अगर 2025 में बनती ‘शोले’, तो खर्च होते इतने करोड़, जानिए कितनी महंगी हो जाती ‘जय’ और ‘वीरू’ की जोड़ी

1975 में फिल्म 'शोले' को बनाने में कुल खर्च था 3 करोड़ रुपये—जो उस समय एक बहुत बड़ी रकम मानी जाती थी. इस फिल्म ने वर्ल्डवाइड बॉक्स ऑफिस पर 35 करोड़ रुपये की कमाई की, जो उस वक्त के हिसाब से रिकॉर्ड तोड़ था. सोचिए, उस समय के हिसाब से यह कितनी बड़ी सफलता थी!
Bollywood Story

फिल्म शोले

Bollywood Story: 1975 का साल, जब सिनेमाई दुनिया में एक ऐसी फिल्म आई, जिसने न केवल भारतीय सिनेमा को नया दिशा दी, बल्कि एक अज़ीम फिल्मी धरोहर भी छोड़ दी. हम बात कर रहे हैं फिल्म ‘शोले’ की. इस फिल्म ने सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर ही सफलता नहीं पाई, बल्कि यह भारतीय सिनेमा के इतिहास का वो मील का पत्थर बन गई, जिसे आज भी हर कोई याद करता है. फिल्म के दोनों लीड एक्टर्स, अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र के करियर को इसने उड़ान दी और एक नई पहचान दी. इस फिल्म ने ‘जय’, ‘वीरू’, ‘गब्बर’ जैसे किरदारों को जन्म दिया, जो आज तक सिनेमा में अमर हैं.

लेकिन क्या आप जानते हैं कि 1975 में ‘शोले’ के बजट के मुकाबले अगर इसे 2025 में बनाया जाता, तो कितना खर्च होता? आइए, इस डिजिटल युग में फिल्म के बजट के एक नए पहलू को जानने की कोशिश करते हैं.

1975 में 3 करोड़ का बजट

1975 में फिल्म ‘शोले’ को बनाने में कुल खर्च था 3 करोड़ रुपये—जो उस समय एक बहुत बड़ी रकम मानी जाती थी. इस फिल्म ने वर्ल्डवाइड बॉक्स ऑफिस पर 35 करोड़ रुपये की कमाई की, जो उस वक्त के हिसाब से रिकॉर्ड तोड़ था. सोचिए, उस समय के हिसाब से यह कितनी बड़ी सफलता थी!

2025 में ‘शोले’ का बजट कितना होता?

अब, अगर यही फिल्म आज, यानी 2025 में बनाई जाती, तो मेकर्स को कितनी रकम खर्च करनी पड़ती? रिपोर्ट्स के अनुसार, 1975 में 3 करोड़ रुपये का जो खर्च था, वह आज 300 से 400 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है! आपको यकीन नहीं होगा, लेकिन भारतीय रुपयों की क्रय शक्ति में काफी कमी आई है.

VFX और टेक्नोलॉजी की दुनिया

अब बात करते हैं उस समय की तकनीकी स्थिति की. 1975 में कोई वीएफएक्स या हाईटेक एडिटिंग टेक्नोलॉजी नहीं थी. लेकिन आज के दौर में ऐसी तकनीकों का इस्तेमाल फिल्म निर्माण में अनिवार्य हो चुका है. ‘शोले’ जैसी फिल्म में ड्रोन शॉट्स, वीएफएक्स, और हाईटेक कैमरा वर्क के लिए मेकर्स को 65 से 110 करोड़ तक खर्च करने पड़ते. यह फिल्म के तकनीकी पक्ष को आधुनिक बनाने के लिए आवश्यक खर्च है.

लोकेशन, सेट और लीड कास्ट की फीस

अगर हम फिल्म की शूटिंग लोकेशन की बात करें, तो जो सेट 1975 में बने थे, 2025 में उसे तैयार करने में 15 से 20 करोड़ रुपये का खर्च आ सकता है. इसके अलावा, फिल्म के लीड एक्टर्स की फीस में भी भारी इजाफा हुआ है. 1975 में लाखों में फीस मिलती थी, लेकिन 2025 में यह रकम करोड़ों में बदल जाती.

प्रमोशन और म्यूजिक

आजकल फिल्म का प्रमोशन और म्यूजिक रिलीज भी बेहद महंगे हो गए हैं. 1975 में जहां प्रमोशन का खर्च अपेक्षाकृत कम था, वहीं 2025 में म्यूजिक, फिल्म प्रमोशन, पीआर इत्यादि के लिए 30 से 45 करोड़ रुपये का खर्च आ सकता है.

कुल मिलाकर खर्च

अब, इन सब खर्चों को जोड़ें, तो 2025 में ‘शोले’ का बजट लगभग 300 से 400 करोड़ तक पहुंच सकता है. यानी, जो फिल्म 1975 में 3 करोड़ में बनी थी, वही आज तकरीबन 100 गुना महंगी हो गई है!

क्या फिर भी ‘शोले’ की कमाई जबरदस्त होती?

हालांकि, यहां एक और दिलचस्प पहलू है. अगर फिल्म आज 300 से 400 करोड़ रुपये में भी बनाई जाती, तो उसकी कमाई अभी भी जबरदस्त होती. 1975 में जिस तरह फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धूम मचाई थी, आज भी सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के चलते फिल्म की कमाई कहीं अधिक हो सकती है. टिकटों की कीमतें और दर्शकों का अनुभव, दोनों में काफी अंतर है, जो फिल्म की सफलता को एक नए आयाम तक पहुंचा सकता है.

तो, अगर हम ‘शोले’ को 2025 में बनाते, तो यह ना केवल एक तकनीकी और आर्थिक दृष्टि से बड़ी फिल्म होती, बल्कि आज के डिजिटल युग में इसकी लोकप्रियता और कमाई भी फैंस को चौंका देती. और यह सब दर्शाता है कि समय बदलता है, लेकिन ‘शोले’ जैसा फिल्मी माइलस्टोन हमेशा हमारे दिलों में अपनी जगह बनाए रखता है!

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