Chhattisgarh: आदिवासी लोकसभा क्षेत्रों में CM साय करेंगे प्रचार, जानिए भाजपा का क्या है मास्टर प्लान

Chhattisgarh News: विष्णुदेव साय को आदिवासी बाहुल लोकसभा सीटों पर चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
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सीएम विष्णुदेव साय(फाइल फोटो)

Chhattisgarh News: लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बड़ी जिम्मेदारी दी जा रही है. छत्तीसगढ़ में भाजपा ने आदिवासी वर्ग से आने वाले विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री बनाया. अब विष्णुदेव साय को आदिवासी बहुल लोकसभा सीटों पर चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी गई है. मुख्यमंत्री साय को मध्य प्रदेश, झारखंड, ओडिसा और महाराष्ट्र की 45 लोकसभा सीटों पर प्रचार के लिए उतारा जा रहा है. ये सभी सीटें आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं.

MP में मुख्यमंत्री साय ने किया सभा

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को मध्य प्रदेश के सिंगरौली में चुनाव प्रचार के मोर्चे पर उतारा गया. शुक्रवार को एमपी के सिंगरौली में मुख्यमंत्री साय ने आमसभा को भी संबोधित किया. साथ ही उन्होंने जिला कोर ग्रुप की बैठक लेकर चुनावी रणनीति भी तैयार की. भाजपा के सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री साय को मध्य प्रदेश के बालाघाट, डिंडोरी और अन्य आदिवासी बाहुल लोकसभा सीटों पर भी प्रचार के लिए भेजा जाएगा. इसके साथ ही ओडिसा, महाराष्ट्र, तेलंगाना और झारखंड में भी विष्णुदेव साय चुनाव प्रचार के लिए जाएंगे.

विष्णुदेव को आखिर आदिवासी क्षेत्रों में क्यों चुनाव प्रचार के लिए उतारा जा रहा?

दरअसल आदिवासी वर्ग के लिए मध्य प्रदेश में 6, झारखंड में 5, छत्तीसगढ़ में 4, महाराष्ट्र में 4 और ओडिसा में 5 लोकसभा सीट आरक्षित है. विष्णु देव साय छत्तीसगढ़ की रायगढ़ लोकसभा सीट से चार बार सांसद चुने गए हैं. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में उन्हें राज्यमंत्री भी बनाया गया था. इसके बाद प्रदेश में जब भाजपा की सरकार बनी तो सौम्य आदिवासी चेहरे के रूप में विष्णु देव को पसंद किया गया और उन्हें मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी दी गई. अब भाजपा आदिवासी चेहरे के तौर पर विष्णु देव साय को अन्य राज्यों में चुनावी प्रचार में उतारकर आदिवासी वर्ग को साधना चाहती है. इसलिए भाजपा विष्णु देव साय को अन्य राज्यों में भी चुनाव प्रचार में उतार रही है.

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को पड़ोसी राज्यों में चुनाव प्रचार के लिए उतारने का साफ-साफ मकसद है कि इन राज्यों से छत्तीसगढ़ के लोगों का पारिवारिक और व्यापारिक संबंध है. जिसका लाभ आगामी लोकसभा चुनाव में सीधे तौर पर भाजपा लेना चाहती है. इसके साथ ही पिछले ढाई महीने में विष्णुदेव ने जिस तरह से ‘मोदी की गारंटी’ को पूरा करने की दिशा में कदम उठाया है. उसके माध्यम से भी पार्टी पड़ोसी राज्यों के आदिवासी वर्ग में भरोसे का संदेश देना चाह रही है. भाजपा की कोशिश है कि विष्णुदेव साय चुनावी मैदान में उतरकर ज्यादा से ज्यादा आदिवासी वर्ग के लोगों को भाजपा से जोड़ें, जिसका लाभ आने वाले लोकसभा चुनाव में मिले.

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