खुद को बता चुके हैं ‘मौकाटेरियन’, मोहम्मद गौरी से की थी पीएम मोदी की तुलना, जानें कौन हैं ‘झाड़ू’ पकड़ने वाले अवध ओझा
Avadh Ojha Join AAP: आज आम आदमी पार्टी (AAP) में एक नया नाम जुड़ा है. यूपीएससी शिक्षक और मोटिवेशनल स्पीकर अवध ओझा ने सोमवार को पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. इस अवसर पर पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उन्हें पार्टी में स्वागत करते हुए सदस्यता दिलाई. AAP में शामिल होने के बाद अवध ओझा ने कहा, “दिल्ली के सरकारी स्कूल में 12वीं का रिजल्ट 97% है. 2015 में सरकारी स्कूल के केवल 15 बच्चों ने IIT-JEE MAINS क्वालीफाई किया था, इस बार 783 रहा. मेरा हमेशा नारा है कि शिक्षा शेरनी का दूध है जो पीएगा वो दहाड़ेगा.”
जब अवध ओझा ने सिसोदिया पर साधा था निशाना
इससे पहले जब शराब घोटाला मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जेल गए थे तो अवध ओझा ने निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि केजरीवाल ने भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए पार्टी बनाई और इन्हीं के नेता भ्रष्टाचार के मामले में जेल चले गए.
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मैं ‘मौकाटेरियन’ हूं- अवध ओझा
एक बार ओझा ने खुद कहा था कि मैं प्रयागराज से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहता था और कांग्रेस के टिकट पर रायबरेली से. जब पूछा गया कि एक ही टाइम पर दो ध्रुवीय पार्टियों से आप टिकट मांग रहे थे. तब उन्होंने मज़ाक़िया लहजे में कहा था- कुछ लोग वेजिटेरियन होते, कुछ नॉन वेजिटेरियन, एक मौकाटेरियन होता है.
अवध ओझा ने अपनी ऑनलाइन क्लास के दौरान अमेरिका के 9/11 हमले के लिए आतंकी ओसामा-बिन-लादेन की तारीफ की थी. उन्होंने कहा था कि बंदे में दम था, जिसने अमेरिका में घुसकर ट्विन्स टावर उड़ा दिया. दुनिया जानने लगी कि ओसामा कौन है. ठीक है, हर किसी को मरना है, अमेरिका ने ओसामा को पाकिस्तान के एबटाबाद में मार दिया.
उन्होंने एक बार अपनी ऑनलाइन क्लास में कहा था,” पीएम मोदी को अब क्राउन पहन लेना चाहिए. मुग़ल डायनेस्टी तो चेप्टर से ख़त्म हो चुका है.” उन्होंने पीएम मोदी की तुलना मोहम्मद गौरी से भी की थी.
अवध ओझा कौन हैं?
अवध ओझा का जन्म 3 जुलाई 1984 को उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में हुआ था. उनके पिता, माता प्रसाद ओझा, पोस्टमास्टर थे और उनकी मां एक वकील थीं. ओझा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गोंडा से ही प्राप्त की और बचपन से ही उनका सपना यूपीएससी परीक्षा पास कर IAS बनने का था. उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली का रुख किया. हालांकि, वह यूपीएससी परीक्षा में सफल नहीं हो सके, लेकिन उन्होंने हार मानने की बजाय इलाहाबाद में कोचिंग शुरू कर दी.
धीरे-धीरे ओझा की पढ़ाई की शैली ने उन्हें छात्रों के बीच लोकप्रिय बना दिया. उनका तरीका इतना सरल और प्रभावी था कि वह सोशल मीडिया पर भी चर्चित होने लगे. उन्होंने अपनी खास पढ़ाई की शैली के कारण बड़ी संख्या में छात्रों को आकर्षित किया और कई बड़े आईएएस कोचिंग संस्थानों में अपनी सेवाएं दी. इसके अलावा, वह अपने यूट्यूब चैनल और “अवध ओझा क्लासेस” के जरिए भी छात्रों को शिक्षा प्रदान करते हैं. वह IQRA IAS के संस्थापक भी हैं. अब, अवध ओझा के आम आदमी पार्टी में शामिल होने से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वह शिक्षा के क्षेत्र से अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत कर सकते हैं.
दिल्ली विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमा सकते हैं ओझा
कहा जा रहा है कि अवध ओझा 2025 में दिल्ली विधानसभा चुनावों में अपनी किस्मत आजमाने के लिए मैदान में उतर सकते हैं. ओझा ने पहले भी अपने राजनीतिक रूझान का इजहार किया था. उन्होंने लोकसभा चुनाव में बीजेपी से प्रयागराज से टिकट की मांग की थी, साथ ही कांग्रेस से अमेठी से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव भी दिया था. इसके अलावा, उनका यह दावा भी था कि मायावती ने उन्हें टिकट का ऑफर किया था, लेकिन इस पर मायावती की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई थी. अब, अवध ओझा ने आम आदमी पार्टी का रुख किया है.