बिहार में नामांकन के लिए आई उम्मीदवारों की बाढ़, दो दिनों में ही 2 हजार ने भरा पर्चा, इस सीट पर सबसे ज्यादा दावेदारी!

Bihar Election: महागठबंधन खेमे में तो आखिरी समय तक यह साफ नहीं हो पाया कि कौन सी पार्टी कितनी सीटों पर लड़ेगी. नतीजतन, कई प्रत्याशियों को खुद ही 'शुभ मुहूर्त' देखकर पर्चा दाखिल करना पड़ा. हालांकि एनडीए ने अपने पत्ते देर से खोले, लेकिन आपसी सहमति बनते ही टिकटों का ऐलान कर दिया गया.
Bihar Election First Phase Nomination

प्रतीकात्मक तस्वीर

Bihar Election First Phase Nomination: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की 121 सीटों पर सियासी घमासान अपने चरम पर है. नामांकन का काउंटडाउन जैसे ही खत्म हुआ, आखिरी दो दिनों में उम्मीदवारों की ऐसी बाढ़ आई कि चुनाव आयोग के दफ्तरों में पैर रखने की जगह नहीं बची.

जी हां, शुरुआती धीमी रफ्तार के बाद, आखिरी शुक्रवार को पर्चा भरने की तारीख खत्म होते-होते कुल 2,496 उम्मीदवारों ने अपनी दावेदारी पेश कर दी है. इसका सीधा मतलब है कि हर सीट पर अब औसतन 20 से ज्यादा नेता अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. यह संख्या बताती है कि चुनाव लड़ने की होड़ कितनी जबरदस्त है.

‘सीटों का गणित’ रहा उलझा!

इस बार नामांकन में देर होने की सबसे बड़ी वजह रही राजनीतिक पार्टियों के बीच सीट बंटवारे (Seat Sharing) का उलझा हुआ गणित. चाहे सत्ताधारी NDA हो या विपक्षी महागठबंधन, दोनों ही गठबंधनों में अंतिम समय तक सीटों पर खींचतान चलती रही.

महागठबंधन खेमे में तो आखिरी समय तक यह साफ नहीं हो पाया कि कौन सी पार्टी कितनी सीटों पर लड़ेगी. नतीजतन, कई प्रत्याशियों को खुद ही ‘शुभ मुहूर्त’ देखकर पर्चा दाखिल करना पड़ा. हालांकि एनडीए ने अपने पत्ते देर से खोले, लेकिन आपसी सहमति बनते ही टिकटों का ऐलान कर दिया गया.

कहां लगी नेताओं की ‘लाइन’?

इस बार सबसे ज्यादा नामांकन राजधानी पटना के पास की सीटों पर हुए हैं. राजधानी पटना की पालीगंज विधानसभा सीट पर तो रिकॉर्ड 45 उम्मीदवारों ने पर्चे भरे हैं. यहां मुख्य मुकाबला महागठबंधन की ओर से CPI-ML के संदीप सौरव और NDA की ओर से लोजपा (राम विलास) के सुनील कुमार के बीच माना जा रहा है.

यह भी पढ़ें: नक्सलियों ने टेके घुटने! अब उदंती एरिया कमेटी ने की युद्ध विराम की अपील, लेटर हुआ वायरल

अन्य भीड़-भाड़ वाली सीटें

वैशाली की महनार (40), हायाघाट (35), खुरहनी (33) और आरा (32) जैसी सीटों पर भी बड़ी संख्या में दावेदार सामने आए हैं. वहीं, गोपालगंज की भोरे और मुजफ्फरपुर की सकरा जैसी दो सीटों पर सबसे कम (केवल 10-10) आवेदन आए हैं. कुल 121 सीटों में से 64 सीटें ऐसी हैं, जहां 20 या इससे अधिक नामांकन दाखिल किए गए हैं.

स्क्रूटनी के बाद ‘तस्वीर’ होगी साफ!

आज (शनिवार) शाम तक नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी का काम पूरा हो जाएगा, जिससे यह साफ होगा कि कितने पर्चे वैध हैं. लेकिन चुनावी मैदान में असली योद्धा कौन होगा, यह दिवाली के दिन ही पता चलेगा, क्योंकि 20 अक्टूबर (सोमवार) को नाम वापस लेने की आखिरी तारीख है. तेजस्वी यादव (राघोपुर), सम्राट चौधरी (तारापुर), मैथिली ठाकुर (अलीनगर) और विजय सिन्हा (लखीसराय) जैसे बड़े चेहरों की वजह से पहले चरण का यह मुकाबला बेहद दिलचस्प होने वाला है.

ज़रूर पढ़ें