Bilaspur में नगर निगम और BDA दोनों ले रहे टैक्स, लेकिन सुविधा के नाम पर मिल रही गंदगी

Bilaspur: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में राजकिशोर नगर क्षेत्र के हजारों लोग पिछले कई साल से मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. बिलासपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी BDA और नगर निगम दोनों जगह टैक्स पटाने के बावजूद गंदगी के बीच जीना उनकी मजबूरी बन गई है.
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चारों ओर गंदगी

Bilaspur: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में राजकिशोर नगर क्षेत्र के हजारों लोग पिछले कई साल से मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. बिलासपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी BDA और नगर निगम दोनों जगह टैक्स पटाने के बावजूद गंदगी के बीच जीना उनकी मजबूरी बन गई है. कुछ ऐसा ही हाल मोपका, लिंगियाडीह और उन सारी जगह बन रही है जिसे कांग्रेस की सरकार में पंचायत से नगर निगम में शामिल किया है लेकिन ना तो कॉलोनी में ठीक तरह से रास्ता है और ना ही नाली सड़क बिजली पानी की सुविधा. कुल मिलाकर गंदगी के भी जीना उनकी लाचारी बन गई है.

नगर निगम और BDA दोनों ले रहे टैक्स, फिर भी गंदगी

राजकिशोर नगर में शनि मंदिर के पीछे पंचवटी कॉलोनी कथित तौर पर बड़ी कॉलोनी में शामिल है लेकिन यहां लोगों के घरों का पानी सड़क पर आकर जमा हो रहा है और इसके कारण बड़े-बड़े घास और दूसरे अनुपयोगी पौधे उग चुके हैं. आलम यह है कि शासन ने यहां ब्राह्मण समाज के लिए जो भवन बनाया है, उसमें जाने का रास्ता तक नहीं बचा है. इसके अलावा क्षेत्र में लगभग सभी तरह की जमीन असमतल है जिसके कारण भी नगर निगम को नाली और सड़क बनाने में बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सबसे बड़ी बात है कि इस जगह को मूलभूत सुविधाओं के लिए 50 करोड रुपए से ज्यादा की जरूरत है लेकिन 5 से 7 करोड़ देकर नगर निगम के अधिकारी शासन का मुंह ताक रहे हैं. यही वजह है कि बिजली पानी सड़क और बुनियादी सहूलियतें जैसे इस क्षेत्र के लोगों के नसीब में है उसे तरह के हालात बनते चले जा रहे हैं.

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नशे का अड्डा बनी कॉलोनियां

इस क्षेत्र में बनी कॉलोनियां नशे का अड्डा बन चुकी है जहां लोग इंजेक्शन और शराब गांजा पीने के लिए उपयोग में ला रहे हैं. सभ्रांत लोगों का इनके कारण जीना दुश्वार हो चुका है. वे अपनी पीड़ा किसे बताएं उन्हें भी समझ नहीं आ रहा है क्योंकि उन्होंने विधायक से लेकर शासन प्रशासन तक अपनी बात रखी है फिर भी सुनवाई नहीं हो रही है.

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इस एरिया को तमाम सुविधा दिलवाने के लिए जोन 7 का दफ्तर बनाया गया है जो नगर निगम के अधीन है जहां निगम कमिश्नर बैठते हैं, लेकिन उनके दफ्तर के सामने ही नाली टूटी पड़ी है, और जाम है. ऐसे में समझा जा सकता है की गली मोहल्ले और कॉलोनी की स्थिति क्या होगी. लोग लगातार विधायक के जन दर्शन में पहुंचकर अपनी पीड़ा बता रहे हैं लेकिन समस्या जस की तस बनी है.

निगम ने इन 18 पंचायत को किया था शामिल

बिलासपुर नगर निगम में कांग्रेस की सरकार ने 18 पंचायत को नगर निगम का हिस्सा बनाया था. इनमें राजकिशोर नगर, मोपका, सकरी, लिंगियाडीह, बिरकोना, कोनी, मंगला, बहतराई, खमतराई जैसे गांव शामिल है, जो मौजूदा सरकार के लिए मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सर का दर्द बन चुकी है. यहां रहने वाले लोग नगर निगम को टैक्स तो दे रहे हैं लेकिन सुविधा के नाम पर फिलहाल उन्हें शहरों जैसी सहूलियत नहीं मिल रही है और यही कारण है कि वह गंदगी में जीने को मजबूर हैं.

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