Chhattisgarh: प्रदेश स्तरीय महा पंचायत सम्मेलन का हुआ आयोजन, केंद्रीय पंचायती राज्य मंत्री कपिल मोरेश्वर पाटिल हुए शामिल

Chhttisgarh News: इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के हितग्राहियों को आवास निर्माण के लिए किश्त की राशि का 49 करोड़ 21 लाख रुपये हस्तांतरण किया गया.
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महापंचायत सम्मेलन

Chhttisgarh News: लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा सभी वर्गों को साधने में लगी है. किसान और महिलाओं के सम्मेलन के बाद आज भाजपा की ओर से महापंचायत का आयोजन किया गया. सम्मेलन में डिप्टी सीएम विजय शर्मा और केंद्रीय पंचायती राज्य मंत्री कपिल मोरेश्वर पाटिल शामिल हुए.

सम्मेलन में प्रदेश भर के जिला पंचायत, जनपद पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्य, ग्राम पंचायतों के सरपंच, उप सरपंच शामिल हुए. इस दौरान पंचायत और आम लोगों को कई सौगातें भी दी गई. अनुसूचित क्षेत्रों की 600 पंचायतों में कंप्यूटर हेतु राशि 3 करोड़ रुपये जारी की गई. प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के हितग्राहियों को आवास निर्माण के लिए किश्त की राशि का 49 करोड़ 21 लाख रुपये हस्तांतरण किया गया. पंचायत स्तर पर युवाओं के ज्ञान वर्धन, शिक्षा उपलब्धता, उन्हें सशक्त बनाने और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के उद्देश्य से 833 ग्राम पंचायतों में ज्ञानोदय वाचनालय की स्थापना हेतु 25 करोड़ की राशि दी गई.

महापंचायत सम्मेलन में मांग गया सुझाव

रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में महापंचायत सम्मेलन में सुझाव केंद्र बनाया गया था. इस सुझाव केंद्र में प्रदेश भर से आए पंच, सरपंच और जनप्रतिनिधि अपने सुझाव दे सकते हैं. सुझाव केंद्र में कार्यक्रम के दौरान काफी भीड़ लग गई थी. कई जनप्रतिनिधियों ने अपने गांव, मोहल्ले और क्षेत्र की समस्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजी.

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ग्रामीण एवं पंचायत मंत्री विजय शर्मा ने किया संबोधित

मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि जनता की ईमानदारी से सेवा करोगे तो परिणाम मिलेगा, कभी शॉर्टकट का उपयोग मत करना. मैं भी जिला पंचायत का सदस्य हूं. गांव में लोकतंत्र पंचायती राज से आता है. 29 विभाग के काम और मुख्यमंत्री के साथ काम करना पड़ता है. जितना व्यस्त मुख्यमंत्री रहते हैं उतना ही व्यस्त सरपंच रहते हैं. 100 दिन भी नहीं हुए लेकिन विभाग के माध्यम से काम हुआ और 27 जिलों में काम पूरा हुआ है. 146 जनपद पंचायतों में और 11 हजार 647 ग्राम पंचायतों में काम हुआ है. उन्होंने कहा कि 223 सड़क निर्माण कार्य भी बस्तर में शुरू हो गए हैं. बस्तर में नक्सल खत्म करने के लिए सड़क सबसे बड़ा माध्यम है, क्योंकि सड़क विकास की नींव है.

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