2013 से लेकर 2025 तक…कितने सही साबित हुए चुनावी अनुमान? दिल्ली में EXIT ही EXACT नतीजे!
प्रतीकात्मक तस्वीर
Exit Polls: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के एग्जिट पोल ने एक बार फिर सियासी हलचल तेज़ कर दी है. 5 फरवरी को हुए मतदान के बाद, जो अनुमान सामने आए हैं, वे दिल्ली की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर की ओर इशारा कर रहे हैं. जहां एक तरफ भाजपा की जीत के आसार प्रबल बताए जा रहे हैं, वहीं आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के लिए मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. हालांकि, एग्जिट पोल महज अनुमान हैं, लेकिन ये चुनावी माहौल को और भी रोमांचक बना देते हैं. अब बस इंतजार है 8 फरवरी का, जब असल नतीजे सामने आएंगे और ये सवाल खड़ा होगा- क्या एग्जिट पोल सच साबित हुए, या एक बार फिर से चुनावी आंकड़े गच्चा दे गए?
अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि क्या ये पोल हमेशा सही होते हैं? इनकी सटीकता पर सवाल उठते रहे हैं, और 2013 से लेकर अब तक के दिल्ली विधानसभा चुनावों में एग्जिट पोल और असल चुनाव परिणामों के बीच मेल खाता है या नहीं, यह भी एक दिलचस्प सवाल है. आइए, इसके आंकडों पर विस्तार से नजर डालते हैं.
क्या है एग्जिट पोल?
एग्जिट पोल एक सर्वे होता है , जिसे वोटिंग के बाद मतदान केंद्रों से बाहर निकलने वाले मतदाताओं से लिया जाता है. इन पोलों का मुख्य उद्देश्य यह जानना होता है कि चुनावी दिन के बाद मतदाता किस पार्टी या उम्मीदवार को अपना समर्थन दे रहे हैं. हालांकि, यह सिर्फ एक अनुमान होता है. यह कभी भी 100 फीसदी सटीक नहीं होता. एग्जिट पोलों के परिणाम चुनाव के असल परिणामों से अलग हो सकते हैं. इनकी सटीकता चुनाव परिणामों के बाद ही सामने आती है. एग्जिट पोल सिर्फ एक दिशा का संकेत देते हैं, लेकिन अंतिम सत्य तो चुनाव परिणाम ही होते हैं.
दिल्ली में एग्जिट पोल की सटीकता का इतिहास
चलिए अब देखते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली विधानसभा चुनावों के एग्जिट पोलों की सटीकता कैसी रही है.
2013 का चुनाव और एग्जिट पोल
2013 में दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय, एग्जिट पोल ने भविष्यवाणी की थी कि कांग्रेस का प्रदर्शन कमजोर रहेगा, और बीजेपी को एक बड़ी जीत मिलने की संभावना थी. हालांकि, एग्जिट पोल ने AAP के बारे में कोई स्पष्ट भविष्यवाणी नहीं की थी. इसके बावजूद, एग्जिट पोल के उलट, आम आदमी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया और 28 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस को केवल 8 सीटें मिलीं. बीजेपी के पास सबसे अधिक सीटें थीं, लेकिन किसी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला. एग्जिट पोल ने बीजेपी को बहुमत के करीब बताया था. फिर बाद में आप और कांग्रेस की सरकार बनी.
2015 का एग्जिट पोल
2015 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में एग्जिट पोल ने आम आदमी पार्टी की बड़ी जीत का अनुमान लगाया था, और इस बार एग्जिट पोल सही साबित हुआ. AAP ने दिल्ली की राजनीति में इतिहास रचते हुए 67 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि बीजेपी और कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत ही कमजोर रहा. एग्जिट पोल ने इस बार जो अनुमान लगाया था, वह पूरी तरह से सटीक साबित हुआ, और AAP को जबरदस्त जनसमर्थन मिला.
2020 का एग्जिट पोल
2020 में भी एग्जिट पोल ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी के लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए बहुमत हासिल करने का अनुमान व्यक्त किया. इस बार एग्जिट पोल सही साबित हुआ और AAP ने 70 में से 62 सीटें जीतीं. भाजपा को महज 8 सीटों पर संतोष करना पड़ा. यह परिणाम भी एग्जिट पोल के अनुमान के मुताबिक था, जो एक और सटीक भविष्यवाणी के रूप में सामने आया.
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2025 में क्या कह रहे हैं एग्जिट पोल के आंकड़े?
बता दें कि मतदान के बाद एग्जिट पोल्स ने दिल्ली की राजनीति को एक नया मोड़ दे दिया है. AAP लगातार चौथी बार सत्ता में वापसी की उम्मीदें लिए चुनावी मैदान में है, वहीं भारतीय जनता पार्टी दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने के लिए 27 साल बाद एक बार फिर कोशिश करती नजर आ रही है. कांग्रेस भी इस त्रिकोणीय मुकाबले में अपनी खोई हुई साख को फिर से हासिल करने की जुगत में है. इस बार दिल्ली का चुनाव न केवल मुकाबला है, बल्कि दिल्ली की सियासत के अगले अध्याय की शुरुआत भी हो सकता है.
एग्जिट पोल्स ने बीजेपी के पक्ष में एक मजबूत लहर की संभावना जताई है, जो दिल्ली में 27 साल बाद उसकी सत्ता में वापसी का संकेत दे रही है. अगर यह अनुमान सही साबित हुआ, तो बीजेपी के लिए यह ऐतिहासिक होगा, क्योंकि दिल्ली की राजनीति में इतनी लंबी दूरी तय करना आसान नहीं होता. दूसरी तरफ, AAP के लिए यह झटका हो सकता है, जिसने पिछले दो चुनावों में दिल्ली में अप्रत्याशित जीत दर्ज की थी. अब सवाल यह है कि क्या वे एक और बार जनता का विश्वास जीत पाएंगे, या इस बार बीजेपी का तूफान उन्हें बहा ले जाएगा?
2013 से दिल्ली में AAP का दबदबा
दिल्ली की सियासत में 1998 से 2013 तक कांग्रेस का दबदबा रहा, फिर 2013 में AAP ने पहली बार सत्ता में कदम रखा था. 2015 और 2020 में केजरीवाल के नेतृत्व में AAP ने प्रचंड बहुमत हासिल किया, लेकिन अब बीजेपी ने चुनावी मुकाबला और भी कड़ा कर दिया है. एग्जिट पोल में उसे बढ़त मिलती नजर आ रही है. अब 8 फरवरी का दिन ही तय करेगा कि दिल्ली की सियासी धारा किस दिशा में मुड़ेगी. क्या AAP फिर से सत्ता में वापस आएगी, या बीजेपी का इंतजार आखिरकार खत्म होगा? इस सवाल का जवाब अब दिल्ली के वोटर ही देंगे.
एग्जिट पोल दिल्ली चुनावों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन इनकी सटीकता पर हर बार सवाल उठते रहते हैं. कभी ये पोल सही साबित होते हैं, तो कभी गलत. इस बार भी, दिल्ली के चुनाव परिणामों के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि 2025 के एग्जिट पोल कितने सही साबित होते हैं. 8 फरवरी को जब परिणाम घोषित होंगे, तो यह सवाल पूरी तरह से हल हो जाएगा, और हम जान पाएंगे कि इस बार के एग्जिट पोल ने कितना सही अनुमान लगाया.