दिल्ली में सियासी समीकरण बदलने की तैयारी में BJP! पहली लिस्ट में प्रवेश वर्मा और कैलाश गहलोत का नाम, समझिए पूरा ‘खेला’

बीजेपी दिल्ली में अपनी सत्ता की वापसी के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. पार्टी के पास एक मजबूत संगठनात्मक ढांचा और चुनावी अनुभव है, जो उसे राजधानी की राजनीति में अपनी मौजूदगी बनाए रखने में मदद कर सकता है.
केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे प्रवेश वर्मा

केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे प्रवेश वर्मा

Delhi Election: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां अब पूरे जोर-शोर से शुरू हो चुकी हैं. इस बार बीजेपी, आम आदमी पार्टी, और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है. 4 जनवरी 2025 को बीजेपी ने अपनी पहली सूची जारी की, जिसमें 29 उम्मीदवारों का नाम शामिल किया गया है. इस सूची के जरिए बीजेपी ने अपनी चुनावी रणनीति का खुलासा किया है, जिससे दिल्ली की राजनीति में नए समीकरण बन सकते हैं. आइए, सबकुछ विस्तार से जानते हैं.

बीजेपी के प्रमुख चेहरे

बीजेपी ने अपनी पहली सूची में कई महत्वपूर्ण उम्मीदवारों को टिकट दिया है, जिनमें कुछ नए चेहरे भी शामिल हैं, जबकि कुछ पुराने अनुभवी नेता भी मैदान में हैं. पार्टी ने अपनी सूची में प्रवेश वर्मा, दुष्यंत गौतम, मनजिंदर सिंह सिरसा, रमेश बिधूड़ी, कैलाश गहलोत और रवि नेगी जैसे प्रमुख नेताओं को टिकट दिया है.

प्रवेश वर्मा

बीजेपी ने नई दिल्ली सीट से प्रवेश वर्मा को उम्मीदवार बनाया है, जो दिल्ली में एक प्रमुख चेहरा माने जाते हैं. उनका मुकाबला होगा आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से. यह मुकाबला इसलिए भी अहम है क्योंकि केजरीवाल को दिल्ली में सबसे मजबूत मुख्यमंत्री के तौर पर देखा जाता रहा है. बीजेपी की यह रणनीति केजरीवाल के खिलाफ एक मजबूत नेता को उतारने की है. प्रवेश वर्मा ने पहले भी कहा था कि वो केजरीवाल के खिलाफ ही चुनाव लड़ेंगे. अब बीजेपी ने उन्हें उम्मीदवार बनाया है.

दुष्यंत गौतम

बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत गौतम को करोल बाग से उम्मीदवार बनाया गया है. करोल बाग प्रतिष्ठित सीट है, जहां पर हर पार्टी का अपना वोटबैंक है. गौतम की टिकट से बीजेपी इस सीट पर अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश करेगी.

मनजिंदर सिंह सिरसा

राजौरी गार्डन से मनजिंदर सिंह सिरसा को मैदान में उतारा गया है. सिरसा ने पहले भी दिल्ली की राजनीति में अपनी पहचान बनाई है. यह सीट पंजाबी मतदाताओं के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है, और बीजेपी को सिरसा के जरिए इस मतदाता वर्ग को प्रभावित करने का मौका मिल सकता है.

कैलाश गहलोत

पहले AAP के मंत्री रह चुके कैलाश गहलोत अब बीजेपी में शामिल हो गए हैं. गहलोत को बिजवासन सीट से उम्मीदवार बनाया गया है. गहलोत का नाम खासतौर पर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि वह आम आदमी पार्टी के अहम सदस्य रहे हैं और अब उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया है. यह कदम बीजेपी की रणनीति का हिस्सा है, जो पार्टी को AAP के गढ़ में घुसने की दिशा में मदद करेगा.

रमेश बिधूड़ी और रवि नेगी

रमेश बिधूड़ी को कालकाजी से और रवि नेगी को पटपड़गंज से टिकट मिला है. इन दोनों सीटों पर बीजेपी को अपनी स्थिति मजबूत करने की उम्मीद है. बिधूड़ी का नाम पहले से दिल्ली की राजनीति में बड़ा है, और नेगी की टिकट से पार्टी दिल्ली के पूर्वी क्षेत्र में अपनी पकड़ बनाने की कोशिश कर रही है.

