छत्तीसगढ़ में अब तक का सबसे बड़ा एंटी नक्सल ऑपरेशन, मुठभेड़ के बाद 31 नक्सलियों के शव बरामद, मिला हथियारों का जखीरा
Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में शुक्रवार को राज्य के इतिहास का सबसे बड़ा एंटी नक्सल ऑपरेशन हुआ, जहां सेना के जवानों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई. इस मुठभेड़ में 40 से ज्यादा नक्सलियों के मारे जाने की खबर है. जबकि 31 नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं. यह मुठभेड़ दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले के सीमा क्षेत्र में हुई, जहां ओरछा थाना क्षेत्र के नेंदुर और थुलथुली गांवों के बीच जंगल में दो घंटे तक लगातार गोलीबारी चली. फायरिंग थमने के बाद सुरक्षाबलों ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया. इस अभियान में पहली बार एक ही मुठभेड़ में LMG, AK-47, इंसास और SLR जैसी अत्याधुनिक बंदूकें बरामद की गई हैं.
जवान कंधे पर लादकर ला रहे हैं नक्सलियों के शव
दंतेवाड़ा-नारायणपुर के बॉर्डर स्थित छिंदनार पुल पर सुरक्षाबलों ने मोर्चा संभाल रखा है. जवान नक्सलियों के शव कंधों पर लादकर ला रहे हैं और इन्हें ट्रैक्टर में जिला मुख्यालय ले जाने की तैयारी हो रही है. नक्सली मुठभेड़ में घायल डीआरजी के जवान रामचंद्र यादव से मिलने छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा देर रात राजधानी रायपुर के नारायणा अस्पताल पहुंचे. उन्होंने घायल जवान का हालचाल जाना और मुठभेड़ के घटनाक्रम की जानकारी ली.
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नक्सलियों की कमर टूट चुकी है: विजय शर्मा
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने मुठभेड़ के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अब तक 31 नक्सलियों के शव बरामद किए जा चुके हैं, और सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है. संभवतः दो-तीन और नक्सलियों के शव बरामद हो सकते हैं. उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन में बड़ी संख्या में AK-47 और SLR जैसे हथियार भी मिले हैं. शर्मा ने कहा, “नक्सलियों की पूरी कंपनी का सफाया हो चुका है, और मैं नक्सलियों से कहना चाहता हूं कि अब समय आ गया है कि वे मुख्यधारा में लौटें. छत्तीसगढ़ सरकार की सरेंडर पॉलिसी उनके लिए एक बेहतर मौका है. बस्तर का विकास हमारे लिए प्राथमिकता है, और अब बस्तर के विकास के मार्ग में बिछी आईईडी को समाप्त किया जाना चाहिए.” उपमुख्यमंत्री ने घायल जवान से मुलाकात के दौरान उनका उत्साहवर्धन किया और राज्य की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया.