विक्रमोत्सव नाट्य मंचन; केंद्रीय मंत्री सिंधिया बोले- विक्रमादित्य की तरह ही PM मोदी शासन चला रहे, CM मोहन यादव भी कार्यक्रम में हुए शामिल

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि जब भी न्याय, सुशासन और वीरता की बात होगी, तब-तब सम्राट विक्रमादित्य याद आएंगे.
Vikramotsav Dramatic Performance

विक्रमोत्सव नाट्य मंचन

Vikramotsav 2025: नई दिल्ली के लाल किले पर सम्राट विक्रमादित्य के महानाट्य के कार्यक्रम का आज आखिरी दिन है. इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कई कैबिनेट मंत्री शामिल हुए. इस दौरान डॉ मोहन यादव ने कहा कि जब भी न्याय, सुशासन और वीरता की बात होगी, तब-तब सम्राट विक्रमादित्य याद आएंगे. वहीं सिंधिया ने कहा कि आज के समय में प्रधानमंत्री मोदी सम्राट विक्रमादित्य की तरह ही नीतियां और शासन चला रहे हैं.

‘विक्रमादित्य का अनुसरण करते हुए PM मोदी खुद को प्रधान सेवक कहते हैं’

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने संबोधित करते हुए कहा, ‘सम्राट विक्रमादित्य खुद को कभी राजा और सम्राट कहलाना पसंद नहीं करते थे, वो हमेशा प्रजा की भलाई के लिए तत्पर रहते थे. ठीक उसी तरह प्रधानमंत्री मोदी भी खुद को प्रधान सेवक कहलाना पसंद करते हैं. इस महा नाट्य के मंचन में कितना अच्छा लगता है, कि नाटकों के माध्यम से किस तरह कला दिखाई जाती है. जब विक्रम और बेताल की बात आती है तो एकदम अद्भुत लगता है.’

‘प्रधानमंत्री मोदी सम्राट विक्रमादित्य की तरह शासन कर रहे हैं’

सम्राट विक्रमादित्य के माध्यम से केवल उत्पीड़न और गुलामी से ही मुक्ति नहीं मिली. बल्कि उन्होंने भारत की कला, विज्ञान के पुर्नजागरण की भी शुरुआत की और अपने क्षेत्र को विश्व के विकास में प्रथम पंक्ति में लाने का काम किया. आज भारत का जन-जन सम्राट विक्रमादित्य के शौर्य और शासन के बारे में ज्ञान प्राप्त करे. 32 मंत्रियों का मंत्रिमंडल सम्राट विक्रमादित्य के शासन में स्थापित हुआ था. उनके दरबार में एक से बढ़कर एक नवरत्न थे. उस समय के कालखंड में किसानों की मदद की जाती थी, व्यपारियों को प्रोत्साहन दिया जाता था, मुफ्त में आवास दिए जाते थे. प्रधानमंत्री मोदी विक्रमादित्य की तरह ही उज्ज्वला योजना, आवास योजना और अन्य कामों की तरह जनता को सशक्त बना रहे हैं.

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