CG News: विवाद की जड़ बना ‘मुनगे’ का पेड़, 14 परिवारों का हुक्का-पानी हो गया बंद, जानें क्या है पूरा मामला
भोथीपार गांव के लोग
अभिषेक मिश्रा (धमतरी)
CG News: धमतरी(Dhamtari) जिले का भोथीपार गांव, बीते 2 साल से सहजन पेड़ जिसे छत्तीसगढ़ में मुनगा कहते है. इनके पेड़ों के नाम से परेशान है. इन पेड़ों के कारण गांव के 14 परिवारों का सामूहिक बहिष्कर कर दिया गया है. इस विवाद को लेकर लगातार जिला प्रशासन और पुलिस में शिकायत की जाती रही है, लेकिन समस्या का हल नहीं निकाला जा सका. ये बेहद दिलचस्प और अनोखा मामला है.
‘मुनगा’ पेड़ को लेकर हुआ विवाद
मुनगा बेहद पौष्टिक होता है, इसमे आयरन प्रचूर मात्रा में पाया जाता है, इसकी सब्जी भी स्वादिष्ट होती है. शासन ने इसके गुणों के कारण तमाम आंगनबाड़ियों में मुनगा पेड़ लगवाने के अभियान भी चलाया था, ताकि कुपोषण दूर करने में मदद मिले, लेकिन भोथीपार इसी पेड़ के कारण दो फाड़ हो गया है.
14 परिवारों का कर दिया बहिष्कार
इसके बाद ग्राम विकास समिति ने एक मत होकर 14 परिवारों का बहिष्कार कर दिया है. बहिष्कृत परिवारों से गांव वाले बात नही करते, लेन देन नही करते, न इन्हें मजदूरी पर रखते, न इनके पास कोई मजदूरी करता है, खेती कार्य के लिए ट्रैक्टर इन्हें दूसरे गांव से किराए पर लाना पड़ता है. ऐसी कई प्रताड़नाओं से इन परिवारों को गुजरना पड़ रहा है और ये समस्या 2 साल से लगातार बनी हुई है.
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क्या है पूरा मामला
बता दें कि इस गांव में जगह-जगह मुनगा का पेड़ लगा हुआ है, कोई मकान के अंदर है कोई बाहर गली में लगा हुआ है, कुछ लोगो ने घर के बाहर की थोड़ी से जगह को घेरा हुआ है, जिसमे मुनगा पेड़ भी लगा हुआ है, बस यही विवाद की जड़ है, ग्राम विकास समिति का आरोप है कि इन 14 परिवारों ने मुनगा पेड़ की आड़ में अतिक्रमण किया है, जबकि पीड़ित पक्ष इससे इनकार कर रहा है और ग्राम विकास समिति पर मनमानी और प्रताड़ना का आरोप लगा रहा है.
दो साल से दंश झेल रहा परिवार
पीड़ित पक्ष पिछले दो साल से बार बार इसकी शिकायत जिला प्रशासन और पुलिस तक मे करता रहा है, लेकिन आज भी हालत जस के तस है, इन दो साल में धमतरी में 3 कलेक्टर बदल गए, कई डिप्टी कलेक्टर और एसडीएम बदल गए लेकिन समस्या का हल नही निकला.
इस अजीब समस्या के कारण गांव वाले 2 साल से परेशान है, इसके कारण गांव में शांति नही है तनाव सा बना रहता है, जरूरत है कि जिम्मेदार अधिकारी और जन प्रतिनिधि इसमे दखल दे अगर अतिक्रमण है तो उसे हटाए और नही है तो उसे स्पष्ट करें लेकिन जिला प्रशासन भी शिकायतों पर आश्वासन देकर समय बिता रहा है.