बीजेपी से टिकट मिलने के बाद गानों पर बवाल से लेकर अक्षरा सिंह से एग्रीमेंट तक…पवन सिंह ने खोले कई सारे राज
Pawan Singh: भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार और राजनीति के संभावित सितारे पवन सिंह हाल ही में एक इंटरव्यू में अपनी जिंदगी के कुछ अनसुने किस्से लेकर सामने आए. वैसे भी जब भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार पवन सिंह बात करने लगते हैं, तो आप उम्मीद कर सकते हैं कि कुछ न कुछ अनूठा जरूर सुनने को मिलेगा. अगर आप सोच रहे हैं कि पवन सिंह का राजनीतिक सफर फिल्मों से कम रोमांचक है, तो आप गलत सोच रहे हैं. हाल ही में पवन सिंह ने एक इंटरव्यू में अपने मजेदार चुनवी सफर से लेकर निजी जिंदगी तक के कई सारे राज खोले हैं.
अक्षरा सिंह से एग्रीमेंट!
पवन सिंह ने शादी के मसले को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा किया. उन्होंने बताया कि उनकी मां ने अक्षरा सिंह से शादी से पहले एक एग्रीमेंट साइन कराने को कहा था, जिसमें अक्षरा ने प्रॉपर्टी में हिस्सा नहीं मांगने की बात मानी. पवन का कहना है, “मैं पैसे के लिए नहीं, लेकिन आंसू में बिक जाता हूं.”
2019 का चुनावी सस्पेंस: हावड़ा से दिल्ली तक!
पवन सिंह ने कहा, “2019 में दिल्ली में चुनाव लड़ने का ऑफर मिला. हावड़ा से लड़ने की बात थी. मेरे पिता वहां जॉब करते थे. लेकिन, जब मैंने सोचा कि किस्मत चमकने वाली है, तो टीवी पर किसी और उम्मीदवार के नाम का ऐलान किया गया.” पवन सिंह ने बताया, “मैं इंतजार करता रहा और 5 घंटे में ही नाम बदल गया. क्या राजनीति भी इतनी ड्रामेटिक हो सकती है?”
2024 का चुनावी प्लान- पटना से आसनसोल तक!
पवन सिंह ने कहा कि 2024 में मैंने चुनाव लड़ने का मन बना लिया था. पटना से फोन आया कि मैं बीजेपी के टिकट पर आसनसोल से चुनाव लड़ूं. पवन ने कहा, “मैंने परिवार से बातचीत की और फैसला किया कि चुनाव लड़ूंगा. लेकिन, जैसे ही तैयारी शुरू हुई, गानों को लेकर बवाल मच गया! पवन ने कहा, “बीजेपी वालों ने कहा कि गाने को लेकर बवाल हो रहा है, लेकिन हम सोचेंगे. मीडिया में झूठी खबरें फैल गईं. लगता है गाने भी चुनावी रणनीति का हिस्सा बन गए!”
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काराकाट से पवन की ‘पलटन’
इसके बाद पवन सिंह ने तय कर लिया कि वे निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. उनके दोस्तों और परिवार ने उन्हें काराकाट से चुनाव लड़ने की सलाह दी, और पवन ने इसे स्वीकार कर लिया. उनका कहना है, “लोगों ने मुझे चाहा, और मैं हारने के बाद भी काराकाट जाता रहूंगा.” राजनीति में दोस्त और परिवार के समर्थन से बढ़िया क्या हो सकता है?
क्या मनोज तिवारी ने किया विरोध?
पवन सिंह ने इस विषय पर खुलकर बातचीत नहीं की. हालांकि, उन्होंने इसे स्वीकार किया कि भोजपुरी के कई लोग नहीं चाहते थे कि पवन सिंह आगे बढ़ें. पवन ने इसे नजरअंदाज करते हुए कहा, “लोगों ने मुझे वोट किया, और मैं हारने के बाद भी काराकाट जाता रहूंगा.” पवन सिंह का यह राजनीतिक सफर न केवल उनकी फिल्मों की तरह रोमांचक है, बल्कि हर मोड़ पर नया ट्विस्ट भी लेकर आता है. देखते हैं कि पवन सिंह की राजनीतिक कहानी का अगला चैप्टर क्या होता है.