अब कोई मदद नहीं कर रहा है मैंने सोचा था बैंक में पैसा जमा करूंगी तो पैसा सेफ रहेगा लेकिन बैंक वाले ही मेरा पैसा निकाल लिए. गांव के ही रहने वाले जयराम वर्मा का कहना है कि गांव के कई लोगों का खाता सोने के सेवा सहकारी बैंक में है दिन में कई लोगों का फर्जी साइन करके 70 से 80 लख रुपए बैंक के अधिकारियों ने निकाल लिए हैं किसी की मौत हो गई है उसका फर्जी साइन करके पैसे निकाल लिए हैं तो कोई साइन करना ही नहीं जानता उसका भी साइन करके बैंक से पैसे निकाल लिए हैं मैं खुद बैंक में 3 लाख से अधिक रकम जमा किया था लेकिन मेरा भी पैसा निकाल लिए और मुझे उल्टा बैंक को 66000 देना बताया जा रहा है मैं अपने बेटे बेटियों के शादी करने के लिए बैंक में पैसा जमा किया था लेकिन अब मैं दर-दर भटक रहा हूं समझ नहीं आ रहा है कि कैसे बेटा बेटियों का शादी करूं पूरे पैसे मेरा फर्जी साइन करके निकल लिए हैं उल्टा मुझे अब यह कह रहे कि आप 66000 बैंक को दो. हमने इसकी शिकायत कलेक्टर और मैन ब्रांच भी किये है लेकिन सब हमें घुमा रहे हैं कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं बस हमारी मांग है हम लोगों ने जो भी पैसे बैंक में जमा किए थे हम लोगों को वापस मिल जाए.

अब इस बैंक का कारनामा सुनिए इस बैंक में डेली वेजेस मैं काम करने वाले गजानंद सिरके जो कंप्यूटर ऑपरेटर और क्लर्क का पोस्ट है वह गांव में घूम-घूम कर गांव के लोगों से बैंक मैं पैसा जमा करने के नाम पर वाउचर काट कर में देता था और कैश लेकर आ जाता था और उसे फिर भिलाई 3 में स्तिथ सहकारी मर्यादित समिति बैंक में जमा करता था लेकिन अब सवाल यह होता है एक कंप्यूटर ऑपरेटर को बैंक के अधिकारी कैसे लोगों से पैसा लेने के लिए और प्राइस कर दिया जबकि डेली वेजेस पर काम करने वाला कर्मचारी है कर्मचारी गजानंद सिरके का कहना है कि मैंने गांव के लोगों से पैसा लिया है लेकिन मैं यह पूरे पैसे भिलाई तीन में ब्रांच में जाकर जमा कर दिया है अब बैंक वाले उसे पैसे का क्या किए हैं मुझे नहीं पता.अब देखिए ग्रामीणों का पैसा बैंक से निकल गया कई महीने निकल गए अब तक ग्रामीणों को उनका जमा पूंजी नहीं मिला है लेकिन अब अधिकारी इस मामले में गोलमोल जवाब दे रहे हैं जिला सहकारी मर्यादित बैंक के सीईओ श्रीकांत चंद्राकर का कहना है कि हम इस मामले में जांच टीम बना दिए हैं और स्पेशल ऑडिट के लिए विभाग को भेजा गया है स्पेशल ऑडिट रिपोर्ट आने के बाद ही हम लोगों का पैसा वापस लौट पाएंगे या फिर जो जिम्मेदार है उससे रिकवरी करेंगे,  फिलहाल अभी स्पेशल रिपोर्ट आने का इंतजार है.  रिपोर्ट आते ही दोषी के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज की जाएगी.

इस पूरे मामले में एक बात तो साफ है कि जो ग्रामीण अपना जमा पूंजी इकट्ठा करके जिस बैंक पर भरोसा करके अपनी जमा पूंजी जमा किए थे इस बैंक के कर्मचारियों ने उनके रुपयों पर डाका डाल दिया है और जांच के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति ही की जा रही है कई दिन बीत गए कई महीना बीत गए हैं लेकिन अब तक इस मामले में निष्पक्ष जांच नहीं हो पाई है और ग्रामीण जो इस बैंक के खाता धारक है वह इंतजार कर रहे हैं कि कब तक उनकी जमा पूंजी वापस मिलेगी

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