4 दिग्गज, 70 रैलियां और अंतिम दौर की जोर आजमाइश…बिहार फतह के लिए BJP का ‘महाप्रचार’ अभियान
बीजेपी के चार दिग्गज नेता
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव का प्रचार अब अपने अंतिम पड़ाव पर है. कल 9 नवंबर की शाम 5 बजे चुनावी शोर हमेशा के लिए थम जाएगा. इससे पहले, भारतीय जनता पार्टी ने राज्य की सत्ता पर फिर से काबिज होने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. पार्टी के चार सबसे बड़े चेहरों ने मिलकर इसे अंजाम दिया है.
चार महारथियों ने संभाला मोर्चा
बीजेपी के इन चार ‘दिग्गजों’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल हैं. इन चारों नेताओं ने मिलकर बिहार के कोने-कोने में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. आंकड़ों की बात करें तो, इन चारों नेताओं ने अब तक राज्य में लगभग 70 चुनावी रैलियां और रोड शो किए हैं. यह दिखाता है कि बीजेपी इस चुनाव को कितनी गंभीरता से ले रही है.
अमित शाह के नाम 35 रैलियों का रिकॉर्ड
गृहमंत्री अमित शाह ने 17 अक्टूबर को अपना बिहार अभियान शुरू किया और तब से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. उन्होंने अब तक 35 रैलियां की हैं और एक रोड शो किया है, जो सभी प्रमुख नेताओं में सबसे अधिक है. रैलियों के अलावा, उन्होंने कार्यकर्ताओं को जोड़ने के लिए बिहार के चारों हिस्सों में संभागीय कार्यकर्ता सम्मेलन भी किए हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने अपना प्रचार 24 अक्टूबर को समस्तीपुर से शुरू किया और अब तक 12 रैलियां और एक रोड शो कर चुके हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अब तक 17 रैलियां की हैं और प्रचार के आखिरी दिन 9 नवंबर को होने वाली रैलियों को मिलाकर वे 20 रैलियों को संबोधित कर चुके होंगे. वहीं, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी 23 अक्टूबर से मोर्चा संभाला और अब तक 12 रैलियां, 1 रोड शो और 3 सांगठनिक बैठकें की हैं.
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महामुकाबले का दूसरा चरण
प्रचार समाप्त होने के बाद अब सभी की निगाहें 11 नवंबर पर टिकी हैं, जब दूसरे और अंतिम चरण के लिए मतदान होगा. दूसरे चरण में 122 सीटों पर वोटिंग होगी. इस चरण में कुल 1,302 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. यह चरण एनडीए और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर वाला माना जा रहा है.
पहले चरण में ‘बंपर वोटिंग’ के मायने
बिहार में पहले चरण के मतदान में 64% से अधिक वोटिंग दर्ज की गई, जिसमें महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. सत्तारूढ़ गठबंधन इसे अपनी जीत की पहली झलक मान रहा है, क्योंकि उनका मानना है कि महिलाओं का भारी मतदान एनडीए के पक्ष में हुआ है. दूसरी ओर, विपक्ष का कहना है कि यह अधिक मतदान इस बात का संकेत है कि राज्य में सत्ता परिवर्तन हो रहा है और वोटर नीतीश कुमार सरकार से नाराज़ हैं. अब देखना यह है कि पहले चरण का यह जोश दूसरे चरण के मतदान में भी बरकरार रहता है या नहीं. वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी, जब बिहार की जनता का फैसला सामने आएगा.