“जेल तो ऐसे जाते हैं जैसे ससुराल गए हों…”, केजरीवाल और सिसोदिया पर क्यों भड़क गए ओवैसी?
असदुद्दीन ओवैसी (एआईएमआईएम प्रमुख)
Asaduddin Owaisi On Arvind Kejriwal: दिल्ली में चुनावी माहौल गरमाया हुआ है. AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके करीबी साथी मनीष सिसोदिया की रिहाई को लेकर तीखा हमला बोला है. ओवैसी का कहना है कि ये लोग “जेल ऐसे जाते हैं जैसे ससुराल गए हों”, और इसके पीछे उनकी रहस्यमयी सफलता का कोई तो राज़ है, जो आम लोगों के लिए नहीं है.
ओवैसी का हमला
ओवैसी ने कहा, “मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि शराब घोटाले में दिल्ली का मुख्यमंत्री जेल जाता है, उस पर IPC के गंभीर चार्ज लगे, PMLA भी लगा है. मनीष सिसोदिया पर भी शराब का इल्जाम है, सत्येंद्र कुमार जैन पर भी आरोप है. ओखला से आम आदमी पार्टी के मौजूदा विधायक हैं, उन्हें भी जेल में डाल दिया गया है. फिर भी, जेल जाते हुए ये लोग आराम से जाते हैं जैसे कोई छुट्टी पर जा रहे हों.”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इन नेताओं के पास कोई जादू की छड़ी है, जो उनके खिलाफ लगे गंभीर आरोपों को नकार देती है और उन्हें जल्दी से न्याय मिल जाता है.
ओवैसी ने आगे कहा, “इनकी जेल यात्रा आम लोगों के लिए एक मिसाल बन गई है, जहां अपराधी सजा से बचने के लिए विभिन्न रणनीतियां अपनाते हैं. इन नेताओं को न्याय क्यों मिल जाता है, जबकि उनके जैसे सामान्य लोगों को कड़ी सजा मिलती है, यह एक बड़ा सवाल है.”
शिफा उर रहमान की कस्टडी पैरोल
ओवैसी ने अपने भाषण में शिफा उर रहमान का भी जिक्र किया, जो AIMIM के उम्मीदवार हैं और ओखला से चुनाव लड़ रहे हैं. शिफा उर पर दिल्ली दंगों में शामिल होने का आरोप है और उन पर UAPA (Unlawful Activities (Prevention) Act) के तहत केस दर्ज है. शिफा उर फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद थे, लेकिन चुनावी प्रचार के लिए उन्हें कस्टडी पैरोल मिल गई है, जो बहुत चर्चा का विषय बन गया है.
उन्होंने कहा, “शिफा उर रहमान को चुनाव प्रचार के लिए कस्टडी पैरोल मिल गई है, जबकि अन्य नेताओं को बिना किसी परेशानी के जेल से बाहर निकलने की सुविधा मिलती है.” शिफा उर को पैरोल 3 फरवरी तक मिली है, और इस दौरान वे अपने चुनाव प्रचार के लिए ओखला में घर पर रहकर अपना प्रचार करेंगे. ओवैसी का कहना था कि शिफा उर रहमान को यह पैरोल इसलिए मिली क्योंकि वह AIMIM के उम्मीदवार हैं, जबकि दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को किसी तरह की कोई कठिनाई नहीं होती.
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दिल्ली चुनाव 2025
दिल्ली में विधानसभा चुनाव 5 फरवरी को होने जा रहे हैं, और इस चुनाव में 70 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान होगा. चुनाव परिणाम 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे. दिल्ली की राजनीति में यह चुनाव विशेष रूप से दिलचस्प बन चुका है, क्योंकि यहां कई बड़े नाम और राजनीतिक दल अपनी ताकत आज़मा रहे हैं.