यह भी पढ़ें: LIVE: दिल्ली चुनाव के लिए भाजपा ने जारी की उम्मीदवारों की पहली लिस्ट, केजरीवाल के खिलाफ नई दिल्ली से मैदान में प्रवेश वर्मा

AAP की तैयारी

आम आदमी पार्टी पिछले तीन विधानसभा चुनावों से दिल्ली की सत्ता में है. केजरीवाल की पार्टी इस बार लगातार चौथी बार जीतने की योजना बना रही है. अरविंद केजरीवाल की लोकप्रियता अभी भी उच्चतम स्तर पर है, और AAP ने पहले ही अपने सभी उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. पार्टी का मुख्य उद्देश्य है कि दिल्ली में अपने कामकाजी रिकॉर्ड और विकास के एजेंडे को जनता के सामने लाया जाए. हालांकि, इस बीच केजरीवाल को बीजेपी ने आपदा बताना शुरू कर दिया है.

केजरीवाल ने शिक्षा, स्वास्थ्य, और सस्ती बिजली जैसे मुद्दों पर चुनावी मोर्चा तैयार किया है. इसके अलावा, दिल्ली में सशक्त सरकार के रूप में अपनी छवि को बनाए रखते हुए AAP यह साबित करने की कोशिश करेगी कि पार्टी ही सबसे बेहतर विकल्प है. दिल्ली में AAP का चुनावी वादों का इतिहास अच्छा रहा है, और पार्टी इस बार भी इन्हीं वादों को दोहराने का प्रयास करेगी.

खोई हुई सियासी जमीन की तलाश में कांग्रेस

दिल्ली में लंबे समय तक सत्ता में रही कांग्रेस पिछले कुछ चुनावों में बिल्कुल हाशिए पर चली गई है. 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी, और इस बार पार्टी की कोशिश दिल्ली में अपनी खोई हुई सियासी जमीन को फिर से हासिल करने की है.

कांग्रेस ने कुछ सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं, लेकिन अभी तक पूरी सूची सामने नहीं आई है. पार्टी की रणनीति यह हो सकती है कि वह बीजेपी और AAP के बीच की राजनीतिक खाई का फायदा उठाए और दिल्ली की उन सीटों पर अपना ध्यान केंद्रित करे, जहां दोनों पार्टियों के बीच सीधा मुकाबला हो. कांग्रेस इस बार किसी नए चेहरे के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी, जिससे पार्टी की पहचान को फिर से स्थापित किया जा सके.

बीजेपी, AAP और कांग्रेस की चुनौती

बीजेपी दिल्ली में अपनी सत्ता की वापसी के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. पार्टी के पास एक मजबूत संगठनात्मक ढांचा और चुनावी अनुभव है, जो उसे राजधानी की राजनीति में अपनी मौजूदगी बनाए रखने में मदद कर सकता है.

आम आदमी पार्टी के पास दिल्ली में अपने कामकाजी रिकॉर्ड के आधार पर एक मजबूत पक्ष है, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य और सस्ती बिजली के मुद्दे प्रमुख हैं. केजरीवाल का प्रभाव दिल्ली के मतदाताओं पर बहुत अधिक है. हालांकि बीजेपी से कड़ी चुनौती मिल रही है.

कांग्रेस का मुख्य उद्देश्य अपनी खोई हुई जमीन को फिर से हासिल करना है. हालांकि पार्टी की स्थिति कमजोर है, लेकिन यह बीजेपी और AAP के बीच सियासी संघर्ष को अपने फायदे के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश करेगी.

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 एक बेहद दिलचस्प मुकाबला होने जा रहा है. बीजेपी ने अपनी पहली सूची जारी कर दी है और अब उसने अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारकर दिल्ली में सियासी लड़ाई को और भी रोमांचक बना दिया है. प्रवेश वर्मा जैसे बड़े चेहरे के खिलाफ केजरीवाल का मुकाबला अहम होगा.इस चुनावी जंग में कांग्रेस की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी, खासकर यदि वह सही रणनीति अपनाती है. चुनावी तारीखों के ऐलान के बाद, यह स्पष्ट होगा कि दिल्ली की सत्ता पर किस पार्टी का कब्ज़ा होगा.

ज़रूर पढ़ें