जब कातिल को पकड़ने में ‘चंदा मामा’ ने दी गवाही! अंकिता भंडारी मर्डर केस की अनकही कहानी

वनंतरा रिसॉर्ट का मालिक और एक पूर्व बीजेपी नेता के बेटे पुलकित आर्या ने दावा किया था कि अंकिता की मौत एक हादसा थी. उसने कहा कि अंकिता रात 9 बजे चीला नहर में गिर गई थी और उसने उसे बचाने की कोशिश की. लेकिन जांच में उसकी कहानी झूठी निकली.
Ankita Bhandari Case

अंकिता भंडारी को मिला इंसाफ

Ankita Bhandari Case: एक मासूम की चीख, एक हत्यारे का झूठ और चांद की गवाही…उत्तराखंड के अंकिता भंडारी हत्याकांड ने देश का दिल दहला दिया था. 19 साल की अंकिता की हत्या के तीनों गुनहगार पुलकित आर्या, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता अब सलाखों के पीछे हैं. कोटद्वार की अदालत ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई. लेकिन इस केस का सबसे चौंकाने वाला मोड़? चांद की रोशनी, जिसने हत्यारे का झूठ बेनकाब कर दिया. आइए जानते हैं कि कैसे 3 साल बाद उत्तराखंड की वादियों में इंसाफ की लौ जल उठी.

चांद ने खोला कातिलों का राज

वनंतरा रिसॉर्ट का मालिक और एक पूर्व बीजेपी नेता के बेटे पुलकित आर्या ने दावा किया था कि अंकिता की मौत एक हादसा थी. उसने कहा कि अंकिता रात 9 बजे चीला नहर में गिर गई थी और उसने उसे बचाने की कोशिश की. लेकिन जांच में उसकी कहानी झूठी निकली. विशेष जांच टीम (SIT) ने कोलकाता की मौसम वेधशाला से संपर्क किया. वेधशाला ने बताया कि उस रात 11 बजे से पहले वहां चांद निकला ही नहीं था. रात 9 बजे इतना अंधेरा था कि बिना टॉर्च के कुछ देखना असंभव था. इस तरह चांद ने पुलकित के झूठ को बेनकाब कर दिया.

सीसीटीवी और डॉक्टरों ने पकड़ी सच्चाई

एसआईटी की प्रमुख पी. रेणुका देवी ने बताया कि जांच में कई अहम सबूत मिले. चीला नहर के पास लगे सीसीटीवी फुटेज ने हत्यारों की हरकतों को कैद किया था. इसके अलावा, एम्स ऋषिकेश के डॉक्टरों ने अंकिता के शव का पोस्टमॉर्टम किया. उन्होंने उसकी चोटों से यह पता लगाया कि वह कितनी ऊंचाई से गिरी थी. इन सबूतों ने साबित कर दिया कि अंकिता की मौत कोई हादसा नहीं, बल्कि सुनियोजित हत्या थी.

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कैसे शुरू हुआ मामला?

अंकिता वनंतरा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी. अचानक लापता हो गई. माता-पिता की शिकायत के बाद भी पुलिस ने शुरू में ढिलाई बरती. लेकिन सोशल मीडिया पर मामला गरमाने के बाद जांच तेज हुई. 24 सितंबर 2022 को उत्तराखंड सरकार ने एसआईटी बनाई. छह दिन बाद चीला नहर से अंकिता का शव मिला. जांच में पता चला कि पुलकित और उसके साथियों ने अंकिता की हत्या की और शव को नहर में फेंक दिया.

कानून का डंडा, दोषियों को सजा

एसआईटी ने 500 पेज की चार्जशीट तैयार की, जिसमें पुख्ता सबूत और गवाहों के बयान शामिल थे. कोर्ट ने इस आधार पर तीनों को दोषी ठहराया. पुलकित पर हत्या, सबूत मिटाने और यौन उत्पीड़न के आरोप सिद्ध हुए, जबकि सौरभ और अंकित को हत्या और सबूत मिटाने में शामिल पाया गया. कोटद्वार की अदालत ने तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

इंसाफ की जीत

अंकिता भंडारी केस ने यह साबित किया कि सच को कितना भी छिपाने की कोशिश हो, वह सामने आ ही जाता है. चांद की रोशनी, सीसीटीवी और डॉक्टरों की जांच ने एक मासूम के परिजनों को इंसाफ दिलाया. यह फैसला न सिर्फ अंकिता के परिवार, बल्कि हर उस इंसान के लिए राहत की सांस है, जो सच और न्याय में यकीन रखता है.

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