दवाईयों की कमी, मरीजों की घटती संख्या…जानिए दिल्ली सरकार के मोहल्ला क्लिनिक का कैसा है हाल
Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव का ऐलान होते ही सभी दल योजनाओं की घोषणा कर रहे हैं. इसमें सबसे आगे दिल्ली सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हैं. केजरीवाल अक्सर अपनी नई योजनाओं के ऐलान के साथ अपने पुराने योजनाओं की बात करते हैं. और उन योजनाओं की उपलब्धियां बताते हैं. इसमें मोहल्ला क्लिनिक का नाम शामिल है. जिसको केजरीवाल आप सरकार की स्वास्थ्य के क्षेत्र में ऐतिहासिक काम बताते हैं. मगर इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक मोहल्ला क्लिनिक में पिछले साल 28% तक मरीजों में गिरावट आई है. 2023 के मुकाबले में यह आंकड़ा काफी कम रहा है.
साल 2024 के शुरुआत में एक जांच रिपोर्ट में दिल्ली सरकार के सात मोहल्ला क्लीनिक में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया था. जिसके बाद मोहल्ला क्लिनिक के व्यवस्था पर सवाल खड़े हुए थे. अब एक बार फिर से मोहल्ला क्लिनिक सवालों के घेरे में है. इंडियन एक्सप्रेस के एक RTI में पता चला है कि 2023 के मुकाबले पिछले साल 28% तक मरीजों में गिरावट हुई है. यहां दवाइयों की कमी सबसे बड़ी समस्या है.
मोहल्ला क्लीनिक के हालात
इंडियन एक्सप्रेस की एक खबा के मुताबिक, मरीजों को जरूरी दवाइयां मोहल्ला क्लीनिक में नहीं मिल रही थीं, जिस कारण वहां मरीजों का जाना कम हो गया है. मोहल्ला क्लिनिक में दवाइयों की कमी पर बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर जमकर निशाना साधा था. अब आंकड़े बता रहे हैं कि 2023 में 1.94 करोड़ लोगों ने दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक में इलाज करवाया था. लेकिन 2024 में यह आंकड़ा गिरकर 1.39 करोड़ तक पहुंच गया.
मोहल्ला क्लिनिक में दवाइयों की कमी ही केवल कारण नहीं है. कई जगहों पर व्यवस्था और डॉक्टरों की अनुपस्थिति भी मरीजों की कमी का कारण है. राष्ट्रीय राजधानी में 546 मोहल्ला क्लीनिक हैं.
मोहल्ला क्लीनिक में मरीज संख्या
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में बताया गया है कि जब मोहल्ला क्लीनिक शुरू हुआ था, उसके कुछ सालों तक लगातार मरीजों में इजाफा हुआ था. वहां पर स्थिति भी बेहतर दिखटी थी. 2019 में 2.42 करोड़ अप्वाइंटमेंट पुरुषों द्वारा किए गए थे, वहीं महिलाओं का आंकड़ा 3.02 करोड़ रहा. साउथ ईस्ट और पश्चिमी इलाकों में तीन सरकारी अस्पताल और 6 मोहल्ला क्लीनिक में दवाइयों की कमी देखी गई है.
वहीं, 2024 के आंकड़ों की बात करें तो दवाइयों पर खर्च काफी कम कर दिया गया है. 5 करोड़ रुपये 2024 में खर्च किए गए जो कि 2023 में खर्च किए गए 164 करोड़ के आसपास भी नहीं है.
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सवालों के घेरे में मोहल्ला क्लीनिक
बता दें कि मोहल्ला क्लिनिक अक्सर सवालों के घेरे में खड़ा हुआ है. नवंबर 2023 में दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) के आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक सेल ने कार्रवाई की थी. कार्रवाई रिपोर्ट में पाया गया था कि इनमें से कई मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टर पर पर ड्यूटी नहीं पहुंच रहे थे. कुछ जगहों पर डॉक्टर की अनुपस्थिति में ही मरीज देखे जा रहे थे. एक दो जगहों पर मोहल्ला क्लीनिक में डॉक्टर अपने साथ बाहरी कर्मचारियों को रखे हुए थे. कुछ जगहों पर महिला डॉक्टर अपने साथ अपने बच्चे को लेकर मोहल्ला क्लीनिक पहुंच रही थीं और डॉक्टर रूम का इस्तेमाल बच्चे को खेलने में हो रहा था. इससे मरीजों का इलाज प्रभावित हो रहा था.