Chhattisgarh: कांकेर में डायरिया का प्रकोप, 2 की गई जान और 9 मरीज अस्पताल में भर्ती, PHE विभाग की लापराही आई सामने

Chhattisgarh News: कांकेर जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर स्थित बनसागर गांव में डायरिया के प्रकोप ने दो लोगो की जान ले ली है. एक सप्ताह से गांव के बोर का दूषित पानी पीने से लोग उल्टी दस्त का शिकार हो रहे है. स्वास्थ्य विभाग गांव में स्वास्थ्य शिविर लागकर डोर टू डोर जांच कर रही है.
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कांकेर के इस गांव में फैला डायरिया

Chhattisgarh News: कांकेर जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर स्थित बनसागर गांव में डायरिया के प्रकोप ने दो लोगो की जान ले ली है. एक सप्ताह से गांव के बोर का दूषित पानी पीने से लोग उल्टी दस्त का शिकार हो रहे है. स्वास्थ्य विभाग गांव में स्वास्थ्य शिविर लागकर डोर टू डोर जांच कर रही है. अब तक 12 ग्रामीण डायरिया के लक्षण मिले है जिन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमोडा में इलाज के लिए भर्ती किया गया है.

कांकेर में डायरिया से 2 की गई जान, 9 मरीज अस्पताल में भर्ती

नरहरपुर बीएमओ भूपेंद्र ध्रुव ने बताया कि 29 अगस्त को नरहरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य के केंद्र में एक मरीज भानु बाई सलाम को उल्टी दस्त की शिकायत इलाज के लिए भर्ती किया गया था. जिनका इलाज के दौरान मृत्यु हो गया था. तीन दिन से उन्हें दस्त की शिकायत थी जैसे ही हमे पता चला अपने बनसागर मे स्वास्थ्य शिविर लगाकर जांच करना शुरू किया. शुरुआत में यह बात सामने आई है कि गांव के पंचायत के सामने के बोर से गांव के एक वार्ड को पानी सप्लाई होता है. पानी सप्लाई का पाइप एक सैफ्टिक टैंक से होकर गुजरता है जिमसें लीकेज है, उसी दूषित पानी को पीकर लोग बीमार हुए है. पानी की सप्लाई बंद करा दी गई है. अब तक 12 लोग डायरिया के मिरीज मिले है पूरे गांव में स्वास्थ्य शिविर लगाकर डायरिया की जांच की जा रही है. ग्राम पंचायत सरपंच पुष्पा वट्टी ने बताया कि गांव के बोर का पानी दूषित होने के कारण डायरिया फैला है. मैने 1 तारिख से बोर के पानी के सप्लाई को बंद करा दी हूँ. गांव की जनसख्या लगभग 934 लोगों के आस-पास है उसमें फरसापारा में ही डायरिया के मरीज मिल रहे है. अभी तक एक महिला भानु बाई सलाम और के पुरूष राम करण निषाद की मौत हो गई है.

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PHE विभाग की लापराही आई सामने

ग्रामीणों ने बताया कि गांव में डायरिया फैलने से लोग दहशत में है . स्वास्थ्य शिविर में जाकर लोग अपना स्वास्थ्य जांच करा रहे है. वही फे विभाग की लापरवाही सामने आई है. पानी सप्लाई के पाइप को सेफ्टिंक टैंक के पास से ले जाने के कारण पानी दूषित हो गया. हालांकि स्वास्थ्य विभाग शिविर लगाकर जांच कर रही है लेकिन अब तक PHE विभाग के जिम्मेदार अधिकारी नदारत दिखे. गौरतलब हो कि 1 अक्टूबर को 15 लोगो की जांच की गई. जिसमे 7 दस्त पीड़ित पाए गए. 2 अक्टूबर को 80 जांच किए गए जिसमे 6 दस्त पीड़ित पाए गए. 3 अक्टूबर को 15 घर की जांच की गई जिसमें 2 दस्त पीड़ित पाए गए. 4 अक्टूबर – 177 घर सर्वे किए गए जिसमे 2 एक्टिव पाए गए है. आज 5 अक्टूबर- सुबह से 4 टीम भ्रमण कर रही है.

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