कथावाचक को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ देने पर बवाल, नप सकते हैं SP; अखिलेश और चंद्रशेखर ने सरकार को घेरा

Bahraich Police News: मामले की गंभीरता को देखते हुए उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) राजीव कृष्ण ने तुरंत संज्ञान लिया. डीजीपी ने पुलिस परेड ग्राउंड के इस तरह के उपयोग पर कड़ी नाराजगी जताई है. उन्होंने बहराइच के पुलिस अधीक्षक (SP) राम नयन सिंह को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है.
Pundrik Goswami Guard of Honour

कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी को सलामी

Pundrik Goswami Guard of Honour: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसने पुलिस महकमे से लेकर सियासी गलियारों तक हलचल मचा दी है. आमतौर पर जिस ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ और पुलिस सलामी के हकदार देश के राष्ट्रपति, राज्यपाल या मुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्ति होते हैं, वह सम्मान बहराइच पुलिस लाइन (Bahraich Police) में एक कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी (Pundrik Goswami) को दिया गया. अब जहां डीजीपी ने एसपी से जवाब मांगा है, वहीं विपक्ष इसे ‘संविधान पर हमला’ बता रहा है.

क्या है पूरा मामला?

बीते दिनों बहराइच पुलिस लाइन के परेड ग्राउंड में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस दौरान जब कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी वहां पहुंचे, तो पुलिस के जवानों ने बाकायदा परेड की और उन्हें सलामी दी. यह पूरा दृश्य किसी बड़े राजकीय समारोह जैसा लग रहा था. जैसे ही इस आयोजन की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, सवाल उठने लगे कि क्या अब धार्मिक गुरुओं को भी संवैधानिक प्रोटोकॉल के तहत सम्मान दिया जाएगा?

DGP ने जताया कड़ा ऐतराज

मामले की गंभीरता को देखते हुए उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) राजीव कृष्ण ने तुरंत संज्ञान लिया. डीजीपी ने पुलिस परेड ग्राउंड के इस तरह के उपयोग पर कड़ी नाराजगी जताई है. उन्होंने बहराइच के पुलिस अधीक्षक (SP) राम नयन सिंह को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है. पुलिस मुख्यालय का कहना है कि परेड ग्राउंड केवल आधिकारिक प्रशिक्षण और अनुशासनात्मक कार्यों के लिए है, किसी निजी या धार्मिक आयोजन के लिए नहीं.

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विपक्ष ने साधा निशाना

इस घटना ने विपक्ष को सरकार पर हमला करने का बड़ा मौका दे दिया है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए ‘X’ पर लिखा कि जब पुलिस सलामी देने में व्यस्त रहेगी, तो अपराधी बेखौफ घूमेंगे. वहीं, सांसद और भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आज़ाद ने तीखे सवाल दागते हुए कहा, “भारत कोई मठ नहीं, बल्कि एक संवैधानिक गणराज्य है. सलामी राष्ट्र की शक्ति का प्रतीक है, इसे किसी बाबा का रुतबा बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करना संविधान पर हमला है.”

पुलिस की ‘अनोखी’ दलील

चौतरफा घिरने के बाद बहराइच पुलिस ने अपनी सफाई में एक अजीबोगरीब तर्क दिया है. पुलिस का कहना है कि हाल के दिनों में कठिन ट्रेनिंग और काम के दबाव के कारण करीब 28 पुलिसकर्मियों ने इस्तीफा दे दिया था. जवानों को मानसिक अवसाद से बाहर निकालने और उनका मनोबल बढ़ाने के लिए आचार्य पुंडरीक गोस्वामी को ‘प्रेरणास्पद भाषण’ देने के लिए बुलाया गया था. पुलिस के मुताबिक, इस प्रवचन से जवानों के मनोबल में सुधार हुआ है. अब देखना यह है कि क्या डीजीपी पुलिस की इस दलील से संतुष्ट होते हैं या नियमों की अनदेखी करने वाले अधिकारियों पर गाज गिरती है.

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