Chhattisgarh: नगरी निकाय चुनाव से पहले अतिरिक्त पैसे की कर रहे मांग जनप्रतिनिधि, अभी शहरों में 2600 करोड़ रुपए के कार्य लंबित

Chhattisgarh News: विधानसभा, लोकसभा चुनाव के बाद अब नगरीय निकाय चुनाव की कवायद शुरू हो चुकी है. सरकार भी लगातार पैसे जारी कर नगरी निकाय में काम को जल्द खत्म करने के निर्देश दे रही है.
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Chhattisgarh News: विधानसभा, लोकसभा चुनाव के बाद अब नगरीय निकाय चुनाव की कवायद शुरू हो चुकी है. सरकार भी लगातार पैसे जारी कर नगरी निकाय में काम को जल्द खत्म करने के निर्देश दे रही है. वही 10 नगरी निकायों में से अधिकांश निकायों में इस समय कांग्रेस के महापौर हैं. ऐसे में सरकार भी काम दिखाकर चुनाव में जनता के बीच जाना चाहती है. लेकिन समस्या बजट को लेकर खड़ी हो गई है.

प्रदेश भर के नगर निगम में तेजी से किए जा रहे काम

नगरी निकाय चुनाव से पहले प्रदेश भर के नगर निगम में लगातार तेजी से काम किए जा रहे हैं. जहां एक और परिसीमन करवाया जा रहा है, ताकि एक जैसे वार्ड बनाया जा सके. वहीं पर विकास कार्यों की गति को भी और तेज करने कहा गया है. अभी 16 वें वित्त के बैठक में भी नगरी प्रशासन विभाग ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से केंद्रीय वित्त आयोग से करोड़ों रुपए की राशि की मांग की है, ताकि छत्तीसगढ़ के शहर को सुंदर संवारा जाए.

लगातार बजट की मांग कर कर रहे जन प्रतिनिधि

नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार के नगरी प्रशासन विभाग का बजट लगभग 65 लाख करोड़ रुपए है और जन प्रतिनिधि लगातार बजट की मांग कर रहे हैं, ताकि उनके क्षेत्र में डेवलपमेंट हो सके. वित्त आयोग की बैठक में भी पहुंचे जनप्रतिनिधियों ने सरकार से क्षेत्र के लिए पैसे की मांग की थी.

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बीजेपी-कांग्रेस में जमकर हो रही सियासत

डिप्टी सीएम अरुण साव बोले कि सरकार ने 1500 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि जारी की है, ताकि निकाय क्षेत्रों में सुविधाओं का विस्तार हो सके. अधिकांश नगरी निकायों में महापौर कांग्रेस के हैं, तो ऐसे में भाजपा भी यह चाह रही चाह रही है कि विकास दिखाते हुए नगरी निकायों में जनता के बीच पहुंचा जाए. वहीं पूर्व PCC चीफ धनेन्द्र साहू ने आरोप लगाते हुए कहा कि जो पूर्व सरकार के जितने भी विकास कार्य से नगरी निकाय क्षेत्रों में उनका भाजपा ने बंद कर दिया है, कांग्रेस उन्ही सब मुद्दे को उठाकर नगरी निकाय चुनाव में जनता के बीच जाएगी.

बता दें जहां भाजपा नगरी निकाय चुनाव जीतकर जीत की हैट्रिक मारने के प्रयास में है. वही कांग्रेस भी हार की हैट्रिक से बचना चाहती है. जनप्रतिनिधि भी अपने क्षेत्र के विकास के लिए लगातार पैसों की मांग सरकार से कर रहे हैं. वहीं सरकार ने भी अभी चुंगी मत से तमाम पार्षदों को राशि जारी की है. कुल मिलाकर नगरी निकाय चुनाव की जंग गली मोहल्ले से लेकर विभाग तक दिखाई दे रही है.

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