दिल्ली में ऑड-ईवन की वापसी संभव, AAP सरकार ने विंटर प्लान का किया ऐलान, कृत्रिम बारिश के लिए केंद्र को लिखेगी पत्र
Odd-Even Rule In Delhi: दिल्ली में प्रदूषण के स्तर को कम रखने के लिए आतिशी सरकार 21 सूत्रीय विंटर प्लान को लागू करने वाली है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पॉल्युशन को कंट्रोल करने के लिए ट्रैफिक समस्या पर विशेष फोकस किया जाएगा. इसके मद्देनज़र सड़क पर गाड़ियों की ऑड-इवन पॉलिसी की वापसी हो सकती है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार की योजनाओं का ज़िक्र किया.
दिल्ली सरकार का कहना है कि प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए बीते सालों में कई स्तर पर काम किए गए हैं. जिनमें वृक्षारोपण एक अहम पड़ाव है. मीडिया से बातचीत में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि बीते 4 सालों में देश की राजधानी के भीतर 2 करोड़ वृक्ष लगाए गए हैं. इस नीति से निश्चित रूप से काफ़ी मदद मिली है.
ये भी पढ़ें- एक जैसी शक्ल, एक जैसा जुर्म… बुराड़ी में फिल्मी स्टाइल में चोरी, गुत्थी सुलझाने में दिल्ली पुलिस के छूटे पसीने
दिल्ली में भारी वाहनों के लिए अलग नियम
दिल्ली में भारी वाहनों के लिए अलग से नीति बनाई गई है, साथ ही तमाम थर्मल प्लांट्स को बंद कर दिया गया है. लेकिन, प्रदूषण कंट्रोल की दिशा में बाक़ी राज्यों का भी सहयोग मिलना चाहिए. मसलन, दिल्ली से सटे राज्यों में अभी भी थर्मल प्लांट चल रहे हैं जिसके चलते प्रदूषण का स्तर दिल्ली के लिए चुनौती बन जा रहा है. हालांकि, ऑड-ईवन पॉलिसी के संदर्भ में गोपाल राय ने यह ज़रूर कहा कि इसे सिर्फ़ इमरजेंसी के उपाय के तौर पर ही लागू किया जा सकता है.
कृत्रिम बारिश कराने की भी तैयारी
दिल्ली सरकार का यह भी कहना है कि प्रदूषण को रोकने के लिए वह हर तैयारी को मुमकिन करेगी. सर्दियों में कृत्रिम बारिश कराने की भी तैयारी है. इसके लिए वह केंद्र सरकार से अनुमति मांगेगी, ताकि 1 नवंबर से 15 नवंबर के बीच कृत्रिम बारिश कराई जा सके. गौरतलब है कि दिवाली के बाद दिल्ली के बाहर पराली जलाने की घटनाएं आम हो जाती हैं. जिसके चलते प्रदूषण का एक बड़ा स्तर खड़ा हो जाता है. ऐसे में कृत्रिम बारिश इससे निपटने में कारगर साबित हो सकती है.
“2016 के मुकाबले कम हुआ दिल्ली का प्रदूषण”
दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के मुताबकि, 2016 की तुलना में दिल्ली में प्रदूषण का स्तर 34.6 फीसदी कम हुआ है. बता दें कि जैसे ही मानसून का मौसम अपने आखिरी पड़ाव की ओर पहुंचा, दिल्ली की वायु गुणवत्ता पहले ही खराब श्रेणी में आ गई है, मंगलवार शाम को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 204 दर्ज किया गया. गौरतलब है कि (0-50) के बीच की वायु गुणवता सूचकांक को अच्छा माना जाता है. जबकि, (401-500) को गंभीर की श्रेणी में रखा जाता है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने बुधवार के लिए एक्यूआई को “मध्यम” श्रेणी में रहने का अनुमान लगाया है, जिसमें हल्की बारिश की भी संभावना है.