Bihar Elections 2025: पॉलिटिक्स में एंट्री को तैयार नीतीश कुमार के बेटे निशांत, फिर कहां फंस रहा पेंच?
निशांत कुमार की राजनीति में कब होगी एंट्री
Nitish Kumar Son: बिहार की सियासी गलियारे में काफी हलचल मची हुई है. प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार आगामी विधानसभा चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाने को तैयार हैं. लेकिन उनके पिता की मंजूरी का हर कोई इंतजार कर रहा है. वहीं, पार्टी के आंतरिक समीकरणों के कारण पेंच फंस गया है. हाल ही में निशांत ने NDA की जीत का दावा किया है. मगर अभी भी निशांत की राजनीतिक एंट्री पर सवाल उठ रहे हैं.
तैयार है नीतीश के लाल
सीएम नीतीश कुमार के इकलौते बेटे निशांत लंबे समय से राजनीति में कदम रखने की चर्चा का केंद्र बने हुए हैं. जुलाई 2025 में अपने जन्मदिन पर मीडिया से बातचीत में निशांत ने कहा था- ‘मेरे पिता फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे, NDA की सरकार बनेगी और हम भारी बहुमत से जीतेंगे.’ उन्होंने जनता पर भरोसा जताते हुए पिछले 20 वर्षों के विकास कार्यों का जिक्र किया. निशांत ने स्पष्ट रूप से कहा कि बिहार की जनता नीतीश के काम को सराहेगी और उन्हें दोबारा सत्ता सौंपेगी.
जेडीयू के कई नेता, जैसे उपेंद्र कुशवाहा, निशांत को पार्टी की ‘नई उम्मीद’ बता रहे हैं. कुशवाहा ने नीतीश से अपील की कि वे जल्द निशांत को मौका दें, वरना पार्टी को ‘अलगाव’ का नुकसान हो सकता है.
हरनौत सीट से लड़ने की तैयारी
निशांत की सक्रियता बढ़ रही है. अगस्त में बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने उनसे मुलाकात की, जो बीजेपी-जेडीयू गठबंधन की मजबूती का संकेत देती है. फरवरी से ही अफवाहें हैं कि निशांत हरनौत विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं, जो नीतीश का गृह क्षेत्र है. मार्च में मिंट की एक रिपोर्ट में भी इसकी पुष्टि हुई थी. निशांत ने अपने पिता की फिटनेस पर भी जोर देते हुए कहा था कि मेरे पिता 100% फिट हैं, जनता उन पर वोट डाले.
कहां फंस रहा पेंच?
निशांत की एंट्री में मुख्य पेंच नीतीश कुमार की मंजूरी है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, निशांत तैयार हैं, लेकिन ‘अब बस मुख्यमंत्री नीतीश की हां का इंतजार’ है. नीतीश ने हमेशा राजनीति को परिवार से दूर रखा है, लेकिन उम्र और स्वास्थ्य के कारण उत्तराधिकारी की चर्चा तेज हो गई है. JDU में आंतरिक कलह भी बाधा बन रही है. कुछ नेता निशांत को जल्दी लॉन्च करने की वकालत कर रहे हैं, तो कुछ पुराने नेताओं को लगता है कि यह ‘राजशाही’ जैसा होगा.
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NDA गठबंधन में भी सवाल हैं. बीजेपी निशांत को स्वीकार करेगी या नहीं? प्रशांत किशोर जैसे विपक्षी नेता JDU पर हमला बोल रहे हैं. उन्होंने कहा है कि 2025 में निशांत या तेजस्वी यादव ही मुख्य चेहरा होंगे. इसके अलावा, निशांत की राजनीतिक अनुभव की कमी एक बड़ा पेंच है. वे अभी तक सोशल मीडिया और सामाजिक कार्यों तक सीमित हैं. विपक्ष से RJD इसे ‘वंशवाद’ बता कर हमला कर रहा है.