“श्रद्धालुओं की बजाय VIP लोगों की…”, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन हादसे के लिए सरकार को खूब खरी-खोटी सुना रहा विपक्ष
राहुल गांधी और तेजस्वीर यादव
New Delhi Railway Station Stampede: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात हुई भगदड़ ने देशभर में राजनीतिक उबाल ला दिया है और इसने भारतीय रेलवे की व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. यह हादसा विशेष रूप से उन श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ा सदमा था जो महाकुंभ में भाग लेने के लिए प्रयागराज जा रहे थे. प्लेटफॉर्म नंबर 13 और 14 पर भगदड़ मचने के कारण 18 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए.
विपक्ष ने सरकार को घेरा
घटना के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. विपक्षी दलों ने हादसे को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने घटना के बाद कहा कि यह हादसा रेलवे की व्यवस्थाओं में खामी और सरकार की लापरवाही को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि जब इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकुंभ के लिए जा रहे थे, तो रेलवे को पहले से ही बेहतर इंतजाम करने चाहिए थे. उन्होंने ट्वीट किया, “यह घटना एक बार फिर रेलवे की विफलता और सरकार की असंवेदनशीलता को उजागर करती है.” राहुल गांधी ने प्रशासन से अपील की कि वे सुनिश्चित करें कि इस कुप्रबंधन और लापरवाही के कारण किसी की जान न जाए. उन्होंने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए घायल यात्रियों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि मोदी सरकार इस हादसे की सच्चाई को छुपाने की कोशिश कर रही है, जो कि बेहद शर्मनाक है. खरगे ने आगे कहा कि यह घटना दिल दहला देने वाली है और यह सरकारी लापरवाही का नतीजा है.
लालू परिवार ने भी साधा निशाना
राजद नेता लालू प्रसाद यादव ने कहा कि यह रेलवे की लापरवाही का परिणाम था. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के हादसे पहले भी हो चुके हैं, जैसे कि कुंभ मेले में भी भगदड़ मच चुकी है, जिससे साफ है कि सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है.
तेजस्वी यादव ने भी इस घटना पर सख्त प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, “नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अव्यवस्था और भगदड़ के कारण हुई असामयिक मौतों से मन व्यथित है.” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार का ध्यान आम लोगों और श्रद्धालुओं की बजाय वीआईपी लोगों की सुविधाओं और मीडिया प्रबंधन पर केंद्रित है.
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रेलवे ने क्या कहा?
रेलवे ने घटना के बाद तत्काल कदम उठाए और विशेष ट्रेनों की व्यवस्था की. रेलवे ने प्लेटफॉर्म पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए उपाय किए और उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए. इसके अलावा, रेलवे ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है, जबकि गंभीर रूप से घायल यात्रियों को 2.5 लाख रुपये और मामूली रूप से घायल यात्रियों को एक लाख रुपये देने की घोषणा की है.
सियासी खेल और जवाबदेही
कई नेता इसे सरकार की असंवेदनशीलता और रेलवे के प्रबंधन की कमी के रूप में देख रहे हैं. सवाल उठता है कि जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकुंभ के लिए यात्रा कर रहे थे, तब क्या सरकार ने इस भीड़ को संभालने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए थे? क्या रेलवे ने इस महत्वपूर्ण अवसर पर प्लेटफार्मों पर यात्रियों की सुरक्षा और सुव्यवस्था को सुनिश्चित किया था?
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की इस भगदड़ ने न केवल एक बार फिर भारतीय रेलवे के प्रबंधन की खामियों को उजागर किया, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि जब तक सरकार और प्रशासन गंभीरता से सुरक्षा उपायों पर ध्यान नहीं देंगे, ऐसी घटनाओं का होना जारी रहेगा.