Chhattisgarh: मानपुर कोरकोट्टी में आज के ही दिन 15 साल पहले हुई थी बड़ी नक्सल घटना, SP विनोद चौबे सहित 29 जवान हुए थे शहीद
Chhattisgarh News: प्रदेश की पहली नक्सल घटना जिसमें हमने तात्कालीन एसपी शहीद विनोद चौबे जी सहित जांबाज 29 जवानों को खोया, 12 जुलाई 2009 की सुबह 5:00 से 5:30 बजे के लगभग पुलिस मुख्यालय राजनांदगांव सहित खुफिया जानकारी पहुंची कि मदनवाड़ा थाने में नक्सली अटैक हो गया है. खबर पाते ही दो गाड़ियों के काफिले के साथ तत्कालीन पुलिस कप्तान राजनांदगांव से मदनवाड़ा के लिए रुख किये तय हुआ कि सीतागांव से फोर्स मदनवाडा तक इकट्ठे होकर पैदल सर्चिंग करते हुए पहुंचेंगे निर्देश के पालन में अंबागढ़ चौकी, मोहला, मानपुर, थाने में तैनात अधिकारी और जवान आनंन फानन में मोटरसाइकिल मे सवार होकर सीतागांव मदनवाड़ा के लिए निकल पड़े. इधर नक्सलियों ने पुलिस फोर्स के लिए बरसात के दिनों में पहुंच विहीन मदनवाड़ा पहुंचने के उन तमाम रास्तों पर मजबूत एंबुश लगाया हुआ था.
15 साल पहले हुए नक्सली मूठभेड़ में 29 जवान हुए थे शहीद
राजनादगांव मोहला मानपुर,बस्तर, तेलंगाना, महाराष्ट्र, से पहुंचे बेहद संख्या में हार्डकोर नक्सलियों ने बड़ी रणनीति और महिनों की तैयारी के साथ रात से ही गोरिल्ला बिसात बिछाए हुए थे. सुबह 8 से 9 बजें के लगभग मानपुर बस स्टैंड से फोर्स आगे बढ़ी मदनवाड़ा कांड की सूचना पर मैं और मेरा साथी आंचलिक खबर निवीस भी फोर्स के पीछे-पीछे चल रहे थे. मानपुर कोहका के बीच मानपुर मुख्यालय से ठीक 6 किलोमीटर कि दूरी पर मुख्य सड़क में स्वर्गीय चौबे साहब के काफिले पर नक्सलियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दिया. उस वक्त तत्कालीन पुलिस अधीक्षक का काफिला आंधी जैसे तेज रफ्तार में सुरक्षित कोहका पहुंच गए.
परंतु पीछे आ रही सुरक्षा बलों की मोटरसाइकिल पार्टी नक्सलियों के एंबुश में फंस गई यहीं से शहादत की शुरुआत हुई. सुरक्षा बलों की मोटरसाइकिल पार्टी पर नक्सलियों ने ताबड़तोड़ गोलियों के बौछार के साथ क्लोमोर माइंस, देशी रॉकेट लांचर के साथ-साथ लैंड माइन से हमला शुरू कर दिये उधर नक्सलियों के मजबूत घेरे को चीर कर सुरक्षित निकल चुके एसपी स्वर्गीय विनोद कुमार चौबे साहब कि दिलेरी की जितना बखान करे वो कम है, चाहते तो वे सुरक्षित वहां से महाराष्ट्र या सीतागांव की ओर आगे बढ़ सकते थे परंतु उन्होंने ऐसा नहीं किया पीछे आ रही अपने मोटरसाइकिल पार्टी को बचाने वह फि रसे नक्सलियों के चक्रव्यूह में घुस गये जहां नक्सलियों के खिलाफ घंटों मुंहतोड़ जवाबी कार्रवाई करते हुए उन्हें पीछे धकेलते रहे , उस वक्त कम संख्या में पुलिस के जवान शहीद हुए थे दुर्ग से तात्कालीन आईजी मुकेश गुप्ता का भी कुछ घंटो के भीतर घटनास्थल पर पदार्पण हुआ जिनका व्यवहार और निर्णय विचलित करने वाला था तत्कालीन आईजी मुकेश गुप्ता नक्सलियों के एंबुश पाइंट के एंट्री में रुके रहे और वहां से उन्होंने कड़े शब्दों में कोहका कि ओर फोर्स और चौबे साहब को आगे बढ़ने का निर्देश दिया जहां पीछे धकेले गये नक्सली फिर से इकट्ठा हो गए.
उन्होंने एक साथ पूरी पार्टी पर तीसरी बार हमला कर दिया जिसमे जाबाज अफसर समेत 29 जवानों की शहादत हुई. नक्सलियों ने आईजी मुकेश गुप्ता को भी घेर लिया था, परंतु सीआरपीएफ लैंड माइन व्हीकल के ड्राइवर ने जांबाजी दिखाते हुए गोलियों के बौछार के बीच आईजी मुकेश गुप्ता को खींच के बख्तर बंद गाड़ी के भीतर डाला.
समय में सीआरपीएफ नहीं पहुंची
उस समय मानपुर मोहला अंबागढ़ चौकी क्षेत्र में पैरामिल्ट्री फोर्स सीआरपीएफ तैनात थी, और उसके कमांडेंड रणवीर सिंह थे ,जिन्होंने अपना हेड क्वाटर राजनांदगाँव मुख्यालय में बना रखा था, बताते है की बैक स्पोर्ट के लिए एंबुश पॉइंट से फोर्स बार-बार मानपुर में तैनात सीआरपीएफ के जवानों की मांग कर रहें थे सीआरपीएफ के सशस्त्र बैकअप पार्टी चंद मिनटों के भीतर नक्सलियों के एंबुश पॉइंट कोरकोटृटी पहुंचने के लिए तैयार भी थी परंतु कमांडेंड रणवीर सिंह का आदेश नही मिला.
5 घंटे तक चली थी मुठभेड़
लगभग 5 घण्टे चले इस मुठभेड़ में हमने तात्कालीन एसपी विनोद चौबे सहित जबाज 29 जवानों को खोया. 12 जुलाई 2009 को मदनवाड़ा,कोरकोट्टी,कारेकट्टा मे शहीद हुए जवानों की शहादाद के लिए आज भी आँखें नम है. शहीदों को सादर नमनआज भी 15 साल बाद हर साल की तरह पुलिस लाइन में श्रद्धांजिल देते है.