Delhi Water Crisis: दिल्ली में जल संकट पर LG ने AAP पर उठाए सवाल, बोले- केजरीवाल सरकार को दूसरों पर आरोप लगाने की फितरत

Delhi Water Crisis: दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने हरियाणा सरकार पर पानी की सप्लाई रोकने का आरोप लगाया है. इस पर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना का बयान सामने आया है.
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दिल्ली डायलॉग कमीशन पर बड़ा एक्शन

Delhi Water Crisis: दिल्ली-NCR में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है. मौसम विभाग ने कहा है कि इससे अभी राहत मिलने की उम्मीद भी नहीं है. इस बीच राजधानी में जल संकट की स्थिति बन गई है. एक तरफ तेज गर्मी और दूसरी तरफ बिजली कटौती, वहीं पानी संकट भी अब लोगों को परेशान कर रहा है. दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने हरियाणा सरकार पर पानी की सप्लाई रोकने का आरोप लगाया है. इस पर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि AAP सरकार को दूसरों पर आरोप लगाने की फितरत है.

मुख्यमंत्री का वादा अब तक छलावा ही साबित हुआ- LG

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से हम दिल्ली में जल संकट के प्रति दिल्ली सरकार का गैरजिम्मेदाराना रवैया देख सकते हैं. दिल्ली के लोग पानी के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर टैंकरों के पीछे भागते नजर आ रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार अपनी नाकामियों का ठीकरा अन्य राज्यों पर फोड़ रही है. दिल्ली में 24 घंटे पानी की आपूर्ति का मुख्यमंत्री का वादा अब तक छलावा ही साबित हुआ है. उन्होंने आगे कहा कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश लगातार दिल्ली को अपने तय कोटे का पानी दे रहे हैं. इसके बाद भी दिल्ली में पानी की भारी किल्लत का सबसे बड़ा कारण यह है कि उत्पादित पानी का 54% हिस्सा इस्तेमाल नहीं हो पाता.

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पॉश इलाकों में औसतन 1.5 लाख लीटर पानी की बर्बादी

वीके सक्सेना ने कहा कि पुरानी और जर्जर पाइपलाइनों के कारण जल आपूर्ति के दौरान 40% पानी बर्बाद हो जाता है. उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 10 सालों में दिल्ली सरकार की ओर से हजारों-करोड़ रुपए खर्च किए गए, लेकिन पुरानी पाइपलाइनों के मरम्मत या बदलाव का काम नहीं किया जा सका और न ही पर्याप्त पाइप बिछाए गए. उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए आगे कहा कि पानी टैंकर माफिया की ओर से चुराकर गरीबों को बेचा जाता है. एक तरफ दिल्ली के पॉश इलाकों में औसतन 1.5 लाख लीटर पानी की बर्बादी हो रही है और प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 550 लीटर पानी की आपूर्ति की जा रही है. वहीं दूसरी ओर गांवों और बस्तियों में प्रति व्यक्ति औसतन केवल 15 लीटर पानी की आपूर्ति की जा रही है.

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