‘तुम्हारे माता-पिता CM थे, तब की स्थिति जानते हो? तुम बच्चा थे…’, वोटर लिस्ट पर तेजस्वी ने घेरा तो भड़क गए नीतीश कुमार

Bihar Monsson Session 2025: तेजस्वी यादव ने मतदाता सत्यापन के लिए मांगे जा रहे 11 दस्तावेजों पर सवाल उठाते हुए नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साधा. इस दौरान मुख्यमंत्री और तेजस्वी के बीच तीखी बहस हुई.
Bihar Monsoon Session 2025

बिहार मानसून सत्र में जमकर हंगामा

Bihar Monsson Session 2025: बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन वोटर लिस्ट रिवीजन के मुद्दे पर जोरदार हंगामा देखने को मिला. विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मतदाता सत्यापन के लिए मांगे जा रहे 11 दस्तावेजों पर सवाल उठाते हुए नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साधा. इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच तीखी बहस हुई, जिसमें नीतीश ने तेजस्वी को ‘बच्चा’ कहते हुए उनके माता-पिता लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के कार्यकाल को याद करने की सलाह दी. नीतीश ने कहा- ‘तुम्हारे माता-पिता मुख्यमंत्री थे, उस समय क्या स्थिति थी? हमने बिहार में सुशासन लाया.’

वोटर लिस्ट रिवीजन पर तेजस्वी के आरोप

तेजस्वी यादव ने विधानसभा में मतदाता सत्यापन अभियान को गरीबों के वोटिंग अधिकार छीनने की साजिश करार दिया. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा मांगे गए 11 दस्तावेज, जैसे माता-पिता का जन्म प्रमाण पत्र और शैक्षणिक प्रमाण पत्र, गरीबों के पास उपलब्ध नहीं हैं. तेजस्वी ने सवाल उठाया कि आधार कार्ड, राशन कार्ड और मनरेगा कार्ड जैसे सामान्य दस्तावेजों को क्यों शामिल नहीं किया गया.

तेजस्वी ने कहा- ‘संविधान ने सभी नागरिकों को वोट देने का समान अधिकार दिया है. हम SIR प्रक्रिया का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल जरूर है. 2003 में इसी प्रक्रिया को पूरा करने में डेढ़ साल लग गया था. अभी बिहार में बारिश का समय है, लोग कैसे फॉर्म भरेंगे?’ उन्होंने इसे केंद्र सरकार और नीतीश सरकार की मिलीभगत बताते हुए कहा- ‘यह लोकतंत्र और संविधान पर हमला है.’

नीतीश कुमार का पलटवार

तेजस्वी के आरोपों पर जवाब देने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उठे, पहले ही नेता प्रतिपक्ष की बातों पर भड़के हुए थे. उन्होंने तेजस्वी को उनके माता-पिता के शासनकाल की याद दिलाते हुए कहा- ‘तुम बच्चा न हो, तुम्हारे माता-पिता मुख्यमंत्री थे, तब क्या किया? पटना में लोग शाम को घर से निकलने से डरते थे.’ नीतीश ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं, जैसे महिलाओं को 50% आरक्षण, बिजली, पानी और शौचालय की सुविधाएं. उन्होंने यह भी दावा किया कि उनकी सरकार ने मुस्लिम समुदाय के लिए कब्रिस्तानों की घेराबंदी जैसे काम किए, जो पहले नहीं हुए.

नीतीश ने कहा- ‘चुनाव लड़ना है तो अंड-बंड बोलते रहो. महिलाओं के लिए हमने कितना किया, मुसलमानों के लिए कितना किया. तुम जब हमारे साथ थे तो हमारी तारीफ करते थे. अब क्या हो गया?’

नीतीश का सुशासन बनाम जंगलराज

नीतीश कुमार ने तेजस्वी के आरोपों का जवाब देते हुए अपनी सरकार के कामों का विवरण दिया. नीतीश ने विपक्ष पर ‘जंगलराज’ की याद दिलाते हुए कहा कि उनके शासनकाल से पहले बिहार की स्थिति बदतर थी. उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने बिहार को ‘सुशासन’ की राह पर लाया, जबकि तेजस्वी के माता-पिता के शासन में ‘जंगलराज’ था. उन्होंने तेजस्वी को चुनौती दी कि वे अपने काम के आधार पर चुनाव लड़ें.

विपक्ष का प्रदर्शन और हंगामा

वोटर लिस्ट रिवीजन के विरोध में विपक्षी विधायकों, खासकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सदस्यों ने काले कपड़े पहनकर और ‘नीतीश कुमार हाय-हाय’ व ‘SIR वापस लो’ के नारे लगाकर प्रदर्शन किया. विधानसभा में विपक्ष ने मेन गेट जाम कर दिया, जिसके कारण नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को दूसरे गेट से प्रवेश करना पड़ा. स्पीकर ने विपक्षी विधायकों को धक्का-मुक्की और पोस्टर दिखाने से मना किया, लेकिन हंगामे के बीच सदन को बुधवार सुबह 2 बजे तक स्थगित करना पड़ा.

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तेजस्वी का पहले से हमला

इससे पहले तेजस्वी ने वोटर लिस्ट रिवीजन को चुनाव से पहले गरीबों को मतदान से वंचित करने की साजिश बताई है. उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार और केंद्र की बीजेपी सरकार हार के डर से इस तरह के हथकंडे अपना रही है. तेजस्वी ने कहा- ‘पहले वोटिंग का अधिकार छीनेंगे, फिर राशन और पेंशन छीन लेंगे.’

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